भारत का प्रधानमंत्री
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भारत के संविधान में प्रधानमंत्री पद को संवैधानिक मान्यता दी गई है। संविधान द्वारा प्रदत्त सरकार की संसदीय व्यवस्था में राष्ट्रपति केवल नाममात्र का कार्यकारी प्रमुख होता है और वास्तविक कार्यकारी शक्तियाँ भारत का प्रधानमंत्री में निहित होती हैं।
प्रधानमंत्री की नियुक्ति
संविधान के अनुच्छेद 75(1) के अनुसार राष्ट्रपति भारत का प्रधानमंत्री की नियुक्ति करेगा। राष्ट्रपति सामान्यतः लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है लेकिन यदि लोकसभा में कोई भी दल को स्पष्ट बहुमत में न हो तो राष्ट्रपति स्वविवेक के अनुसार सामान्यतः सबसे बड़े दल अथवा गठबंधन के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करता है और उससे एक माह की समयावधि में सदन में विश्वास मत हासिल करने के लिए कहता है।
भारतीय राष्ट्रपति द्वारा इसका प्रयोग पहली बार 1979 में किया गया। जब तत्कालीन राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने मोरारजी देसाई वाली जनता पार्टी की सरकार के पतन के बाद चौधरी चरण सिंह (गठबंधन के नेता) को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। 1997 में उच्चतम न्यायालय में दिए गए एक निर्णय के अनुसार एक व्यक्ति जो किसी भी सदन का सदस्य न हो, उसे प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है लेकिन ऐसे व्यक्ति को 6 माह के भीतर संसद के किसी भी सदन का सदस्य बनाना अनिवार्य है। इस प्रकार प्रधानमंत्री संसद के किसी भी सदन का सदस्य हो सकता है। मनमोहन सिंह असम से राज्य सभा (उच्च सदन) के सदस्य रहते दो बार भारत के प्रधानमंत्री रह चुके है।
शपथ-
भारत का प्रधानमंत्री को पद ग्रहण करने से पूर्व राष्ट्रपति पद व गोपनीयता की शपथ दिलाता है।
कार्यकाल-
प्रधानमंत्री का कार्यकाल निश्चित नहीं है और वह राष्ट्रपति के प्रसादपर्यन्त अपने पद पर बना रह सकता है। सामान्यतः जब तक प्रधानमंत्री को लोकसभा में विश्वास मत हासिल है, वह अपने पद पर बना रह सकता है। लोकसभा में अपना विश्वास मत खो देने पर उसे अपने पद से त्यागपत्र देना पड़ेगा अथवा त्यागपत्र न देने पर राष्ट्रपति उसे बर्खास्त कर सकता है।
प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियां-
मंत्रिपरिषद के सम्बन्ध में-
भारत का प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद में मंत्रियों की नियुक्ति करवाने में राष्ट्रपति को अनुशंसा करता है और अनुशंसा किये गए व्यक्तियों की राष्ट्रपति मंत्री के रूप में नियुक्त करता है। प्रधानमंत्री मंत्रियों को विभागों का वितरण करता है और उसमें फेरबदल करता है। वह किसी मंत्री को त्यागपत्र देने अथवा राष्ट्रपति को उसे बर्खास्त करने की सलाह देता है। प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद की बैठकों की अध्यक्षता करता है एवं उसके निर्णयों को प्रभावित करता है। वह सभी मंत्रियों की गतिविधियों पर नियंत्रण रखता है। उनका मार्गदर्शन, निर्देशन एवं उनमे समन्वय स्थापित करता है। वह मंत्रीमंडल की बैठकों को बुलाता है, उनकी कार्यसूची निर्धारित करता है एवं उनका स्थान निर्धारित करता है। प्रधानमंत्री की मृत्यु या त्यागपत्र से मंत्रिपरिषद स्वतः ही भंग हो जाती है।
राष्ट्रपति के सम्बन्ध में-
