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वाक्य शुद्धि

वाक्य शुद्धि

वाक्य शुद्धि

शब्द शुद्धि के साथ वाक्य शुद्धि का भी भाषा में महत्त्वपूर्ण स्थान होता है। वाक्य में अनावश्यक शब्द प्रयोग से, अनुपयुक्त शब्द के प्रयुक्त होने से, सही क्रम या अन्विति न होने से, लिंग, वचन, कारक का सही प्रयोग नहीं होने से, सही सर्वनाम एवं क्रिया का प्रयोग न होने से वाक्य अशुद्ध हो जाता है। जो अर्थ के साथ भाषा सौन्दर्य को हानि पहुँचाता है।

(1) अनावश्यक शब्द के कारण वाक्य अशुद्धि-

समान अर्थ वाले दो शब्दों या विपरीत अर्थ वाले शब्दों के एक साथ प्रयोग होने तथा एक ही शब्द की पुनरावृत्ति पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः किसी एक अनावश्यक शब्द को हटाकर वाक्य शुद्ध बनाया जा सकता है। इनमें दोनों शब्दों में से किसी एक को हटाकर वाक्य की शुद्धि को बनाया जा सकता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. मैं प्रातः काल के समय पढ़ता हूँ। मैं प्रातःकाल पढ़ता हूँ।
2. जज ने उसे मृत्यु दण्ड की सजा दी। जज ने उसे मृत्यु दण्ड दिया।
3. इसके बाद फिर क्या हुआ? इसके बाद क्या हुआ?
4. यह कैसे संभव हो सकता है? यह कैसे संभव है?
5. मेरे पास केवल मात्र एक घड़ी है। मेरे पास केवल एक घड़ी है।
6. तुम वापस लौट जाओ। तुम वापस जाओ।
7. सारे देश भर में यह बात फ़ैल गई। सारे देश में यह बात फ़ैल गई।
8. सप्रमाण सहित उत्तर दीजिए। सप्रमाण उत्तर दीजिए।
9. गुलामी की दासता बुरी है। गुलामी बुरी है।
10. तुम सबसे सुन्दरतम हो। तुम सबसे सुन्दर हो।

(2) अनुपयुक्त शब्द के कारण-

वाक्य में अनुपयुक्त शब्द प्रयुक्त हो जाने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है। अतः अनुपयुक्त शब्द को हटाकर उसके स्थान पर उपयुक्त शब्द का प्रयोग करना चाहिए।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. सीता राम की स्त्री थी। सीता राम की पत्नी थी।
2. रातभर गधे भौंकते रहे। रातभर कुत्ते भौंकते रहे।
3. कोहिनूर एक अमूल्य हीरा है। कोहिनूर एक बहुमूल्य हीरा है।
4. आकाश में तारे चमक रहे हैं। आकाश में तारे टिमटिमा रहे है।
5. आकाश में झंडा लहरा रहा है। आकाश में झंडा फहरा रहा है।
6. उसकी भाषा देवनागरी है। उसकी लिपि देवनागरी है।
7. वह दही जमा रही है। वह दूध जमा रही है।
8. उसके गले में बेड़ियाँ पड़ गई। उसके पैरों में बेड़ियाँ पड़ गई।
9. गगन बहुत ऊँचा है। गगन बहुत विशाल है।
10. राष्ट्रपति ने पुरस्कार भेंट किए। राष्ट्रपति ने पुरस्कार प्रदान किए।

(3) लिंग सम्बन्धी-

वाक्य में प्रयुक्त शब्द के अनुसार उचित लिंग का प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. मेरे मित्र की पत्नी विद्वान है। मेरे मित्र की पत्नी विदुषीहै।
2. मीरा एक प्रसिद्ध कवि थी। मीरा एक प्रसिद्ध कवयित्री थी।
3. बेटी पराये घर का धन होता है। बेटी पराये घर का धन होती है।
4. सत्य बोलना उसकी आदत था। सत्य बोलना उसकी आदत थी।
5. आत्मा अमर होता है। आत्मा अमर होती है।
6. जया एक बुद्धिमान बालिका है। जया एक बुद्धिमती बालिका है।
7. उसका ससुराल जयपुर में है। उसकी ससुराल जयपुर में है।
8. रामायण हमारी भक्ति ग्रन्थ है। रामायण हमारा भक्ति ग्रंथ है।
9. उसके हाथ की वस्तु आम थी। उसके हाथ की वस्तु आम था।
10. वह अपने धुन में जा रहा है। वह अपनी धुन में जा रहा है।

