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राजस्थान में उद्योग

राजस्थान में उद्योग (Industry in Rajasthan)

राजस्थान में उद्योग

राज्य में उद्योग यहाँ की भौगोलिक परिस्थतियों के कारण ज्यादा विकसित नहीं हो सके है। राज्य के गठन के समय यहाँ 11 वृहद् उद्योग, 7 सूती वस्र, 2 सीमेंट व चीनी उद्योग तथा 207 पंजीकृत फैक्ट्रियां थी। 1978 में केंद्र सरकार की योजना के तहत जिला स्तर पर जिला उद्योग केन्द्रों की स्थापना की गई। वर्तमान में राजस्थान में 36 जिला उद्योग केंद्र व 8 उपकेन्द्र कार्यरत हैं।

राजस्थान में उद्योग नीतियाँ

नीतिघोषणा की तिथि विवरण
प्रथम24 जून, 1978 प्रथम नीति में रोजगारोन्मुख उद्योग यथा-खादी, ग्रामोद्योग, हथकरघा व हस्तशिल्प के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई व क्षेत्रीय असंतुलनों को दूर करने के प्रयास किए गए।
द्वितीयदिसम्बर, 1990 को घोषित व अप्रैल, 1991 को लागू। द्वितीय नीति में खनन, कृषिगत व अन्य साधनों के अधिकतम उपयोग, रोजगार संवर्ध्दन तथा औद्योगिकीकरण के माध्यम से राज्य के वित्तीय साधन बढ़ाने पर जोर दिया गया।
तृतीय15 जून, 1994 तृतीय नीति में राज्य का तीव्र गति से औद्योगिकीकरण का लक्ष्य रखा गया जिसमें मुख्य क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निजी क्षेत्र में औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया गया।
चतुर्थ4 जून, 1998 इस नीति उद्देश्य राज्य को कुछ चुने हुए क्षेत्रों में विनियोग को दृष्टि से सर्वोच्च प्राथमिकता वाला राज्य बनाना था।

राजस्थान के प्रमुख वृहद् व मध्यम उद्योग

सूती वस्र उद्योग (Cotton textile industry)-

यह कृषि आधारित देश का सबसे बड़ा उद्योग है। सूती वस्र उद्योग राज्य का परम्परागत एवं प्राचीनतम उद्योग है। राजस्थान में प्रथम सूती वस्र मिल दी कृष्णा मिल लि. 1889 में ब्यावर (अजमेर) में निजी क्षेत्र में सेठ दामोदर दस द्वारा स्थापित की गई थी। दूसरी मिल ब्यावर में ही एडवर्ड मिल्स लि. 1906 में स्थापित की गई।  वर्तमान में राजस्थान में सूती वस्र मिलें मुख्यतः ब्यावर, पाली, भीलवाड़ा, कोटा, चित्तौड़गढ़, जयपुर, श्रीगंगानगर, किशनगढ़ एवं बांसवाड़ा में स्थित है। राजस्थान में वर्तमान में सूती मिलें निजी, सार्वजनिक एवं सहकारी तीनों क्षेत्रों में कार्यरत है।

नमक उद्योग (Salt industry)-

डीडवाना (नागौर) एवं पचपदरा (बालोतरा, बाड़मेर) के नमक स्रोत राजस्थान सरकार के नियंत्रण में हैं। राजस्थान स्टेट केमिकल वर्क्स डीडवाना का 10 अक्टूबर, 2008 को निजीकरण कर दिया गया है।

इनके अलावा फलौदी (जोधपुर), लूणकरणसर (बीकानेर), पोकरण (जैसलमेर) आदि में भी छोटे पैमाने पर निजी उद्यमियों द्वारा नमक उत्पादित किया जाता है।

काँच उद्योग (Glass Industry)-

काँच के निर्माण में बालू मिट्टी, सिलिका, सोडियम सल्फेट, शिरा एवं कोयला आदि प्रयुक्त होते हैं। राज्य में इस उद्योग के कच्चे माल के साथ-साथ काँच बनाने वाले कुशल श्रमिक भी उपलब्ध हो जाते हैं। राजस्थान में छोटे स्तर पर काँच का सामान बनाने के कारखाने जयपुर, कोटा, भरतपुर, उदयपुर, बीकानेर, पाली, जोधपुर आदि स्थानों पर केन्द्रित है। वृहत् स्तर पर वर्तमान में राजस्थान में काँच निर्माण के निम्न कारखाने प्रमुख हैं-

हाइटैक प्रिसिजन ग्लास फैक्ट्री, धौलपुर- यह गंगानगर शुगर मिल्स की सहायक कम्पनी है। इसमें शराब की बोतलों का निर्माण किया जाता है। यह अब बंद पड़ी है।

धौलपुर ग्लास वर्क्स- यह निजी क्षेत्र की कम्पनी है।

सेमकोर ग्लास इंडस्ट्रीज, कोटा- यह टी.वी. की पिक्चर ट्यूब का निर्माण करती है।

सेंट गोबेन कम्पनी, भिवाड़ी, अलवर में एशिया का सबसे बड़ा फ्लोट ग्लास संयंत्र स्थापित किया है

घिलोट (नीमराना, अलवर) में रिको द्वारा सिरेमिक जोन बनाया जा रहा है।

वनस्पति घी उद्योग (Vegetable ghee industry)

