राजस्थान में परिवहन | Transport in Rajasthan
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किसी व्यक्ति, सामान या संदेश को एक स्थान से दुसरे स्थान पर लाने या ले जाने की प्रक्रिया परिवहन कहलाती है। राजस्थान में परिवहन मुख्य रूप से तीन प्रकार का पाया जाता है-
- सड़क परिवहन,
- रेल परिवहन,
- वायु परिवहन।
राजस्थान में सड़क परिवहन की स्थिति-
राजस्थान में सडकों की लम्बाई | 226853.86 किलोमीटर |
राजस्थान में सडकों का घनत्व | 66.29 किलोमीटर(प्रति 100 वर्ग किमी.) |
राष्ट्रीय सड़क घनत्व | 166.47 किलोमीटर(प्रति 100 वर्ग किमी.) |
राजस्थान में सर्वाधिक लम्बा राष्ट्रीय राजमार्ग | N.H. 15 |
राजस्थान में सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग | N.H. 71B (4.7 किलोमीटर) |
राष्ट्रीय राजमार्गों की राज्य में लम्बाई | 8202.20 किलोमीटर |
राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग की संख्या | 39 |
राजस्थान का सबसे व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग | N.H. 8 (इस राजमार्ग का नया न. है 48 एवं 58) |
सडकों से जुड़े सर्वाधिक गांवों वाला जिला | गंगानगर |
सडकों से जुड़े न्यूनतम गांवों वाला जिला | सिरोही |
सडकों से जुड़े सर्वाधिक पंचायत मुख्यालय वाला जिला | उदयपुर |
सडकों से जुड़े न्यूनतम पंचायत मुख्यालय वाला जिला | जैसलमेर |
सबसे लम्बा राज्य उच्च मार्ग | SH-1 (433 किलोमीटर) |
सबसे छोटा राज्य उच्च मार्ग | SH-111A (8 किलोमीटर) |
राज्य उच्च मार्गों की संख्या | 170 |
राष्ट्रीय राजमार्गों की सर्वाधिक संख्या वाला जिला | पाली (7) |
सडकों का वर्गीकरण-
- एक्सप्रेस वे- ये अत्यधिक यातायात वाले मार्ग होते है। इनके निर्माण एवं रख रखाव का कार्य केन्द्रीय सरकार व राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करता है।
- राष्ट्रीय राजमार्ग- इनके निर्माण व रख रखाव का कार्य राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) करता है। ये राजमार्ग देश की कुल सड़क परिवहन सम्बन्धी मांग की लगभग 40 प्रतिशत आवश्यकता को पूरा करते हैं।
- राज्य उच्च मार्ग- ये राज्य के मुख्य मार्ग होते हैं, जो जिला मुख्यालयों तथा राज्य के प्रमुख शहरों को आपस में एवं राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ते हैं। इनके संचालन की जिम्मेदारी संबंधित राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारों की होती है।
- मुख्य जिला सड़कें- जिले के महत्त्वपूर्ण मार्ग जो विभिन्न जिलों को आपस में तथा मुख्य राजमार्गों से जोड़ते है।
- अन्य जिला व ग्रामीण सड़कें- ये सड़कें तहसील मुख्यलयों, खंड मुख्यालयों तथा अन्य महत्त्वपूर्ण सडकों को जोड़ती हैं। ग्रामीण सड़कें विभिन्न गांवों को आपस में तथा अन्य उच्च श्रेणी की सडकों को जोड़ती हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग (National Highway)
क्र.सं. | रा.रा.मार्ग(NH) संख्या | राजमार्ग का नाम | मार्ग में आने वाले जिले | राज्य में कुल लम्बाई (किमी.) | |
पुराना न. | नया न. | ||||
1. | 3 | 44 | श्रीनगर-आगरा-धौलपुर-मुंबई-कन्याकुमारी | धौलपुर | 28.29 |
2. | 3A | 123 | ऊंचा नगला-खानवा-रूपवास-धौलपुर | भरतपुर, धौलपुर | 63.20 |
