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अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना

अध्याय 6 देशी जनता सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना | कक्षा 8

अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना | प्रश्नों का हल

इस लेख में हम NCERT द्वारा जारी नए पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान विषय की हमारे अतीत-3 किताब के अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना के सभी प्रश्नों को हल किया गया है। उम्मीद करते है आपके लिए उपयोगी होंगे।

पाठ्यपुस्तक के सभी प्रश्न हल –

फिर से याद करें –

प्रश्न 1 निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ –

विलियम जोन्स  –  अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन

रवीन्द्रनाथ टैगोर  – प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान

टॉमस मैकॉले  – गुरु

महात्मा गाँधी  – प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा

पाठशालाएँ  – अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध

उत्तर – विलियम जोन्स – प्राचीन संस्कृतियों का सम्मान

रवीन्द्रनाथ टैगोर – प्राकृतिक परिवेश में शिक्षा

टॉमस मैकॉले – अंग्रेजी शिक्षा को प्रोत्साहन

महात्मा गाँधी – अंग्रेजी शिक्षा के विरुद्ध

पाठशालाएँ – गुरु

प्रश्न 2 निम्नलिखित में से सही या गलत बताएँ –

(क) जेम्स मिल प्राच्यवादियों के घोर आलोचक थे।

उत्तर – सही

(ख) 1854 के शिक्षा संबंधी डिस्पैच में इस बात पर जोर दिया गया था कि भारत में उच्च शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी होना चाहिए।

उत्तर – गलत

(ग) महात्मा गाँधी मानते थे कि साक्षरता बढ़ाना ही शिक्षा का सबसे महत्त्वपूर्ण उद्देश्य है।

उत्तर – गलत

(घ) रवीन्द्रनाथ टैगोर को लगता था कि बच्चों पर सख्त अनुशासन होना चाहिए।

उत्तर – गलत

आइए विचार करें –

प्रश्न 3 विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन क्यों जरूरी दिखाई देता था?

उत्तर – विलियम जोन्स को भारतीय इतिहास, दर्शन और कानून का अध्ययन निम्न कारणों से जरूरी दिखाई देता था –

(1) विलियम जोन्स के अनुसार भारत को समझने के लिए यह आवश्यक था कि यहाँ के पवित्र तथा कानूनी ग्रंथों को समझा जाए जिनकी रचना प्राचीन काल में की गई थी।

(2) उनका मानना था कि हिन्दुओं और मुसलमानों के असली विचारों और कानूनों को इन्हीं रचनाओं के माध्यम से समझा जा सकता था तथा इन्हीं रचनाओं का नए सिरे से अध्ययन भारत के भविष्य के विकास को आधार प्रदान कर सकता था।

(3) उनके अनुसार इस कार्य से न केवल ब्रिटिश लोगों को भारतीय संस्कृति से सीखने का अवसर प्राप्त होगा बल्कि भारतीयों को भी अपनी विरासत को दोबारा अपनाने और अतीत के लुप्त वैभव को समझने में मदद मिलेगी।

(4) जोन्स के अनुसार इस प्रक्रिया में ब्रिटिश लोग भारतीय संस्कृति के अभिभावक तथा मलिक दोनों की भूमिकाएँ निभा रहे थे।

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प्रश्न 4 जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले ऐसा क्यों सोचते थे कि भारत में यूरोपीय शिक्षा अनिवार्य है?

