मानव संसाधन
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स्वस्थ, शिक्षित और अभिप्रेरित लोग अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप संसाधनों का विकास करते है। अन्य संसाधनों की भाँती मानव संसाधन विश्व में समान रूप से वितरित नहीं है।
भारत सरकार के अधीन एक मानव संसाधन मंत्रालय का निर्माण लोगों के कौशल को बढ़ाने के लिए किया गया था।
जनसंख्या का वितरण –
भूपृष्ठ पर जिस प्रकार लोग फैले हैं, उसे जनसंख्या वितरण का प्रतिरूप कहते हैं। विश्व में जनसंख्या का 90 प्रतिशत से अधिक भाग भूपृष्ठ के लगभग 30 प्रतिशत भाग पर निवास करता है।
दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी एशिया, यूरोप और उत्तर-पूर्वी उत्तर अमेरिका घने बसे क्षेत्र हैं। उच्च अक्षांशीय क्षेत्रों, उष्णकटिबंधीय मरुस्थलों, उच्च पर्वतों और विषुवतीय वनों के क्षेत्रों में बहुत कम लोग रहते हैं।
विषुवत वृत्त के दक्षिण की अपेक्षा विषुवत वृत्त के उत्तर में बहुत अधिक लोग रहते हैं। विश्व की कुल जनसंख्या के लगभग तीन-चौथाई लोग दो महाद्वीपों एशिया और अफ्रीका में रहते हैं।
विश्व के 60 प्रतिशत लोग केवल दस देशों में रहते हैं।
जनसंख्या का घनत्व –
पृथ्वी पृष्ठ के एक इकाई क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या को जनसंख्या का घनत्व कहते हैं। सामान्य रूप से यह प्रतिवर्ग किलोमीटर में व्यक्त किया जाता है।
सम्पूर्ण विश्व का औसत जनसंख्या घनत्व 51 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व दक्षिण मध्य एशिया में है, इसके पश्चात् क्रमशः पूर्वी एशिया एवं दक्षिण-पूर्वी एशिया में है।
जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक –
भौतिक कारक –
स्थलाकृति – लोग सदैव पर्वतों और पठारों की तुलना में मैदानी भागों में ही रहना पसंद करते हैं क्योंकि ये क्षेत्र खेती, विनिर्माण और सेवा क्रियाओं के लिए उपयुक्त होते हैं। गंगा के मैदान विश्व के सबसे अधिक घने बसे क्षेत्र हैं जबकि इंडीज, आल्पस और हिमालय जैसे पर्वत विरल बसे हुए हैं।
जलवायु – लोग सामान्य रूप से चरम जलवायु जो अत्यधिक गरम अथवा अत्यधिक ठंडी जैसे सहारा मरुस्थल, रूस के ध्रुवीय प्रदेश, कनाडा और अंटार्कटिक में रहने से बचते हैं।
मृदा – उपजाऊ मृदाएँ कृषि के लिए उपयुक्त भूमि प्रदान करती हैं। भारत में गंगा और ब्रह्मपुत्र, चीन में ह्वांग-ही, चांग जियांग तथा मिस्र में नील नदी के उपजाऊ मैदान घने बसे हुए क्षेत्र हैं।
जल – लोग उन क्षेत्रों में रहने को प्राथमिकता देते हैं जहाँ अलवनीय जल आसानी से उपलब्ध होता है। विश्व की नदी घाटियाँ घने बसे क्षेत्र हैं जबकि मरुस्थल विरल जनसंख्या वाले हैं।
खनिज – खनिज निक्षेपों वाले क्षेत्र अधिक बसे हुए हैं। दक्षिणी अफ्रीका की हीरे की खानें और मध्य पूर्व में तेल की खोज ने इन क्षेत्रों में लोगों को रहने के लिए प्रेरित किया है।
सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारक –
आर्थिक कारक – औद्योगिक क्षेत्र रोजगार के अवसर प्रदान करते हैं। लोग बड़ी संख्या में इन क्षेत्रों की ओर आकर्षित होते हैं। जापान में ओसाका और भारत में मुंबई दो घने बसे क्षेत्र हैं।
सांस्कृतिक कारक – धर्म और सांस्कृतिक महत्ता वाले स्थान लोगों को आकर्षित करते हैं। वाराणसी, येरुशलम और वेटिकन सिटी इसके कुछ उदाहरण हैं।
सामाजिक कारक – अच्छे आवास, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र अत्यधिक घने बसे हैं, उदाहरण के लिए पुणे।
जनसंख्या परिवर्तन –
जनसंख्या परिवर्तन से तात्पर्य एक निश्चित अवधि के दौरान लोगों की संख्या में परिवर्तन से है। विश्व की जनसंख्या स्थिर नहीं रही है। ऐसा वास्तव में जन्म और मृत्यु की संख्या में परिवर्तन के कारण हुआ है।
जन्मदर अर्थात् प्रति 1000 व्यक्तियों पर जीवित जन्मों की संख्या में मापा जाता है। मृत्युदर को प्रति 1000 व्यक्तियों पर मृतकों की संख्या में मापा जाता है। किसी क्षेत्र विशेष में लोगों के आने-जाने को प्रवास कहते हैं।
जन्म और मृत्यु जनसंख्या परिवर्तन के प्राकृतिक कारण हैं। एक देश के जन्म दर और मृत्यु दर के बीच के अंतर को प्राकृतिक वृद्धि दर कहते हैं।
प्रवास एक अन्य कारण है जिससे जनसंख्या के आकार में परिवर्तन होता है। उत्प्रवासी वे लोग होते हैं जो देश को छोड़ते हैं। आप्रवासी वे लोग होते हैं जो देश में आते हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका और आस्ट्रेलिया जैसे देशों में भीतरी प्रवास अथवा आप्रवास द्वारा संख्या बढ़ी है। सूडान एक ऐसा देश है जिसमें लोगों के बाहर चले जाने अथवा उत्प्रवास के कारण जनसंख्या में कमी का अनुभव किया गया है।
जनसंख्या संघटन –
किसी देश की जनसंख्या कितनी भी अधिक हो उसका उस देश के आर्थिक विकास के स्तर से कुछ अंतर नहीं पड़ता। जैसे कि बांग्लादेश और जापान अति घने बसे देश हैं लेकिन जापान बांग्लादेश से आर्थिक रूप से अधिक विकसित देश है।
एक संसाधन के रूप में लोगों की भूमिका को समझने के हमें उनके गुणों के बारे में जानने की आवश्यकता होती है। लोग अपनी आयु, लिंग, साक्षरता स्तर, स्वास्थ्य दशाओं, व्यवसाय और आय के स्तर पर एक-दूसरे से भिन्न होते हैं।
एक देश का जनसंख्या पिरामिड जिसमें जन्म और मृत्यु दर दोनों ही ऊँचे है, आधार पर चौड़ा है और ऊपर तीव्रता से संकरा हो जाता है। जनसंख्या पिरामिड एक देश में आश्रित लोगों की संख्या भी बताता है।