राजस्थान का इतिहास 1

अध्याय 1 राजस्थान का इतिहास : एक परिचय

यहाँ पर आपको NCERT कक्षा 10 की राजस्थान का इतिहास एवं संस्कृति किताब के अध्याय 1 राजस्थान का इतिहास : एक परिचय से संबंधित प्रश्नों को सम्मिलित किया गया हैं जो आपके प्रतियोगिता परीक्षा के उपयोगी हो सकते हैं.

प्रश्न – 1. “राजपुताना” शब्द का प्रयोग कब व किसने किया?

उत्तर – 1800 ई. में जॉर्ज थामस ने

प्रश्न – 2. वह कौनसी किताब है जिसमें 1829 ई. में कर्नल जेम्स टॉड ने इस प्रदेश का नाम “रायथान” रखा?

उत्तर – एनल्स एण्ड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान

प्रश्न – 3. स्वतंत्रता के बाद विभिन्न रियासतों का एकीकरण कर इस प्रदेश का नाम राजस्थान कब रखा गया?

उत्तर – 30 मार्च, 1949 ई. को

प्रश्न – 4. राजस्थान के क्षेत्रों के प्राचीनतम नाम, जिनका उल्लेख ऋग्वेद में भी आया हैं –

उत्तर – मरू, धन्व, जांगल, मत्स्य, शूरसेन आदि

प्रश्न – 5. वर्तमान स्थान का प्राचीन नाम से मिलान कीजिए –

उत्तर – वर्तमान नाम                                              प्राचीन नाम

          1. जोधपुर                                                      छप्पन का मैदान

          2. बीकानेर और नागौर व आसपास का क्षेत्र            मत्स्य प्रदेश

          3. अलवर व भरतपुर                                        मरू/मरुवार/मारवाड़

          4. भरतपुर के मथुरा से सटे क्षेत्र, धौलपुर और करौली          जांगल प्रदेश

          5. प्रतापगढ़-बांसवाड़ा के मध्य का भू-भाग             शूरसेन

          6. जैसलमेर का प्राचीन नाम                               शेखावाटी

          7. डूंगरपुर-बांसवाडा क्षेत्र                                  मांड

          8. कोटा-बूँदी का प्रदेश                                                बांगड़

          9. सीकर, चुरू व झुंझुनूं का क्षेत्र                           हाड़ौती

प्रश्न – 6. माही नदी के पास का प्रतापगढ़ का भू-भाग किस नाम से जाना जाता हैं?

उत्तर – कांठल

प्रश्न – 7. मत्स्य प्रदेश की राजधानी थी –

उत्तर – विराटनगर

प्रश्न – 8. राजस्थान के क्षेत्र में स्थित प्राचीन राज्य जिनका उल्लेख महाभारत में मिलता हैं –

उत्तर – मत्स्य प्रदेश व शूरसेन

प्रश्न – 9. भैंसरोड़गढ़ से लेकर बिजौलिया तक का क्षेत्र किस नाम से जाना जाता हैं?

उत्तर – ऊपरमाल

प्रश्न – 10. उदयपुर के आस-पास का प्रदेश पहाड़ियों की अधिकता के कारण कहलाता है –

उत्तर – गिरवा

प्रश्न – 11. इतिहास किस काल को “प्राक युग” कहा जाता है?

उत्तर – वह युग जिसके ज्ञान के लिए कोई लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं

प्रश्न – 12. आद्य युग की संज्ञा इतिहास के किस काल को दी गई हैं?

उत्तर – जिस काल में लिखित साक्ष्य तो उपलब्ध है किन्तु या तो वे अस्पष्ट हैं अथवा उनकी लिपि को अभी तक पढ़ना संभव नहीं हैं

प्रश्न – 13. ऐतिहासिक युग का कालक्रम हैं –

उत्तर – 600 ई.पू. से वर्तमान तक

प्रश्न – 14. सैंकड़ों वर्ष पूर्व इस मरुस्थली भूमि में विद्यमान समुद्र में कौनसी नदियाँ आकर गिरती थी ?

उत्तर – सरस्वती तथा दृषद्वती नदियाँ

प्रश्न – 15. सर्वप्रथम जयपुर और इन्द्रगढ से पत्थर से बनी पूर्व पाषाणकालीन हस्त कुठार (Hand-Axe) कब व किसने खोजी?

उत्तर – 1870 ई. में सी.ए. हैकेट ने

प्रश्न – 16. जालौर से पूर्व पाषाणकालीन युग के उपकरणों की खोज का श्रेय किसको है?

उत्तर – बी. आल्चिन को

प्रश्न – 17. मध्य पाषाणकालीन में निर्मित पत्थर के बने इग्रेवर, क्रेसेन्ट, ट्रेपेज, ब्लेड आदि छोटे उपकरणों को किस नाम से जाना जाता हैं?

