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अध्याय 3 कृषि

अध्याय 3 कृषि | संसाधन एवं विकास | सामाजिक विज्ञान | कक्षा 8

अध्याय 3 कृषि | संसाधन एवं विकास | सामाजिक विज्ञान | कक्षा 8 | सभी प्रश्नों के हल

इस पोस्ट में हमने NCERT द्वारा जारी नए पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान विषय की संसाधन एवं विकास किताब के अध्याय 3 कृषि के सभी प्रश्नों को हल किया है।

उम्मीद करते है कि आपके लिए उपयोगी होंगे।

1. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

प्रश्न (1) कृषि क्या है?

उत्तर – कृषि एक प्राथमिक क्रिया है जिसमें फसलों, फलों, सब्जियों, फूलों को उगाना तथा पशुपालन को शामिल किया जाता है।

प्रश्न (ii) उन कारकों का नाम बताइए जो कृषि को प्रभावित कर रहे हैं।

उत्तर – कृषि को अनेक कारक प्रभावित करते हैं जिसमें स्थलाकृति, मृदा और जलवायु प्रमुख कारक है।

प्रश्न (iii) स्थानांतरी कृषि क्या है? इस कृषि की क्या हानियाँ हैं?

उत्तर – स्थानांतरी कृषि में वृक्षों को काटकर और जलाकर भूखंड साफ किए जाते हैं तथा जले वृक्षों की राख को मृदा में मिला दिया जाता है। इसके बाद उस भूमि पर फसलों को उगाया जाता है। जब उस भूमि की उर्वरता खत्म हो जाती है और किसान वह भूमि छोड़ देता है तथा नई भूमि पर चला जाता है।

स्थानान्तरी कृषि की हानियाँ –

  1. इससे मृदा का क्षरण व अपरदन होता है।
  2. वन क्षेत्रों को हानि पहुँचती है।
  3. इस प्रकार की कृषि से वनस्पति नष्ट हो जाती है।
अध्याय 2 भूमि मृदा जल प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन संसाधन प्रश्नोत्तर

प्रश्न (iv) रोपण कृषि क्या है?

उत्तर – एक विस्तृत भू-भाग पर किसी एक विशेष फसल की खेती करना रोपण कृषि कहलाती है। रोपण कृषि वाणिज्यिक कृषि का ही एक प्रकार हैं जहाँ चाय, कॉफ़ी, काजू, रबड़, केला, कपास आदि की एकल उगाई जाती है। इस प्रकार की कृषि में वृहद् पैमाने पर श्रम और पूँजी की जरूरत होती है। उत्पादन का प्रसंस्करण भी खेतों पर ही या निकट के उद्योगों में किया जा सकता है। रोपण कृषि के मुख्य क्षेत्र विश्व के उष्णकटिबंधीय प्रदेशों में पाए जाते हैं। मलेशिया में रबड़, ब्राजील में कहवा, भारत और श्रीलंका में चाय इसके कुछ उदाहरणहैं।

प्रश्न (v) सरकार किसानों को कृषि के विकास में किस प्रकार मदद करती है?

उत्तर – सरकार किसानों को कृषि के विकास में कई प्रकार से सहायता करती है। सरकार ने यह व्यवस्था की है कि कृषक चाहें तो सरकारी कृषि अधिकारियों से सलाह कर सकते हैं। सरकार कृषकों को रियायती दरों पर उन्नत बीज, खाद, मशीनें आदि उपलब्ध करवाती है। किसानों को रियायती ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाया जाता है।

जिससे वे कृषि वित्त की आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। इसके अतिरिक्त अति उत्पादन की स्थिति में सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों का उत्पाद स्वयं खरीदती है ताकि उन्हें किसी प्रकार की वित्तीय हानि न हो पाए। हाल के वर्षों में सरकार ने भण्डारण की सुविधाओं के विकास के लिए भी अनेक कदम उठाये हैं।

2. सही उत्तर को चिह्नित कीजिए –

प्रश्न (i) उद्यान कृषि का अर्थ है –

(क) गेहूँ उगाना

(ख) आदिम कृषि

(ग) फलों व सब्जियों को उगाना

उत्तर – (ग) फलों व सब्जियों को उगाना

प्रश्न (ii) ‘सुनहरा रेशा’ से अभिप्राय है –

(क) चाय

(ख) कपास

(ग) पटसन

 उत्तर – (ग) पटसन

प्रश्न (iii) कॉफ़ी का प्रमुख उत्पादक है –

(क) ब्राजील

(ख) भारत

(ग) रूस

उत्तर – (क) ब्राजील

3. कारण बताइए –

प्रश्न (i) भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

उत्तर – प्राथमिक क्रिया के अंतर्गत उन सभी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है, जैसे – कृषि। भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर दो-तिहाई जनसंख्या का मुख्य व्यवसाय कृषि रहा है अतः भारत में कृषि एक प्राथमिक क्रिया है।

प्रश्न (ii) विभिन्न फसलें विभिन प्रदेशों में उगाई जाती हैं।

उत्तर – विभिन्न फसलों के लिए भिन्न-भिन्न मृदा और जलवायु की आवश्यकता होती है अतः विभिन्न प्रदेशों की जलवायु एवं मृदा भिन्न-भिन्न होने के कारण वहाँ के अनुसार विभिन्न फसलें उगाई जाती हैं।

4. अंतर स्पष्ट कीजिए –

प्रश्न (i) प्राथमिक क्रियाएँ और तृतीयक क्रियाएँ

उत्तर – प्राथमिक क्रियाओं और तृतीयक क्रियाओं में अंतर –

प्राथमिक क्रियाएँतृतीयक क्रियाएँ
(1) प्राथमिक क्रियाओं में उन क्रियाओं को संम्मिलित किया जाता है जिनका संबंध प्राकृतिक संसाधनों के उत्पादन और निष्कर्षण से है।(1) तृतीयक क्रियाएँ वे होती हैं जो प्राथमिक व द्वितीयक क्षेत्रों के विकास में सहयोग प्रदान करती हैं।
(2) प्राथमिक क्रियाएँ प्रायः एक परिवार के सदस्य मिलकर करते हैं।(2) तृतीयक क्षेत्र की क्रियाएँ कई लोग मिलकर करते हैं।
(3) उदाहरण – कृषि, पशु-पालन, मत्स्य-पालन आदि।(3) उदाहरण – बैंकिंग, बीमा, परिवहन आदि।

प्रश्न (ii) निर्वाह कृषि और गहन कृषि

उत्तर – निर्वाह कृषि और गहन कृषि में अंतर –

निर्वाह कृषिगहन कृषि
(1) इसके अंतर्गत खेतों पर परिवार के लोगों द्वारा जीवन निर्वाह हेतु फसलों का उत्पादन किया जाता है।(1) गहन कृषि में किसान खेतों पर अधिक श्रम व संसाधनों की सहायता से की फसलें उत्पादित करते हैं।
(2) निर्वाह कृषि में अधिकांश कार्य हाथों से ही किया जता है।(2) गहन कृषि में अधिकांश कार्य मशीनों से किया जाता है।
(3) निर्वाह कृषि में पूँजी की कम आवश्यकता पड़ती है।(3) गहन कृषि में पूँजी की अधिक आवश्यकता होती है।
(4) निर्वाह कृषि में निम्न प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा सकता है।(4) गहन कृषि में उच्च प्रौद्योगिकी की आवश्यकता होती है।
अध्याय 3 कृषि
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अध्याय 3 कृषि FAQ’s –

पीसीकल्चर का क्या है ?

मत्स्य पालन को पीसीकल्चर कहा जाता है.

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