राज्य में वनस्पति घी उद्योग का प्रथम कारखाना भीलवाड़ा में खोला गया। इसके पश्चात् जयपुर, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, कोटा, भरतपुर, गंगानगर, निवाई, अलवर आदि नगरों में इसकी इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। राज्य में तिलहनों की पैदावार अच्छी होने की वजह से इस उद्योग के विकास की अच्छी संभावनाएँ हैं।

राजस्थान के औद्योगिक विकास हेतु कार्यरत प्रमुख निगम

RIICO (राजस्थान राज्य औद्योगिक विकास व विनियोग निगम लि.)-

सबसे पहले 28 मार्च, 1969 में राजस्थान उद्योग व खनिज विकास निगम (RIMDC) की स्थापना की गई। इसके बाद नवम्बर, 1979 में इसका विभाजन कर राजस्थान राज्य खनिज विकास निगम (RMSDC) तथा जनवरी, 1980 में RIICO की स्थापना की गई।

उद्देश्य- राज्य में औद्योगिक संरचना का विकास व औद्योगिक क्षेत्र विकसित करना, मध्यम व वृहद् उद्योगों को अवधि ऋण उपलब्ध कराना तथा उन्हें तकनीकी सलाह, मर्चेंट, बैंकिंग गतिविधियों व इक्विटी सहभागिता द्वारा औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित करना।

RFC (राजस्थान वित्त निगम)-

इसकी स्थापना 17 जनवरी, 1955 को राज्य वित्त निगम अधिनियम, 1951 के तहत् की गई। इसका मुख्यालय उद्योग भवन, जयपुर है।

उद्देश्य- राज्य की अति लघु, लघु व मध्यम औद्योगिक इकाईयों को मध्यम व दीर्घकालीन वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाना। स्थापित उद्योगों के विस्तारीकरण तथा नवीनीकरण हेतु ऋण उपलब्ध करवाना।

RAJSICO (राजस्थान लघु उद्योग निगम)-

इसकी स्थापना 3 जून, 1961 को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत सीमित दायित्व वाली कंपनी के रूप में की गई।

उद्देश्य- लघु औद्योगिक व हस्तशिल्प इकाईयों को वित्तीय सहायता व प्रोत्साहन देना, कच्चा माल उपलब्ध कराना व उनकी उत्पादित वस्तुओं को विपणन सुविधाएँ उपलब्ध करवाना।

सार्वजनिक उपक्रम

केंद्रीय सरकार के उपक्रम-

हिन्दुस्तान जिंक लि. (उदयपुर)-  

राजस्थान के जस्ते के खनन एवं परिशोधन हेतु कार्यरत इस उपक्रम की स्थापना 10 जनवरी, 1966 को हुई थी। राज्य में इसके जिंक स्मेल्टर देबारी (उदयपुर) एवं चंदेरिया (चित्तौड़गढ़) में हैं। इसका प्रबंध अब वेदांत रिसोर्सेज को दे दिया गया है।

हिन्दुस्तान कॉपर लि. (खेतड़ी, झुंझुनूं)-

नवम्बर,1967 में संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से इसकी स्थापना की गई। यह राजस्थान के खेतड़ी व आसपास के तांबा भंडारों से तांबे के अयस्क के खनन एवं परिशोधन का कार्य करता है।

हिन्दुस्तान मशीन टूल्स, अजमेर (HMT)-

चेकोस्लोवाकिया की मदद से 1967 में स्थापित इस फैक्ट्री में इंजीनियरिंग, मशीनरी एवं ग्राइंडिग मशीनों का निर्माण होता है। HMT की समस्त देश में कुल 13 इकाइयाँ हैं। अजमेर की वाच इकाई बंद कर दी गई है।

सांभर साल्ट्स लि.-

सांभर झील में नमक उत्पादन हेतु हिंदुस्तान साल्ट्स लि. की सहायक इकाई के रूप में 1964 में स्थापना की गई।

इंस्ट्रूमेंटेशन लि. कोटा-

राजस्थान में इलेक्ट्रॉनिक मशीनें, विद्युत उत्पन्न करने वाले एवं रासायनिक यंत्रों का निर्माण करने हेतु इस उपक्रम की 1964 में स्थापना की गई।

राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित सार्वजनिक उपक्रम-

वैधानिक बोर्ड/निगम-

इस श्रेणी में वे उपक्रम आते हैं जिनकी स्थापना राज्य विधान सभा द्वारा पृथक से पारित किए गए अधिनियम के तहत् की गई है। इस श्रेणी संचालित उपक्रम हैं- 1. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC), 2. राजस्थान वित्त निगम (RFC), 3. राजस्थान आवासन मण्डल (RHB), 4. राजस्थान राज्य भण्डारण निगम (RSWC), 5. राजस्थान भूमि विकास निगम (RLDC), 6. राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड (RSAMB)।

कम्पनी अधिनियम, 1956 के तहत् पंजीकृत कम्पनियाँ-

रिको, राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम लि., राजस्थान राज्य हथकरघा निगम लि., राजस्थान राज्य पर्यटन विकास निगम लि. जयपुर, राजस्थान स्टेट होटल निगम लि., राजस्थान बीज निगम लि., राजस्थान कृषि उद्योग निगम लि., राजस्थान स्टेट रोड़ डवलपमेंट व कंस्ट्रक्शन कोर्पोरेशन लि., राजस्थान जल निकास निगम लि., राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम, राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम आदि।

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