(4) वचन सम्बन्धी-

हिंदी में कुछ शब्द सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होने हैं। अतः उनका उचित बोध न होने के कारण तथा कर्त्ता एवं कर्म के वचन के अनुसार क्रिया प्रयुक्त न होने पर वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. वह दृश्य देख मेरी आँख में आँसू आ गया। वह दृश्य देख मेरी आँखों में आँसू आ गए।
2. वृक्षों पर कौवा बोल रहा है। वृक्ष पर कौवा बोल रहा है।
3. यह मेरा ही हस्ताक्षर है। ये मेरे ही हस्ताक्षर हैं।
4. आज आपका दर्शन हो गया। आज आपके दर्शन हो गए।
5. अभी तीन बजा है। अभी तीन बजे है।
6. माँ मेरे मामे के घर गई है। माँ मेरे मामा के घर गई है।
7. विधि का नियम बड़ा कठोर होता है। विधि के नियम बड़े कठोर होते है।
8. अब आप पढ़ो। अब आप पढ़िए।
9. शहर प्रायः गन्दा होता है। शहर प्रायः गंदे होते है।
10. हिमालय पर्वत का राजा है। हिमालय पर्वतों का राजा है।

(5) क्रमभंग सम्बन्धी-

वाक्य रचना के आधार पर शब्द के उचित स्थान पर प्रयुक्त न होने से भी वाक्य में शुद्धि नहीं रहती है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. अधिकतर हिंदी के लेखक निर्धन हैं। हिंदी के अधिकतर लेखक निर्धन हैं।
2. यहाँ पर शुद्ध गाय का घी मिलता है। यहाँ पर गाय का शुद्ध घी मिलता है।
3. शीतल गन्ने का रस पीजिए। गन्ने का शीतल रस पीजिए।
4. हनुमान पक्के राम के भक्त थे। हनुमान राम के पक्के भक्त थे।
5. एक खाने की थाली लगाओ। खाने की एक थाली लगाओ।
6. उपयोजना मंत्री आज आयेंगे। योजना उपमंत्री आज आयेंगे।
7. आपको मैं कुछ नहीं कह सकता। मैं आपको कुछ नहीं कह सकता।
8. हवा ठण्डी चल रही है। ठण्डी हवा चल रही है।
9. मैंने बहते हुए पत्ते को देखा। मैंने पत्ते को बहते हुए देखा।
10. बच्चे को धोकर फल खिलाओ। फल धोकर बच्चे को खिलाओ।

(6) कारक सम्बन्धी-

वाक्य में प्रयुक्त कारक के अनुसार उचित विभक्ति न लगने से, अनावश्यक विभक्ति लगने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. पाঁच बजने को दस मिनट है। पाँच बजने में दस मिनट हैं।
2. उसके सिर में घने बाल है। उसके सिर पर घने बाल हैं।
3. देशभक्त बड़ी-बड़ी यातनाओं को सहते है। देशभक्त बड़ी-बड़ी यातनाएँ सहते हैं।
4. दवा रोग को समूल से नष्ट करती है। दवा रोग को समूल नष्ट करती है।
5. सीता घर नहीं है। सीता घर पर नहीं है।
6. उसकी दृष्टि चित्र में गड़ी थी। उसकी दृष्टि चित्र पर गड़ी थी।
7. वह बाजार में सब्जी लाने गया। वह बाजार से सब्जी लेन गया।
8. राज आज स्कूल से अनुपस्थित है। राज आज स्कूल में अनुपस्थित है।
9. गुरुजी के ऊपर श्रद्धा रखें। गुरुजी के प्रति श्रद्धा रखें।
10. आम को खूब पका होना चाहिए। आम खूब पका होना चाहिए।

(7) सर्वनाम सम्बन्धी-

सर्वनाम के सही रूप में प्रयोग न होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. मैंने आज अजमेर जाना है। मुझे आज अजमेर जाना है।
2. तुम तुम्हारा काम करो। तुम अपना काम करो।
3. मेरे को सौ रुपये की आवश्यकता हैं। मुझे सौ रुपये की आवश्यकता है।
4. राम थककर उसके घर में सो गया। राम थककर अपने घर में सो गया।
5. यह काम तेरे से नहीं होगा। यह काम तुझसे नहीं होगा।
6. अपन ठीक रास्ते पर हैं। ऍम ठीक रास्ते पर हैं।
7. आपका उत्तर मुझसे अच्छा है। आपका उत्तर मेरे उत्तर से अच्छा है।
8. हम हमारी कक्षा में गए। हम अपनी कक्षा में गए।
9. पिताजी ने मुझको कहा। पिताजी ने मुझे कहा।
10. मेरे को दो निबंध लिखने हैं। मुझे दो निबन्ध लिखने हैं।

