वाक्यांश के लिए एक शब्द
हमारे दैनिक जीवन में प्रचलित भाषा-प्रयोगों में अनेक बार ऐसी स्थिति आती है कि हम किसी वाक्यांश के लिए एक ही शब्द का प्रयोग कर लेते हैं। यह एक शब्द पूरी स्थिति या घटना क्रम का पूर्णतः प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होता है।
जिसका कथन न किया जा सके – अकथनीय
जिसको किसी तर्क से काटा न जा सके – अकाट्य
जिसे खाया न जा सके – अखाद्य
वह स्थान जिस पर कोई जा न सके – अगम्य
सबसे पहले गिना जाने वाला – अग्रगण्य
वह जो पहले जन्मा हो – अग्रज
वह जो इन्द्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर
वह जो कभी बूढा न हो – अजर
वह जिसका कोई शत्रु पैदा ही न हुआ हो – अजातशत्रु
वह जिस पर विजय प्राप्त न की जा सके – अजेय
वह जो इन्द्रियों के अनुभव के परे हो – अतीन्द्रिय
मात्रा से अधिक वर्षा होना – अतिवृष्टि
वह जिसकी तुलना न की जा सके – अतुलनीय
वह जिसके जैसा दूसरा न हो – अद्वितीय
वह जो दूर की बात न सोच सके – अदूरदर्शी
वह जो दिखाई न दे – अदृश्य
आत्मा से सम्बन्धित – अध्यात्म
पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि – अधित्यका
गजट में प्रकाशित सूचना – अधिसूचना
वह कथा जो मूलकथा में आए – अंतर्कथा
वह जो सबके मन की बात जानता है – अन्तर्यामी
अनेक राष्ट्रों के बीच – अन्तरराष्ट्रीय
वह जिसका कोई अन्त न हो – अनन्त
वह जिसका दुसरे से सम्बन्ध न हो – अनन्य
वह जिसे किसी बात का पता न हो – अनभिज्ञ
वह जिसका कोई स्वामी (नाथ) न हो – अनाथ
पलकों को बिना गिराये – अनिमेष
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वह जिसका वर्णन न किया जा सके – अनिर्वचनीय
वह जिसे रोका नहीं जा सके – अनिरुद्ध
वह जिसके अभाव में कोई कार्य संभव नहीं हो – अनिवार्य
वह उक्ति जो परम्परा से चल रही हो – अनुश्रुति
वह जो अनुकरण के योग्य हो – अनुकरणीय
किसी कार्य के लिए दी जाने वाली सहायता – अनुदान
वह जो बाद में जन्मा हो – अनुज
वह जो व्यर्थ खर्च करता है – अपव्ययी
वह कारण जिसे टाला न जा सके – अपरिहार्य
वह अंश जो पढ़ा हुआ न हो – अपठित
वह जिसकी पहले से आशा न की गई हो – अप्रत्याशित
वह जिस पर मुकदमा चल रहा हो – अभियुक्त
वह जिसे भेदा न जा सके – अभेद्य
छः माह में एक बार होने वाला – अर्द्धवार्षिक
वह जिसे कम ज्ञान हो – अल्पज्ञ
वह जिसका वध न किया जा सके – अवध्य
वह घटना जो अवश्य घटने वाली है – अवश्यंभावी
वह जो बिना वेतन के काम करे – अवैतनिक
वह जिसे क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
फेंक कर चलाया जाने वाला हथियार – अस्त्र
वह जिसमें कुछ भी ज्ञान न हो – अज्ञ
पुरे जीवन भर/जीवन तक – आजीवन
अपनी ही हत्या करने वाला – आत्महंता/आत्मघाती
पैर से लेकर सिर तक – आपादमस्तक
शीघ्र प्रसन्न होने वाला – आशुतोष
वह जो ईश्वर में विश्वास रखे – आस्तिक
जो इंद्रियों की पहुँच के परे हो – इन्द्रियातीत
वह जो ऋण से मुक्त हो गया हो – उऋण
पर्वत के नीचे की भूमि – उपत्यका
वह भूमि जिसमें कुछ भी न उपजता हो – ऊसर
इतिहास से सम्बन्धित – ऐतिहासिक
वह जो कविता करती है – कवयित्री
वृक्षों और लताओं से घिरा स्थान – कुंज
वह जो बाह्य जगत् के ज्ञान से अनभिज्ञ हो – कूपमंडूक
