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अध्याय 1 भारतीय संविधान

अध्याय 1 भारतीय संविधान | कक्षा 8 | सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

अध्याय 1 भारतीय संविधान हल प्रश्न | कक्षा 8 | सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन

SST पाठ 1 सभी हल प्रश्न

इस लेख में हम NCERT के द्वारा जारी नए पाठ्यक्रम के अनुसार कक्षा 8 की सामाजिक विज्ञान विषय की सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन-3 के अध्याय 1 भारतीय संविधान के सभी प्रश्नों को हल किया गया है। उम्मीद करता हूँ आपके लिए उपयोगी होंगे।

प्रश्न 1 किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूरत क्यों पड़ती है?

उत्तर – किसी लोकतांत्रिक देश को संविधान की जरूतर निम्न कारणों से पड़ती है –

(1) आदर्शों को सूत्रबद्ध करना –

संविधान उन आदर्शों को सूत्रबद्ध करता है जिनके द्वारा नागरिक अपने देश को अपनी इच्छा और सपनों के अनुसार रच सकते हैं। यह नियमों का एक ऐसा समूह होता है जिसको एक देश के सभी नागरिक अपने देश को चलाने की पद्धति के रूप में अपना सकते है।

(2) सत्ता के दुरुपयोग को रोकना –

जनता लोकतंत्र में राजनेताओं का चुनाव करती है लेकिन इस बात की संभावना हमेशा रहती है कि ये नेता सत्ता का दुरुपयोग कर सकते हैं। लोकतांत्रिक समाजों में प्रायः संविधान ही ऐसे नियम तय करता है जिनके द्वारा राजनेताओं के हाथों सत्ता के इस दुरुपयोग को रोका जा सकता है।

(3) संविधान के द्वारा ही यह तय किया जाता है कि उस देश की राजनीतिक व्यवस्था कैसी होगी।

(4) बहुमत की निरंकुशता पर प्रतिबन्ध लगाना –

लोकतांत्रिक समाजों में भी बहुमत की निरंकुशता का खतरा बना रहता है। अल्पसंख्यकों पर बहुसंख्यकों की इस निरंकुशता पर प्रतिबन्ध लगाना भी संविधान का महत्त्वपूर्ण काम है।

(5) व्यापक हित के सिद्धांतो की रक्षा करना –

लोकतांत्रिक समाजों में कई बार हम किसी मुद्दे पर बहुत ही आक्रामक ढंग से सोचने लगते है। ऐसे विचार हमारे व्यापक हितों के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं। संविधान हमें ऐसी भावनाओं से बचाने में सहायता करता है।

इस प्रकार संविधान हमें ऐसे फैसले लेने से रोकता है जिनसे उन बड़े सिद्धांतो को ठेस पहुँच सकती है जिनमें देश आस्था रखता है।

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प्रश्न 2 नीचे दिए गए दो दस्तावेजों के हिस्सों को देखिए। पहला कॉलम 1990 का नेपाल के संविधान का है। दूसरा कॉलम नेपाल के तजा संविधान में से लिया गया है।

1990 का नेपाल का संविधान भाग – 7 कार्यपालिका2015 का नेपाल का संविधान भाग – 7 संघीय कार्यपालिका
अनुच्छेद 35 : कार्यकारी शक्तियाँ नेपाल अधिराज्य की कार्यकारी शक्तियाँ महामहिम नरेश एवं मंत्रिपरिषद में निहित होंगी।अनुच्छेद 75 : कार्यकारी शक्तियाँ नेपाल की कार्यकारी शक्तियाँ, संविधान और कानून के अनुसार, मंत्रिपरिषद में निहित होंगी।

नेपाल के इन दोनों संविधानों में ‘कार्यकारी शक्ति’ के उपयोग में क्या फर्क दिखाई देता है? इस बात को ध्यान में रखते हुए क्या आपको लगता है कि नेपाल को एक नए संविधान की जरूरत है? क्यों?

उत्तर – 1990 के नेपाल का संविधान इस सिद्धांत पर आधारित था कि शासन की सर्वोच्च शक्तियाँ राजा के पास रहेगी क्योंकि वह एक राजतंत्र देश था। 2015 का नेपाल का संविधान लोकतांत्रिक राज्य का संविधान है, इसमें अंतिम सत्ता जनता के निर्वाचित प्रतिनिधियों से बनी मंत्रिपरिषद में निहित है। चूँकि संविधान एवं कानून में भी यह व्यवस्था कर दी गई है अतः नेपाल को एक गए संविधान की कोई आवश्यकता नहीं है।

प्रश्न 3 अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो क्या होता?