भारत का प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को विभिन्न पदाधिकारियों (महान्यायवादी, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, संघ लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य, निर्वाचन आयुक्त, वित्त आयोग के अध्यक्ष व सदस्य आदि) की नियुक्ति के संबंध में परामर्श देता है। वह राष्ट्रपति द्वारा मांगी जाने वाली विभिन्न सूचनाओं को उपलब्ध कराता है। वह (अनुच्छेद 78 के अनुसार) राष्ट्रपति और मंत्रिपरिषद के बीच संवाद की मुख्य कड़ी है। किसी विषय को जिस पर किसी मंत्री ने विनिश्चय कर दिया है किन्तु मंत्रिपरिषद ने विचार नहीं किया है राष्ट्रपति के चाहे जाने पर, मंत्रिपरिषद के समक्ष रखता है।
संसद के सम्बन्ध में-
भारत का प्रधानमंत्री राष्ट्रपति को संसद का सत्र आहूत करने एवं सत्रावसान करने संबंधी परामर्श देता है। वह किसी भी समय लोकसभा को भंग करने की सिफारिश राष्ट्रपति से कर सकता है। प्रधानमंत्री सदन के पटल पर सरकार की नीतियों की घोषणा करता है। उसे संसद के किसी भी सदन में वाद-विवाद में हस्तक्षेप करने का अधिकार है। वह संसद के निम्न सदन (लोकसभा) का नेता होता है।
अन्य शक्तियाँ व कार्य-
भारत का प्रधानमंत्री नीति आयोग, अंतरराज्यीय परिषद् आदि का अध्यक्ष होता है। वह केंद्र की विदेश नीति तय करता है। प्रधानमंत्री आपातकाल के दौरान राजनीतिक स्तर पर आपदा प्रबंधन का प्रमुख है। वह सत्ताधारी दल का नेता होता है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO)
प्रधानमंत्री कार्यालय एक स्टाफ एजेंसी है- जो प्रधानमंत्री को उसकी जिम्मेदारियाँ निभाने में सहायता प्रदान करती है। यह प्रधानमंत्री को सचिव स्तरीय सलाह और अन्य महत्वपूर्ण सलाह देती है। PMO एक संविधानेत्तर निकाय है। प्रधानमंत्री कार्यालय को कार्य वितरण नियम 1961 के अंतर्गत भारत सरकार के एक विभाग का दर्जा हासिल है। इसके अधीन अथवा इसमें जुड़ा हुआ अन्य कोई कार्यालय नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय 1947 में अस्तित्व में आया। जून, 1977 तक इसे प्रधानमंत्री सचिवालय कहा जाता था। भारत का प्रधानमंत्री राजनैतिक रूप से प्रधानमंत्री द्वारा तथा प्रशासनिक रूप से केबिनेट सचिव द्वारा निर्देशित किया जाता है।
भारत के प्रधानमंत्री (Prime Minister of India)
क्र.सं. | नाम | कार्यकाल |
1. | जवाहरलाल नेहरू (1889-1964) | 15 अगस्त, 1947 – 27 मई, 1964 |
2. | गुलजारी लाल नंदा (1889-1997) | 27 मई, 1964 – 9 जून, 1964 (कार्यवाहक) |
3. | लाल बहादुर शास्त्री (1904-1966) | 9 जून, 1964 – 11 जनवरी, 1966 |
4. | गुलजारी लाल नंदा (1889-1997) | 11जनवरी,1966-24जनवरी,1966(कार्यवाहक) |
5. | इंदिरा गाँधी (1917-1984) | 24 जनवरी, 1966 – 24 मार्च, 1977 |
6. | मोरारजी देसाई (1896-1995) | 24 मार्च, 1977 – 28 जुलाई, 1979 |
7. | चरण सिंह (1902-1987) | 28 जुलाई, 1979 – 14 जनवरी, 1980 |
8. | इंदिरा गाँधी (1917-1984) | 14 जनवरी, 1980 – 31 अक्टूबर, 1984 |
9. | राजीव गाँधी (1944-1991) | 31 अक्टूबर, 1984 – 1 दिसम्बर, 1989 |
10. | वी.पी. सिंह(1931-2008) | 02 दिसम्बर, 1989 – 10 नवम्बर, 1990 |
11. | चंद्रशेखर (1927-2007) | 10 नवंबर, 1990 – 21 जून, 1991 |
12. | पी.वी. नरसिम्हा राव (1921-2004) | 21 जून, 1991 – 16 मई 1996 |
13. | अटल बिहारी वाजपेयी(1926-2018) | 16 मई 1996 – 01 जून, 1996 |
14. | एच. डी, देवेगौडा (1933) | 01 जून, 1996 – 21 अप्रैल, 1997 |
15. | इंद्रकुमार गुजराल (1933-2012) | 21 अप्रैल, 1997 – 18 मार्च, 1998 |
16. | अटल बिहारी वाजपेयी(1926- | 19 मार्च, 1998 – 13 अक्टूबर, 1999 |
17. | अटल बिहारी वाजपेयी(1926- | 13 अक्टूबर, 1999 – 22 मई, 2004 |
18. | डॉ. मनमोहन सिंह (1932) | 22 मई, 2004 – 26 मई, 2014 |
19. | नरेन्द्र मोदी (जन्म- 1950) | 26 मई, 2014 – वर्तमान तक |