वह जो किए का उपकार माने – कृतज्ञ
वह जो कीटाणुओं को मारे – कृमिघ्न
क्षण में नष्ट होने वाला – क्षण भंगुर
क्षमा करने योग्य – क्षम्य
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चक्र है पाणि में जिसके वह – चक्रपाणि
चार भुजाएँ हैं जिसके वह – चतुर्भुज
वह रचना जो गद्य-पद्य मिश्रित हो – चम्पू
वह चर्चा जिसका कोई प्रामाणिक आधार न हो – जनश्रुति
वह जिसकी कुछ जानने की इच्छा हो – जिज्ञासु
वह जिसमें बाण रखे जाते हैं – तरकश
वह जो तीन कालों की बात जानता है – त्रिकालज्ञ
वह जो तीनों गुणों से परे हो – त्रिगुणातीत
तीन माह में एक बार होने वाला – त्रैमासिक
वह जिसके दश मुख हो – दशानन
वह जिसके दश कंधे हो – दशकंध
वह जिसे लाँघना कठिन हो – दुर्लाघ्य
वह जिसे भेदना कठिन हो – दुर्भेद्य
वह जिसका दमन करना कठिन हो – दुर्दमनीय
वह जिसे पार करना कठिन हो – दुस्तर
वह जिसका जन्म अभी हुआ हो – नवजात
वह जो नाशवान है – नश्वर
वह जो ईश्वर में आस्था न रखे – नास्तिक
वह स्थान जहाँ कोई भी जन न हो – निर्जन
बिना पलकें गिराये देखना – निर्निमेष
वह जिसे बाहर निकाल दिया गया हो – निर्वासित
वह जो ममता से रहित हो – निर्मम
वह जिसे अक्षरों का ज्ञान न हो – निरक्षर
वह जो रात्रि में विचरण करता है – निशाचर
वह जो दूसरों के अधीन हो – पराधीन
पंद्रह दिन में एक बार हो – पाक्षिक
वह स्त्री जिसे उसके पति ने छोड़ किया हो – परित्यकता
परिश्रम के बदले दी गई राशि – पारिश्रमिक
दोपहर के पहले का समय –पूर्वाह्न
वह जो शीघ्र उत्तर देने की बुद्धि रखता है – प्रत्युत्पन्नमति
वह जो दिखने में प्रिय लगे – प्रियदर्शी
वह जो बहुत कुछ जानता है – बहुज्ञ
वह जिसे भाषा का पूरा ज्ञान हो – भाषाविद्
वह जो किसी के मर्म को जान ले – मर्मज्ञ
वह जो मास में एक बार हो – मासिक
वह जो कम बोलता है – मितभाषी
वह जो कम खर्च करता है – मितव्ययी
वह जो खुले हाथ से दान करे – मुक्तहस्त
वह जिसने मृत्यु को जीत लिया हो – मृत्युंजय
क्रम के अनुसार – यथाक्रम
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जहाँ तक सम्भव हो – यथासंभव
शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
प्रतिष्ठा प्राप्त व्यक्ति – लब्धप्रतिष्ठ
बालक को सुलाने के लिए गाया जाने वाला गीत – लोरी
वह जो वर्णन से परे हो – वर्णनातीत
वह जो बहुत ज्यादा बोलता है – वाचाल
माता-पिता का संतान के प्रति प्रेम – वात्सल्य
इच्छानुसार गर्मी व सर्दी का वातावरण – वातानुकूलित
वर्ष में एक बार हो – वार्षिक
वह पुरुष जिसकी पत्नी मर गयी हो – विधुर
वह जो विषय विशेष का ज्ञाता हो – विशेषज्ञ
वह जो वेदों का ज्ञाता हो – वेदज्ञ
वह जिसे व्याकरण का पूरा ज्ञान हो – वैयाकरण
वे हथियार जो हाथ में पकड़कर चलाये जाते हैं – शस्त्र
शत्रु को मारने वाला – शत्रुघ्न
छूत से फैलने वाला रोग – संक्रामक
वह जो सबको समान रूप से देखे – समदर्शी
उसी समय घटित होने वाला – समकालीन
एक ही समय से सम्बन्धित – समसामयिक
वह जो समान आयु का हो – समवयस्क
वह जो सब कुछ जानता हो – सर्वज्ञ
देश का शासन चलाने हेतु नियमों की पुस्तक – संविधान
वह जो अपने आप पर निर्भर हो – स्वावलंबी
अपने हित के लिए किया गया कार्य – स्वार्थ
वाक्यांश के लिए एक शब्द