उत्तर – अगर निर्वाचित प्रतिनिधियों की शक्ति पर कोई अंकुश न होता तो वे सत्ता का दुरुपयोग कर सकते हैं। राजनेताओं द्वारा सत्ता के इस दुरुपयोग से लोगों के साथ भारी अन्याय हो सकता है।

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प्रश्न 4 निम्नलिखित स्थितियों में अल्पसंख्यक कौन है? इन स्थितियों में अल्पसंख्यकों के विचारों का सम्मान करना क्यों महत्त्वपूर्ण है। इसका एक-एक कारण बताइए।

(क) एक स्कूल में 30 शिक्षक हैं और उनमें से 20 पुरुष हैं।

उत्तर – इस स्थिति में महिला शिक्षक अल्पसंख्यक हैं। अल्पसंख्यक महिला शिक्षक के विचारों का सम्मान करना इसलिए जरूरी है ताकि बहुमत की निरंकुशता से अल्पसंख्यकों को नुकसान न हो।

(ख) एक शहर में 5 प्रतिशत लोग बौद्ध धर्म को मानते हैं।

उत्तर – इस स्थिति में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोग अल्पसंख्यक हैं। इन लोगों के विचारों का सम्मान इसलिए करना चाहिए ताकि अन्तर-सामुदायिक वर्चस्व की स्थापना न हो सके।

(ग) एक कारखाने के भोजनालय में 80 प्रतिशत कर्मचारी शाकाहारी हैं।

उत्तर – इस स्थिति में मांसाहारी कर्मचारी अल्पसंख्यक हैं। इस स्थिति में अल्पसंख्यक मांसाहारी कर्मचारियों के विचारों का सम्मान करना इसलिए  करना इसलिए महत्त्वपूर्ण है ताकि खान-पान में अल्पसंख्यकों को किसी ऐसी चीज से वंचित न होना पड़े जो बहुसंख्यकों के लिए सामान्य रूप से वर्जित है।

(घ) 50 विद्यार्थियों की कक्षा में 40 विद्यार्थी संपन्न परिवारों से हैं।

उत्तर – इस स्थिति में 10 विद्यार्थी जो सम्पन्न परिवारों से नहीं हैं, अल्पसंख्यक हैं। इस स्थिति में विपन्न परिवारों के बच्चों के विचारों का सम्मान करना इसलिए आवश्यक है कि उन्हें गरीबी के कारण किसी तरह की असमानता का सामना नहीं करना पड़े।

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प्रश्न 5 नीचे दिए गए बाँए कॉलम में भारतीय संविधान के मुख्य आयामों की सूची दी गई है। दूसरे कॉलम में प्रत्येक आयाम के सामने दो वाक्यों में लिखिए कि आपकी राय में यह आयाम क्यों महत्त्वपूर्ण है –

मुख्य आयाममहत्त्व
संघवाद 
शक्तियों का बँटवारा 
मौलिक अधिकार 
संसदीय शासन पद्धति 

उत्तर-

मुख्य आयाममहत्त्व
संघवाद(1) संघवाद में राष्ट्रीय स्तर के निर्णय केन्द्रीय सरकार लेती है और प्रांतीय स्तर के निर्णय प्रांतीय स्तर की सरकार लेती है। पंचायती राज व्यवस्था शासन का तीसरा स्तर है।
(2) कार्यक्षेत्र की स्पष्टता के लिए सूचियों के माध्यम से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि किस स्तर की सरकार किन मुद्दों पर कानून बना सकती है।
शक्तियों का बँटवारा(1) सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए शक्तियों का बँटवारा तीन अंगों – कार्यपालिका, व्यवस्थापिका व न्यायपालिका में किया गया है।
(2) शक्तियों के बँटवारे के अनुसार प्रत्येक अंग दूसरे अंग पर अंकुश रखता है और इस प्रकार तीनों अंगों के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है।
मौलिक अधिकार(1) मौलिक अधिकार देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने व निरंकुश उपयोग से बचाते हैं।
(2) प्रत्येक नागरिक इस स्थिति में है कि वह अपने अधिकारों की रक्षा के लिए पहल कर सकता है।
संसदीय शासन पद्धति(1) सरकार के सभी स्तरों पर प्रतिनिधियों का चुनाव लोग खुद करते हैं।
(2) ये प्रतिनिधि जनता के प्रति जवाबदेह होते हैं।

प्रश्न 6 उन भारतीय राज्यों के नाम लिखिए जिनकी सीमाएँ निम्नलिखित पड़ोसी देशों से लगती हैं।

(क) बांग्लादेश

(ख) भूटान

(ग) नेपाल

उत्तर –

(क) बांग्लादेश की सीमा पर भारतीय राज्य –

पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा व मिजोरम।

(ख) भूटान की सीमा पर भारतीय राज्य –

पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम व अरुणाचल प्रदेश।

(ग) नेपाल की सीमा पर भारतीय राज्य –

उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम व उत्तरप्रदेश।

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अध्याय 1 भारतीय संविधान प्रश्नोत्तर FAQ’s

प्रश्न 1 भारत में कितने स्तर की शासन व्यवस्था है?

उत्तर – भारत में त्रि-स्तरीय शासन व्यवस्था है.

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