3. | 8 | 48,58 | दिल्ली-जयपुर-अजमेर-उदयपुर-अहमदाबाद-मुंबई | अलवर, जयपुर, अजमेर, राजसमंद, उदयपुर,डूंगरपुर | 704.85 |
4. | 11 | 21,52,11 | आगरा-भरतपुर-दौसा-जयपुर-सीकर-बीकानेर | भरतपुर, करौली, दौसा, जयपुर, सीकर, चुरू, बीकानेर | 561.54 |
5. | 11A | 148 | दौसा-मनोहरपुर वाया घटवाडी | दौसा, जयपुर | 62.25 |
6. | 11AA | 148,23 | दौसा-लालसोट-कोथुन | दौसा, टोंक | 80.00 |
7. | 11B | 23 | लालसोट-गंगापुर-करौली-धौलपुर | दौसा, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर | 192.50 |
8. | 11C | 248 | चंदवाजी-जयपुर(NH-8 तक) | जयपुर | 28.00 |
9. | 12 | 52 | जयपुर-टोंक-बूंदी-कोटा-झालावाड़-इकलेरा-जबलपुर | जयपुर, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, झालावाड़ | 419.60 |
10. | 14 | 162,62 | ब्यावर-पाली-सिरोही-आबुरोड़-कांडला | अजमेर, पाली, सिरोही | 265.70 |
11. | 15 | 68 | पठानकोट-गंगानगर-बीकानेर-जैसलमेर-बाड़मेर-कांडला | गंगानगर, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर, जालौर, जोधपुर | 983.50 |
12. | 32A | 709 विस्तार | हरियाणा सीमा-पिलानी-राजगढ़ | झुंझुनूं चुरू | 59 |
13. | 65 | 52,58,62 | अम्बाला-चुरू-फतेहपुर-नागौर-जोधपुर-पाली | सीकर, चुरू, नागौर, जोधपुर, पाली | 490.54 |
14. | 65A | 458 | लाडनूं-खाटू-डेगाना-मेड़ता सिटी-लाम्बिया-जैतारण-रायपुर-भीम | नागौर, पाली, राजसमन्द | 250.00 |
15. | 71B | 919 | रेवाड़ी-धारूहेड़ा | अलवर | 4.70 |
16. | 76 | 27 | पिंडवाडा-उदयपुर-चित्तौड़गढ़-कोटा-बारां-शिवपुरी | सिरोही, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा, बूंदी, कोटा, बारां | 639.92 |
17. | 76A | 58 विस्तार | उदयपुर-झाडोल-ईंडर | उदयपुर | 87.00 |
18. | 76B | 758 | लाडपुरा-भीलवाड़ा-राजसमंद | भीलवाड़ा, राजसमंद | 155.20 |
19. | 79 | 48 | अजमेर-नसीराबाद-बिजौलिया-चित्तौड़गढ़ | अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ | 223.10 |
20. | 79A | 448 | किशनगढ़-नसीराबाद | अजमेर | 38.00 |
21. | 89 | 58,62 | अजमेर-नागौर-बीकानेर | अजमेर, नागौर, बीकानेर | 278.00 |
22. | 90 | 752 | बारां-इकलेरा | बारां, झालावाड़ | 93.50 |
23. | 94A | 927A | मध्यप्रदेश सीमा-बांसवाड़ा-सागवाड़ा-डूंगरपुर-खैरवाड़ा-कोटड़ा-स्वरूपगंज | बांसवाड़ा, डूंगरपुर, उदयपुर, सिरोही | 313.00 |
24. | 112 | 25 | बाड़मेर-बालोतरा-जोधपुर-बिलाड़ा-बर | बाड़मेर, जोधपुर, पाली | 318.81 |
25. | 113 | 56 | निम्बाहेड़ा-प्रतापगढ़-बांसवाड़ा-झाडोल | बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, चित्तौड़गढ़ | 244.00 |
26. | 114 | 125 | जोधपुर-पोकरण | जोधपुर, जैसलमेर | 176.50 |
27. | 116 | 552 | टोंक-सवाई माधोपुर | टोंक, सवाई माधोपुर | 76.70 |
28. | 116A | 148D | भीम-गुलाबपुरा-जहाजपुर-हिंडोली-उनियारा | राजसमंद, भीलवाड़ा, बूंदी, टोंक | 279.30 |
29. | 162A | 162A | मावली-खंडेल वाया फतेहनगर-रेलमगरा | उदयपुर, राजसमंद | 50.70 |
30. | 186A | 158 | मेड़ता-लाम्बिया-रास-ब्यावर-बदनौर-आसींद-मांडल | नागौर, अजमेर, पाली, भीलवाड़ा | 139.80 |
