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अध्याय 5 हाशियाकरण की समझ

अध्याय 5 हाशियाकरण की समझ | सामामिक विज्ञान | कक्षा 8

अध्याय 5 हाशियाकरण की समझ | कक्षा 8 | सभी प्रश्न हल

इस पोस्ट में NCERT द्वारा जारी नए पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान विषय की राजनीतिक व सामाजिक जीवन 3 के अध्याय 5 हाशियाकरण की समझ के सभी प्रश्नों को हल किया गया है।

उम्मीद करते हैं कि आपके लिए उपयोगी होंगे।

प्रश्न 1 ‘हाशियाकरण’ शब्द से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में दो-तीन वाक्य लिखिए।

उत्तर – ‘हाशियाकरण’ शब्द का तात्पर्य है कि वह समुदाय जो समाज की मुख्यधारा से अलग कर किनारे या हाशिये पर धकेल दिया गया हो।

ऐसा समुदाय समाज के केन्द्र में नहीं होता है तथा उसे इस तरह की बेदखली का एहसास रहता है।

प्रश्न 2 आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहे हैं? दो कारण बताइए।

उत्तर – आदिवासियों के लगातार हाशिये पर खिसकने के दो कारण निम्न है –

(1) पिछले 200 सालों में आए आर्थिक बदलावों, वन नीतियों और राज्य व निजी उद्योगों के राजनीतिक दबाव की वजह से इन लोगों को जंगलों से विस्थापित कर बागानों, निर्माण स्थलों, उद्योगों और जंगलों से विस्थापित कर मजदूरी करने के लिए धकेला जा रहा है।

(2) जब आदिवासियों को उनकी जमीन से हटाया जाता है तो उनकी आय के स्रोत के अलावा वे अपनी परम्पराओं और रीति-रिवाजों को भी गँवा देते हैं जो उनके जिन्दा रहने व अस्तित्व के स्रोत हैं।

प्रश्न 3 आप अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्त्वपूर्ण मानते हैं? इसका एक कारण बताइए।

उत्तर – अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक वर्चस्व की आशंका से बचाने के लिए संवैधानिक सुरक्षा के प्रावधानों का होना अतिआवश्यक है।

ये प्रावधान उन्हें भेदभाव व नुकसान की आशंका से भी बचाते हैं।

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प्रश्न 4 अल्पसंख्यक और हाशियाकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़िए।

अल्पसंख्यक शब्द से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – अल्पसंख्यक शब्द आमतौर पर ऐसे समुदायों के लिए उपयोग किया जाता है जो संख्या की दृष्टि से बाकी आबादी के मुकाबले बहुत कम हैं।

जैसे – भाषायी व धार्मिक अल्पसंख्यक।

लेकिन अल्पसंख्यक की अवधारणा केवल संख्या तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसमें सत्ता और संसाधन तक पहुँच के मुद्दे तथा इसके सामाजिक व सांस्कृतिक आयाम भी जुड़े हुए हैं।

प्रश्न 5 आप एक बहस में हिस्सा ले रहे हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थन में तर्क देने हैं कि ‘मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है।’ इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर दो तर्क पेश कीजिए।

उत्तर – भारत में मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है। अध्याय में दी गई जानकरियों के आधार पर इसके दो तर्क निम्न है –

(1) दूसरे समुदायों के मुकाबले उसे सामाजिक-आर्थिक विकास में उतना लाभ नहीं मिल है। मूलभूत सुविधाओं, साक्षरता और सरकारी नौकरियों की दृष्टि से मुसलमानों का प्रतिशत अन्य समुदायों की तुलना में काफी कम है।

2011 की जनगणना के अनुसार मुसलमानों में साक्षरता जहाँ केवल 57% है, वहाँ हिन्दुओं, ईसाई, सिक्ख, बौद्ध और जैन धर्मावलम्बियों की साक्षरता क्रमशः 63, 74, 67, 71 और 86 प्रतिशत है, जो मुसलमानों की साक्षरता प्रतिशत से काफी अधिक है।

(2) सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का प्रतिशत काफी कम है। प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट, 2006 के अनुसार भारत में मुसलमानों की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 13.5 प्रतिशत है, लेकिन सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की संख्या इससे काफी कम है, वह विभिन्न क्षेत्रों में 1.8 से 10.8 प्रतिशत के बीच में है।

इससे स्पष्ट होता है कि मुस्लिम समुदाय विकास के विभिन्न संकेतकों पर पिछड़े हुए हैं।

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प्रश्न 6 कल्पना कीजिए कि आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे हैं। आपकी एक दोस्त आपके नजदीक बैठी है। वह अचानक कहती है, “इन आदिवासियों को तो देखो, कितने रंग-बिरंगे हैं। लगता है सदा नाचते ही रहते है।” उसकी बात सुन कर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित क्या बातें उसको बताएँगे? उनमें से तीन बातें लिखें।

उत्तर – अपनी एक दोस्त की बात सुनकर हम भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित निम्न तीन बाते बताएँगे –

(1) भारत में 500 से ज्यादा तरह के आदिवासी समूह हैं। आदिवासी समाज दूसरे समाज से बिल्कुल अगल दिखाई देते हिं क्योंकि उनके भीतर ऊँच-नीच का फर्क बहुत कम होता है। इसी वजह से ये समुदाय जाति-वर्ण पर आधारित समुदायों या राजाओं के शासन में रहने वाले समुदायों से बिल्कुल अलग होते हैं।