उत्तर – जेम्स मिल और टॉमस मैकॉले द्वारा भारत में यूरोपीय शिक्षा की अनिवार्य मामने के कारण निम्न है –

(1) ये लोग पूर्व समाजों के ज्ञान को त्रुटियों से भरा हुआ और अवैज्ञानिक मानते थे  

जबकि यूरोपीय शिक्षा को वैज्ञानिक व व्यावहारिक मानते थे।

(2) जेम्स मिल का विचार था कि शिक्षा का उद्देश्य केवल व्यावहारिक एवं उपयोगी चीजों का पठन-पाठन होना चाहिए। अतः भारतीयों को उन वैज्ञानिक और तकनीकी विकासों से अवगत कराया जाना चाहिए जिनका प्रारम्भ पश्चिम में हुआ है।

(3) मैकॉले के अनुसार भारत एक असभ्य देश था, जिसको सभ्य बनाए की आवश्यकता है।

(4) मैकॉले का कहना था कि यूरोपीय पुस्तकालय के किसी एक खाने में रखी किताबों में समाहित ज्ञान भारत एवं अरब के सम्पूर्ण देशी साहित्यों के ज्ञान से भी अधिक है। उसका मानना था कि पूर्वी ज्ञान की कोई भी शाखा उस ज्ञान से अपनी तुलना नहीं कर सकती जिसे इंलैंड ने पैदा किया है।

(5) टॉमस मैकॉले मानते थे कि अंग्रेजी भाषा के ज्ञान से भारतीयों को दुनिया के कुछ बेहतरीन साहित्यों को पढ़ने का सुअवसर प्राप्त होगा।

यह उन्हें पश्चिमी विज्ञान व दर्शन के विकास से भी अवगत कराएगी।

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प्रश्न 5 महात्मा गाँधी बच्चों को हस्तकलाएँ क्यों सीखाना चाहते थे?

उत्तर – महात्मा गाँधी को हस्तकलाएँ निम्न कारणों से सिखाना चाहते थे –

(1) गाँधी जी के अनुसार इससे व्यक्ति के मस्तिष्क व आत्मा का विकास होगा।

(2) उनका मानना था कि सिर्फ पढ़ना-लिखना अपने-आप में शिक्षा नहीं है। लोगों को अपने हाथ से काम करना सीखना चाहिए, उन्हें विभिन्न निपुर्णताओं को सीखना चाहिए व उन्हें यह जानना चाहिए कि विभिन्न चीजें किस तरह कार्य करती हैं।

बच्चे को प्रत्येक प्रक्रिया के लिए ‘क्यों’ और ‘किसलिए’ की जानकारी होनी चाहिए।

प्रश्न 6 महात्मा गाँधी ऐसा क्यों सोचते थे कि अंग्रेजी शिक्षा ने भारतीयों को गुलाम बना लिया है?

उत्तर – महात्मा गाँधी के ऐसा सोचने के कारण निम्न है –

(1) गाँधीजी का मानना था कि औपनिवेशिक शिक्षा ने भारतीयों के मस्तिष्क में हीनता की भावना भर दी।

(2) उनके अनुसार पश्चिमी सभ्यता को सर्वश्रेष्ठ सभ्यता के रूप में देखने की शिक्षा दी है तथा अपनी संस्कृति के प्रति गर्व की उनकी भावना को नुकसान पहुँचाया है। अतः वे इसे पाप समझते थे।

(3) महात्मा गाँधी के अनुसार अंग्रेजी में दी जा रही शिक्षा ने भारतीयों को अपाहिज बना दिया है।

उन्हें अपने सामाजिक परिवेश से काटकर अपनी ही जगह पर अजनबी बना दिया है।

(4)अंग्रेजी में शिक्षित भारतीय स्थानीय संस्कृति से नफ़रत करते हैं तथा अपनी जनता से जुड़ने के तौर-तरीके भूल चुके हैं।

गाँधीजी एक ऐसी शिक्षा चाहते थे जो भारतीयों को अपने सम्मान तथा आत्म-गौरव को पुनः प्राप्त करने में सहायता दे सके।

अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना FAQ’s

प्रश्न 1 बनारस हिन्दू कॉलेज की स्थापना कब की गई?

उत्तर – बनारस हिन्दू कॉलेज की स्थापना सन 1791 में की गई.

अध्याय 6 देशी जनता को सभ्य बनाना राष्ट्र को शिक्षित करना
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