31. | 192A | 162 विस्तार | पाली-मारवाड़-नाडोल-देसुरी-कुम्भलगढ़-नाथद्वारा-मावली-भटेवर | पाली, राजसमंद, उदयपुर | 235.00 |
32. | 248A | शाहपुरा-अलवर-रामगढ़-नूह-गुड़गांव | जयपुर, अलवर | 135.80 | |
33. | 325 | पचपदरा-बालोतरा-सिवाना-जालौर-आहौर-सांडेराव | बाड़मेर, जालौर, पाली | 159.00 | |
34. | 11 | फतेहपुर-झुंझुनूं-चिड़ावा-सिंघाना-नारनौल-रेवाड़ी | सीकर, झुंझुनूं | 125.00 | |
35. | 54 | पठानकोट-गुरदासपुर-अमृतसर-भटिंडा-संगरिया- हनुमानगढ़-गोलुवाला-केचरिया | हनुमानगढ़ | 75.00 | |
36. | 25 विस्तार | बाड़मेर-रामसर-मुनाबाव | बाड़मेर | 127.00 | |
37. | 168 | थराड़-धनाना-पंथवाडा-रेवदर-अनादरा-सिरोही | सिरोही | 77.40 | |
38. | 168A | सांचौर-धनेरा-डीसा | जालौर | 11.80 | |
39. | 148B | बहरोड़-नारनौल-भिवाड़ी | अलवर | 5.00 |
सड़क नीति –
- राज्य सड़क नीति-1994: राज्य सरकार द्वारा प्रथम सड़क नीति 1994 में घोषित की थी, जिसका मुख्य उद्देश्य सड़क क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करना था। राजस्थान सड़क नीति घोषित करने वाला देश का पहला राज्य है। राज्य में सभी गांवों तक पक्की सड़कें पहुँचाने, आधारभूत ढांचागत विकास करने तथा सड़क तंत्र के समुचित विकास के लिए यह नीति बनाई गई है।
- राज्य सड़क नीति-2013: सितम्बर, 2013 को राज्य में द्वितीय राज्य सड़क विकास नीति घोषित की गई। नवीन सड़क विकास नीति अगले दस वर्षों के संभावित यातायात दबाव को ध्यान में रखकर तैयार की गई है।
- राजस्थान सड़क विकास अधिनियम, 2002: राज्य सरकार ने निजी निवेशकों से बीओटी आधार पर अधिकाधिक निवेश कराने के लिए 28 अप्रैल, 2002 को ‘राजस्थान सड़क विकास अधिनियम, 2002’ जरी किया गया।
सड़क विकास कार्य में लगी संस्थाएं –
- राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम ली. (RSRDCC)- राजस्थान स्टेट ब्रिज लिमिटेड की स्थापना एक सार्वजनिक कंपनी के रूप में 8 फरवरी, 1979 में हुई। 19 जनवरी, 2001 को इसका नाम परिवर्तित कर राजस्थान सड़क विकास एवं निर्माण निगम का गठन किया गया।
- राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम- 1 अक्टूबर, 1964 को वैधानिक निकाय के रूप में जयपुर में स्थापित यह निगम राजस्थान में पथ परिवहन के विकास एवं किफायती व सुविधाजनक पथ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के उद्देश्यों की प्राप्ति हेतु कार्यरत है।
- भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI)- केन्द्रीय सरकार का यह संगठन राष्ट्रीय राजमार्गों एवं एक्सप्रेस वे के निर्माण एवं रखरखाव का कार्य करता है।
- राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड- जयपुर में स्थापित इस बोर्ड द्वारा राज्य में कृषि उपज मंडियों को गांवों से जोड़ने एवं ग्रामीण विकास हेतु बोर्ड द्वारा सड़कों का निर्माण करवाया जाता है।
- सीमा सड़क संगठन- उत्तर और उत्तरी-पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में सामरिक महत्तव की सड़कों के विकास के लिए मई, 1960 से कार्यरत एजेंसी।
रेल परिवहन