उत्तर – माइक्रोलिथ (लघु पाषाण उपकरण)

प्रश्न – 18. राजस्थान की ताम्रयुगीन संस्कृति के प्राचीन स्थलों के नाम –

उत्तर – गणेश्वर (सीकर), कालीबंगा (हनुमानगढ़), गिलूण्ड (राजसमन्द), आहड़ व झाडौल (उदयपुर), पिंड-पाडलियां (चित्तौड़गढ़), कुराड़ा (नागौर), साबणिया व पूगल (बीकानेर), नन्दलालपूरा, किराडोत व चीथवाडी (जयपुर), एलाना (जालौर), बूढ़ा पुष्कर (अजमेर), कोल माहोली (सवाईमाधोपुर), मलाह (भरतपुर) आदि

प्रश्न – 19. लौहे को गलाने की भट्टियाँ और अस्र-शस्र तथा उपकरण बनाने के कारखानों के अवशेष किस स्थान पर मिले हैं?

उत्तर – जोधपुरा (जयपुर) तथा सुनारी (झुंझुनूं)

प्रश्न – 20. लौह सामग्री की प्रचुरता के कारण प्राचीन राजस्थान का टाटानगर की संज्ञा दी गई है –

उत्तर – रैढ़ (टोंक)

प्रश्न – 21. राजस्थान में सलेटी रंग की चित्रित मृदभांड संस्कृति (Painted Grey Ware – PGW) के अवशेष मिले हैं –

उत्तर – विराटनगर व जोधपुरा (जयपुर), सुनारी (झुंझुनूं), नोह (भरतपुर)

प्रश्न – 22. कालीबंगा सभ्यता के अवशेष किस जिले में मिले हैं ?

उत्तर – हनुमानगढ़ (प्राचीन दृषद्वती और सरस्वती नदी घाटी क्षेत्र) वर्तमान में घग्घर नदी का क्षेत्र

प्रश्न – 23. कालीबंगा का नामकरण किस आधार पर किया गया?

उत्तर – यहाँ से खुदाई के दौरान प्राप्त काली चूड़ियों के कारण  क्योंकि पंजाबी में बंगा का अर्थ चूड़ी होता है

प्रश्न – 24. कालीबंगा सभ्यता की खोज किसने व कब की?

उत्तर – अमलानन्द घोष ने 1952 ई. में

(तत्पश्चात 1961-62 ई. में बी.बी.लाल, बी.के. थापर द्वारा खुदाई का कार्य करवाया गया)

प्रश्न – 25.  उत्खनन में कालीबंगा सभ्यता के कितने स्तर सामने आए हैं ?

उत्तर – पाँच स्तर (प्रथम दो स्तर हड़प्पा सभ्यता से भी प्राचीन व बाद के तीन स्तर हड़प्पा सभ्यता से समकालीन)

प्रश्न – 26. कालीबंगा सभ्यता के महत्त्वपूर्ण तथ्य –

उत्तर – 1. मकान बनाने के लिए धूप में पकाई गई मिट्टी की ईंटों का प्रयोग

2. मिट्टी के बर्तन पतले व हल्के तथा सुंदरता व सुदौलता का अभाव

3. बर्तनों का रंग लाल, जिन पर काली एवं सफेद रंग की रेखाएँ खींची गई हैं

4. जूते हुए खेत के साक्ष्य, एक ही खेत में दो फसलें उगाने का अनुमान

5. कब्रिस्तान से शवाधान पद्धति की जानकारी

6. एक बच्चे के कंकाल की खोपड़ी में छः छिद्र मिले हैं, जो मस्तिष्क शोध बीमारी के इलाज का प्रमाण जाना जाता हैं

7. खिलौना बैलगाड़ी, हवनकुंड, लकड़ी की नाली व बेलनाकार मुहर प्राप्त हुए हैं

प्रश्न – 27. आहड़ सभ्यता के अवशेस किस स्थान से प्राप्त हुए हैं ?

उत्तर – उदयपुर शहर के पास आहड़ नदी (आयड़ नदी) के तट पर

प्रश्न – 28. आहड़ सभ्यता एक टीले के नीचे दबी हुई प्राप्त हुई है उस टीले को कहते हैं –

उत्तर – धूलकोट (धुल यानि मिट्टी का टीला)

प्रश्न – 29. आहड़ सभ्यता को ताँबे के औजारों एवं उपकरणों के अत्यधिक प्रयोग के कारण किस नाम से जाना जाता है ?

उत्तर – ताम्रवती नगरी

प्रश्न – 30. आहड़ सभ्यता के महत्वपूर्ण तथ्य –

उत्तर – 1. मकान बनाने में धूप में सुखाई गई ईंटों एवं पत्थरों का प्रयोग

2. मृतकों को गहनों व आभूषणों के साथ दफनाते थे

3. लाल-काले मिट्टी के बर्तन वाली संस्कृति का प्रमुख केन्द्र

4. ठपों से यहाँ रंगाई-छपाई व्यवसाय के उन्नत होने का अनुमान

प्रश्न – 31. राजसमन्द जिले में स्थित बनास नदी के तट पर विकसित सभ्यता है –

उत्तर – गिलूण्ड सभ्यता (बनास संस्कृति)

प्रश्न – 32. गिलूण्ड सभ्यता की खोज किसने व कब की ?

