मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) या मुख्यमंत्री सचिवालय
राज्य के मुख्यमंत्री को प्रशासनिक या सचिवीय सहायता प्रदान करने के लिए पृथक् से ‘मुख्यमंत्री सचिवालय’ (कार्यालय) होता है। मुख्यमंत्री का सचिवालय (CMO) भी समग्र सचिवालयी व्यवस्था का एक भाग है, जो मुख्यमंत्री की प्रशासनिक सहायता करता है। इस सचिवालय का मुख्य कार्य यह देखना है कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन राज्य, सम्भाग व जिला प्रशासन द्वारा उचित ढंग से हो रहा है या नहीं।
संगठन-
राजस्थान में मुख्यमंत्री सचिवालय की स्थापना सन 1951 में की गई थी। इस सचिवालय का प्रशासनिक प्रमुख एक सचिव होता है। जिसे मुख्यमंत्री का सचिव भी कहा जाता है। यह अधिकारी सामान्यतया भारतीय प्रशासनिक सेवाओं का वरिष्ठ सदस्य होता है। सचिव का कार्य मुख्यमंत्री को प्रशासनिक सहायता देना तो है इसके अलावा वह मुख्यमंत्री के साथ कभी-कभी दौरे पर भी जाता है।
सन 1998 से पहले सचिव के अधीन, उपसचिव 3, विशेषाधिकारी 3, प्रेस सलाहकार, उप निदेशक, सहायक सचिव, पुलिस अधीक्षक (सतर्कता) तथा अन्य मंत्रालयिक कर्मचारी, आवश्यकता के अनुसार नियुक्त किए जाते थे। दिसम्बर, 1998 में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री सचिवालय के संगठन को संशोधित करते हुए दो सचिवों की नियुक्ति की। मुख्यमंत्री सचिवालय में दोनों सचिवों के अधीन 2-2 उपसचिव तथा अन्य कार्मिक कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सचिवालय) के कार्य-
(1) प्रशासनिक सूचनाएँ, तथ्य एवं जानकारियाँ मुख्यमंत्री को उपलब्ध करवाना।
(2) मुख्यमंत्री से संबंधित फाइलों एवं दस्तावेजों को सुरक्षित रखना तथा उनका निस्तारण करना।
(3) मंत्रिमंडल के पूर्व में लिए गए निर्णयों की क्रियान्विति को सुनिश्चित करवाना।
(4) विभिन्न विभागों तथा जिलों को दिशा निर्देश जारी करना।
(5) केंद्र सरकार तथा दूसरे राज्यों से पत्र-व्यवहार करना।
(6) मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की क्रियान्वति करवाना व भ्रमण/दौरों के क्रम में कार्यक्रम एवं व्यवस्था निश्चित करना।
(7) अकाल एवं बाढ़ राहत, रक्षा सेवा सहायता, चिकित्सालय विकास, सामान्य सहायता तथा स्वेच्छा आधारित कोष (मुख्यमंत्री सहायता कोष) का प्रबन्ध करना।
(8) मुख्यमंत्री के अधीन यदि कोई विभाग हो तो उनके कार्य सम्पादित कराने में सहायता एवं निर्देश देना।
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