(2) आदिवासियों के बहुत सारे जनजातीय धर्म होते हैं।

उनके धर्म इस्लाम, हिन्दू, ईसाई आदि धर्मों से बिल्कुल अलग हैं।

वे प्रायः अपने पुरखों की, गाँव व प्रकृति की उपासना करते हैं।

प्रकृति से जुड़ी आत्माओं की अक्सर गाँव की सीमा के भीतर निर्धारित पवित्र लताकुंजों में पूजा की जाती है

जबकि पुरखों की उपासना घर में ही की जाती है।

(3) आदिवासियों की अपनी भाषाएँ रही हैं। उनमें से ज्यादातर संस्कृत से बिल्कुल अलग और सम्भवतः उतनी ही पुरानी हैं।

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प्रश्न 7 चित्रकथा-पट्ट में अपने देखा कि हेलेन होप आदिवासियों की कहानी पर एक फिल्म बनाना चाहती है।

क्या आप आदिवासियों के बारे में एक कहानी बना कर उसकी मदद कर सकते हैं?

उत्तर – आदिवासियों की कहानी में प्रमुख बातें निम्नलिखित हो सकती हैं –

(1) आदिवासियों के परम्परागत जीवन को दर्शाएँ – उनका जंगलों में रहना, जंगलों पर उनका अधिकार, जंगलों पर उनकी जानकारी, उनका समानतापरक जीवन व उनका अपना पृथक् धर्म तथा उस धर्म का प्रकृति से संबंध। इसमें उनके स्वतंत्र जीवन, उनका शिकार और जंगलों की चीजें इकट्ठा कर आजीविका चलाने से लेकर स्थानान्तरित कृषि के स्वरूप को दर्शाएँ और इस अवस्था में उनके निश्छल, स्वतंत्र तथा रंग-बिरंगे जीवन को दर्शाएँ।

(2) आदिवासियों के जीवन में खलनायक की तरह प्रवेश करने वाले जनजातीय भूमि पर कब्जा करने वाले ताकतवर गुटों को दर्शाएँ, खनन और खनन परियोजनाओं के कारण उनके विस्थापित होने की स्थिति को दर्शाएँ तथा जमीन के लिए सशस्र बलों और उनके बीच टकराव को दर्शाएँ।

इस तरह यह दिखाएँ कि किस तरह 19वीं सदी के मध्य के बाद से सरकारी कानूनों, सरकारी अधिकारियों तथा

उद्योगपतियों व साहूकारों द्वारा उनकी जमीन उनसे छीन ली गई और

वे भोजन व आजीविका के मुख्य स्रोतों से वंचित कर दिए गए।

इससे आदिवासीयों की परम्पराएँ व रीति-रिवाज भी खत्म होते जा रहे हैं।

(3) अंत में यह दर्शाएँ कि आदिवासी जीवन के आर्थिक व सामाजिक आयाम परस्पर जुड़े हुए हैं।

उनके संसाधनों के लिए होने वाली छिना-झपटी और विस्थापन की प्रक्रिया कितनी दर्दनाक और हिंसक होती है और

किस प्रकार यह प्रकिया उन्हें तीन भागों में बाँट देती है –

i. कुछ आदिवासी बेघर व जमीन रहित होकर शहर में आ गए या आस-पास के उद्योगों में श्रमिक का काम करके अपना जीवन बसर करने लगे और अपने रीति-रिवाज तथा परम्पराओं से दूर होते गए।

ii. कुछ आदिवासी उग्र होकर संघर्षरत रहे और अंततः वे उग्रवादी गुटों से जुड़कर संघर्ष करते हुए हिंसक वारदातें करते गए हैं।

पूर्वोत्तर का आंतकवाद तथा झारखंड के नक्सलवाद को इसी संदर्भ में दिखाएँ।

iii. कुछ आदिवासी अभी भी अपनी जमीनों पर काबिज हैं तथा अपने परम्परागत रीति-रिवाजों, धर्म को बनाए हुए हैं,

लेकिन शिक्षा तथा विकास के क्षेत्र में पिछड़ रहे हैं और हाशिए पर आ गए हैं।

कुछ आदिवासियों ने अन्य धर्म – जैसे ईसाई व हिन्दू धर्म को अपना लिया है तथा

अन्य आदिवासियों की तुलना में मुख्यधारा के अधिक नजदीक आ गए।

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प्रश्न 8 क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं? क्यों?

उत्तर – हाँ, हम इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण परस्पर जुड़े हैं।

उदाहरण के लिए, मुस्लिम समुदाय अल्पसंख्यक धर्मावलम्बी हैं,

उन्हें दूसरे समुदायों की तुलना में सामाजिक-आर्थिक विकास के उतने लाभ नहीं मिले हैं।

साक्षरता, मूलभूत सुविधाओं तथा सरकारी नौकरियाँ प्राप्त करने में वे अन्य समुदायों से काफी पिछड़े रहे हैं।

आदिवासियों को जब जंगलों से अलग कर दिया जाता है तो वे आर्थिक दृष्टि से हाशिए पर आ जाते हैं।

लेकिन इसका असर उनकी परम्पराओं और रीति-रिवाजों पर भी पड़ता है और

वे अन्य स्थानों पर सामाजिक दृष्टि से भी हाशिए पर आ जाते हैं।

अध्याय 5 हाशियाकरण की समझ
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