उत्तर – 1957-58 ई. में बी.बी. लाल ने

प्रश्न – 33. गिलूण्ड सभ्यता के महत्वपूर्ण तथ्य –

उत्तर – 1. पाँच प्रकार के मिट्टी के बर्तन मिले हिं – सादे, काले, पालिशदार, भूरे, लाल और काले चित्रित मृदभांड

2. मिट्टी के खिलौने, पत्थर की गोलियाँ एवं हाथी दांत की चूड़ियों के अवशेष

3. आग में पकाई हुई ईंटों का प्रयोग

प्रश्न – 34. बागोर सभ्यता के अवशेष मिले हैं –

उत्तर – भीलवाड़ा जिले में कोठारी नदी के तट पर बागोर में

प्रश्न – 35. बागोर सभ्यता में किस काल के अवशेष मिले हैं ?

उत्तर – प्रागैतिहासिक काल के जो चार से पाँच हजार ईसा पूर्व के माने जाते हैं

प्रश्न – 36. बागोर सभ्यता से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य –

उत्तर – 1. बड़ी संख्या में लघु पाषाण उपकरण मिले जो इस सभ्यता के निवासियों के आखेटक होने को प्रमाणित करते हैं

2. तांबे के उपकरणों में छेड़ वाली सुई सबसे महत्वपूर्ण

3. कृषि व पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए

4. मध्य पाषाण कालीन सभ्यता का स्थल

प्रश्न – 37. बागोर सभ्यता का उत्खनन कब व किसने किया ?

उत्तर – 1967 से 1970 ई. तक डॉ. वी.एन. मिश्र ने

प्रश्न – 38. नीम का थाना, सीकर में स्थित ताम्रयुगीन सभ्यता है –

उत्तर – गणेश्वर सभ्यता (कान्तली नदी के उदगम पर स्थित)

प्रश्न – 39. गणेश्वर सभ्यता में काले व नीले रंग से सजाये हुए बर्तन को क्या कहा जाता हैं ?

उत्तर – कृपषवर्णी मृदपात्र

प्रश्न – 40. भारत में ताम्र सभ्यताओं की जननी किस सभ्यता को माना जाता हैं ?

उत्तर – गणेश्वर सभ्यता

प्रश्न – 41. रोमन ऐम्फोरा (सुरापात्र) व एक यूनानी सुराही किस स्थान से मिली है ?

उत्तर – भीनमाल (जालौर) की सभ्यता

प्रश्न – 42. भीनमाल का प्राचीन नाम है –

उत्तर – श्रीमाल

प्रश्न – 43. बैराठ के समीप अशोक का कौनसा अभिलेख है, जो अशोक के बौद्ध धर्म का अनुयायी होने का सबसे पुख्ता प्रमाण माना जाता है ?

उत्तर – भाब्रू अभिलेख

प्रश्न – 44. राजस्थान के अन्य महत्वपूर्ण स्थान जहाँ प्राचीन सभ्यताओं के अवशेष मिले हैं –

उत्तर – बालाथल, ईसवाल – उदयपुर

रंगमहल – हनुमानगढ़

ओझियाना – भीलवाड़ा

नगरी – चित्तौड़गढ़

नगर – टोंक

बरोर – गंगानगर

तिलवाड़ा – बाड़मेर

जोधपुरा – जयपुर

सुनारी – झुंझुनूं

नोह – भरतपुर

प्रश्न – 45. वैदिक सभ्यता के अवशेष कहाँ से प्राप्त हुए हैं ?

उत्तर – अनुपगढ, तरखान वाला डेरा व चक – 64 से

प्रश्न – 46. भगवान राम ने दक्षिणी सागर को भयभीत करने के लिए खींचा हुआ अपना अस्र राजस्थान की ओर फेंका था, जिससे यहाँ समुद्र के स्थान पर मरुस्थल हो गया –

उत्तर – अमोघअस्र

प्रश्न – 47. महाभारत के अनुसार राजस्थान का कौनसा प्रदेश कौरव-पाण्डवों के अधीन था ?

उत्तर – जांगलदेश (बीकानेर)

प्रश्न – 48. पाण्डवों ने अपने अज्ञातवास का एक वर्ष भेष बदल कर मत्स्य देश के किस शासक के दरबार में व्यतीत किया था?

उत्तर – शासक विराट के दरबार में (यह महाभारत युद्ध में पाण्डवों की ओर युद्ध लड़ता हुआ मारा गया था)

प्रश्न – 49. जनपद काल में चित्तौड़ के आस-पास का क्षेत्र किस नाम जाना जाता था ?

उत्तर – शिवि जनपद

प्रश्न – 50. आर्य ‘जन’ के रूप में मत्स्य जाति का उल्लेख सर्वप्रथम किस वेद में हुआ है जो इसकी प्राचीनता का प्रतीक है ?

उत्तर – ऋग्वेद में (शतपथ ब्राह्मण और कौषीतकि उपनिषद् में भी मत्स्य जन का उल्लेख)

राजस्थान का इतिहास यह भाग 1 है अगले भाग के लिए यहाँ क्लिक करें.

1. राजस्थान का इतिहास भाग-2

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