भारत में रेलमार्गों का निर्माण 1850 में तत्कालीन वायसराय लार्ड डलहौजी के कार्यकाल में आरम्भ हुआ। भारत में रेल सेवा का प्रारंभ 16 अप्रैल, 1853 को हुआ जब देश की पहली रेलगाड़ी बोरीबंदर (मुंबई) से थाने के बीच 33.81 किलोमीटर तक चलाई गई। रेलवे को हमारे संविधान में संघ सूचि का विषय बनाया गया है। अतः सम्पूर्ण देश में रेल विकास का समग्र दायित्व केंद्र सरकार के अंतर्गत रेल मंत्रालय का है।
राजस्थान में वर्तमान में एक जोन एवं पांच मंडल कार्यालय हैं। राज्य में 14 जून, 2002 को बनाये गए नए जोन उत्तर-पश्चिमी रेलवे में राजस्थान के चार रेल मंडल शामिल किये गए हैं- 1. जयपुर, 2. अजमेर, 3. बीकानेर, 4. जोधपुर। कोटा मंडल पश्चिमी-मध्य जोन में है जिसका मुख्यालय जबलपुर है।
राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच अप्रैल, 1874 में हुई। अजमेर में 11 अगस्त, 1879 को लोको कारखाना स्थापित किया गया जिसमें 1895 में पहला इंजन बनकर तैयार हुआ। देश में रेल मार्गों की लम्बाई की दृष्टि से राजस्थान का उत्तरप्रदेश के बाद दूसरा स्थान है।
रेलवे लाईन के प्रकार-
देश में दो रेलवे पटरिओं के बीच की दूरी के आधार पर तीन प्रकार की रेल सेवाएँ संचालित हैं-
विवरण | दोनों पटरियों के बीच की दूरी |
1. ब्रोडगेज | 1.67 मीटर |
2. मीटरगेज | 1.00 मीटर |
3. नैरोगेज (छोटी लाइन) | 0.610 से 0.762 मीटर |
इसके अलावा स्टैण्डर्ड गेज (1.435 मीटर) भी होती है। जो मेट्रो रेलवे में काम में ली गई है।
भारतीय रेल अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र- इस केंद्र का निर्माण पचपदरा (बाड़मेर) में किया जाएगा। यहाँ तेजगति (180 किमी/घंटा) से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जाएगा।
राज्य में रेलवे से संबंधित 2 उपक्रम निम्न हैं-
- सिमको वैगन फैक्ट्री, भरतपुर- इसकी स्थापना 1957 में हुई तथा इसमें 13 नवम्बर, 2000 को तालाबंदी हुई। यह फैक्ट्री 8 साल बाद 9 अक्टूबर, 2008 को पुनः चालू की गई। इसे टीटागढ़ वैगंस लि. कम्पनी ने पुनः प्रारंभ किया है।
- पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर- यह केंद्र 9 अक्टूबर, 1965 को स्थापित किया गया था। एस केंद्र में भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष है।
जयपुर मेट्रो रेल परियोजना- इसकी क्रियान्विति हेतु राज्य सरकार द्वारा पूर्ण स्वामित्व वाली जयपुर मेट्रो रेल कोर्पोरेशन लिमिटेड का पंजीकरण दिनांक 1 जनवरी, 2010 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत किया गया। मेट्रो रेल परियोजना हेतु विस्तृत परियोजना रिपोर्ट दिल्ली मेट्रो रेल कोर्पोरेशन से तैयार करवाई गई है। यह परियोजना दो चरणों- पूर्व-पश्चिम कोरिडोर (मानसरोवर से चांदपोल) तथा उत्तर-दक्षिण कोरिडोर में क्रियान्वित की जा रही है। प्रथम चरण का शिलान्यास 24 फरवरी, 2011 को किया गया।
राजस्थान में वायु परिवहन
राज्य में कुल 32 एयरपोर्ट/हवाई पट्टियाँ हैं। जयपुर, उदयपुर एवं जोधपुर एयरपोर्ट ही नियमित हवाई सेवाओं से जुड़े हैं। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढावा देने के उद्देश्य से छोटे शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए VGF के आधार पर Intra-state हवाई सेवा योजना प्रारम्भ की गई है।
Sir ji sadak ghntav 69 . 12 h mere thoda dautt h ji
Ye report 2018 ki h
And by the way aap bhi thik ho….but 69.12 ye 2019 ki new report me h