(8) क्रिया सम्बन्धी-

सही क्रिया रूप प्रयुक्त न होने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. मैंने तुम्हारी बहुत प्रतिक्षा देखीं। मैंने तुम्हारी बहुत प्रतीक्षा की।
2. यह आप पर निर्भर करता है। यह आप पर निर्भर है।
3. राम ने गुरूजी से प्रश्न पूछा। राम ने गुरूजी से प्रश्न किया।
4. आप आम खाके देखों। आप आम खाकर देखों।
5. मेरे नौकर ने नौकरी त्याग दी। मेरे नौकर ने नौकरी छोड़ दी।
6. वह क्या करना माँगता है? वह क्या करना चाहता है?
7. उसने मुझे गाली निकाली। उसने मुझे गाली दी।
8. गत रविवार वह जोधपुर जाएगा। गत रविवार वह जोधपुर गया।
9. नदी पार हो गई। नदी पार कर ली गई।
10. भीतर प्रवेश करना निषेध है। प्रवेश निषेधहै।

(9) मुहावरे के कारण-

मुहावरे का सही प्रयोग न होने या उसमें पाठान्तर होने से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. पानी पीकर नाम पूछना निरर्थक हैं। पानी पीकर जात पूछना निरर्थक है।
2. प्रेम करना तलवार की नोंक पर चलना है। प्रेम करना तलवार की धार पर चलना है।
3. आजकल भ्रष्टाचार के बाजार गर्म है। आजकल भ्रष्टाचार का बाजार गर्म है।
4. मेरे तो साँस में दम आ गया। मेरे तो नाक में दम आ गया।
5. तेरी बातें सुनते सुनते मेरे कान भर गए। तेरी बातें सुनते सुनते मेरे कान पक गए।
6. युग परिवर्तन का बीड़ा कौन चबाता है? युग परिवर्तन का बीड़ा कौन उठाता है?

(10) संयोजक शब्द सम्बन्धी-

सही संयोजन शब्द नहीं लगाने पर भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. यदि वह रुपया, माँगता, तब मैं अवश्य देता। यदि वह रुपया माँगता तो मैं अवश्य देता।
2. जैसा मोहन ने लिखा, जैसा तुम भी लिखो। जैसा मोहन ने लिखा, वैसा तुम भी लिखो।
3. जैसा बोओगे, उसी प्रकार काटोगें। जैसा बोओगे, वैसा काटोगे।
4. ज्यों ही मैं पहुँचा, वह उठ गया। ज्यों ही मैं पहुँचा, त्यों ही वह उठ गया।
5. यह काम करो नहीं तो अपने घर जाओ। यह काम करो या अपने घर जाओ।

(11) अशुद्ध वर्तनी के कारण-

वाक्य में प्रयुक्त अशुद्ध वर्तनी से भी वाक्य अशुद्ध हो जाता है।

क्र.सं. अशुद्ध वाक्य शुद्ध वाक्य
1. ताजमहल की सौन्दर्यता अनुपम है। ताजमहल का सौन्दर्य अनुपम है।
2. महात्मा के सदोपदेश सुनने चाहिए। महात्मा के सदुपयोग सुनने चाहिए।
3. कामायनी के रचियता प्रसाद है। कामायनी के रचयिता प्रसाद हैं।
4. पूज्यनीय पिताजी आ रहे है। पूजनीय पिताजी आ रहे हैं।
5. पधार कर अनुग्रहित करें। पधार कर अनुगृहित करें।

वाक्य शुद्धि से संबंधित FAQ’s –

प्रश्न 1. वाक्य शुद्धि नहीं होने से वाक्य पर क्या प्रभाव पड़ता हैं?

उत्तर – वाक्य में अगर कोई अशुद्धि हो तो वाक्य के अर्थ में परिवर्तन हो सकता है और उसका सही अर्थ जानने में परेशानी हो सकती है.

प्रश्न 2. ‘हम खाना खाके सो गए ।’ वाक्य को शुद्ध करके लिखे?

उत्तर – हम खाना खाकर सो गए।

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