RBSE 10th Class Social Science sovled Model Paper in Hindi | राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजेमर द्वारा जारी 10वीं बोर्ड परीक्षा का सामाजिक विज्ञान का मॉडल पेपर हिन्दी माध्यम में पूरा सम्पूर्ण हल किया गया है।
सामाजिक विज्ञान मॉडल प्रश्न पत्र | Social Science Model Paper
Table of Contents
समय – 3 घंटे 15 मिनट पूर्णांक – 80
खण्ड – अ
बहुविकल्पी प्रश्न –
प्र.1 निम्न प्रश्नों के उत्तर का सही विकल्प चयन कर उत्तरपुस्तिका में लिखिए। (प्रत्येक प्रश्न 1 अंक)
(i) गाँधी इरविन समझौता कब हुआ –
(अ) 5 जनवरी, 1930
(ब) 5 मार्च, 1931
(स) 15 जनवरी, 1931
(द) 5 मार्च, 1930
उत्तर- >>Click Here
(ब) 5 मार्च, 1931
(ii) ‘हिन्द स्वराज’ पुस्तक के लेखक कौन है –
(अ) जवाहर लाल नेहरू
(ब) नेल्सन मंडेला
(स) महात्मा गाँधी
(द) भगत सिंह
उत्तर- >>Click Here
(स) महात्मा गाँधी
(iii) विश्वव्यापी आर्थिक मंदी की शुरुआत हुई –
(अ) 1919
(ब) 1929
(स) 1935
(द) 1933
उत्तर- >>Click Here
(ब) 1929
(iv) भारत का पहला लौह एवं इस्पात संयंत्र कहाँ स्थापित हुआ?
(अ) मुम्बई
(ब) जमशेदपुर
(स) अहमदाबाद
(द) बोकारो
उत्तर- >>Click Here
(ब) जमशेदपुर
(v) बंगाल गजट पत्रिका का सम्पादन किसने किया?
(अ) वारेन हेस्टिंग्स
(ब) जेम्स आगस्टन हिक्की
(स) राजा राम मोहन राय
(द) गंगाधर भट्टाचार्य
उत्तर- >>Click Here
(ब) जेम्स आगस्टन हिक्की
(vi) भारत में कौनसी दलीय व्यवस्था है?
(अ) बहुदलीय
(ब) एक दलीय
(स) गठबंधन
(द) दो दलीय
उत्तर- >>Click Here
(अ) बहुदलीय
(vii) सामाजिक विभाजन अधिकांशतः आधारित होता है –
(अ) मृत्यु पर
(ब) वंश पर
(स) परिवार पर
(द) जन्म पर
उत्तर- >>Click Here
(द) जन्म पर
(viii) कम्युनिस्ट पार्टी की विशेषता है-
(अ) सामाजिक असमानता
(ब) आर्थिक सुधार अपनाती है पर राजनीतिक सत्ता पर एकाधिकार बनाए रखती हैं।
(स) आर्थिक असमानता
(द) राजतंत्र का समर्थन
उत्तर- >>Click Here
(ब) आर्थिक सुधार अपनाती है पर राजनीतिक सत्ता पर एकाधिकार बनाए रखती हैं।
(ix) उपभोक्ता शोषण का मूल कारण है –
(अ) बेरोजगारी
(ब) अशिक्षा
(स) गरीबी
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर- >>Click Here
(ब) अशिक्षा
(x) ग्रामीण क्षेत्रों में कर्ज की आवश्यकता मुख्यतः किसलिए होती है –
(अ) आवास
(ब) फसल उद्योगों के लिए
(स) विदेश यात्रा के लिए
(द) पारिवारिक आय के लिए
उत्तर- >>Click Here
(ब) फसल उद्योगों के लिए
(xi) एल्युमिनियम प्रगलन उद्योग निम्न में से किसे कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है ?
(अ) गन्ना
(ब) चूना पत्थर
(स) लौह अयस्क
(द) बॉक्साइट
उत्तर- >>Click Here
(द) बॉक्साइट
(xii) निम्न में से कौनसी विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया है ?
(अ) निजीकरण
(ब) राष्ट्रीयकरण
(स) वैश्वीकरण
(द) उदारीकरण
उत्तर- >>Click Here
(स) वैश्वीकरण
प्र.2 रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए –
(प्रत्येक प्रश्न 1 अंक)
(i) भारतीय निर्माताओं द्वारा बनाए गए विज्ञापन ……………. के राष्ट्रवादी संदेश के वाहक बन गए थे।
(ii) भारत से विदेशों को भेजे जाने वाले श्रमिक ……………….नाम से जाने जाते थे।
(iii) “धर्म को राजनीति से कभी अलग नहीं किया जा सकता।” ये शब्द …………….ने कहे।
(iv) औसत आय को ………………….. आय भी कहा जाता है।
(v) भारत में करेंसी (नोट) ………….. जारी करता है।
(vi) भारत में प्रतिवर्ष ……………. को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है।
उत्तर – (i) स्वदेशी, (ii) गिरमिटिया, (iii) गाँधीजी, (iv) प्रति व्यक्ति, (v) भारतीय रिजर्व बैंक, (vi) 24 दिसंबर.
प्र.3 अतिलाघुत्तरात्मक प्रश्नों के उत्तर एक शब्द या एक पंक्ति में दीजिए –
(i) 1880 के दशक में उच्च जाति की नारियों की दयनीय दशा के बारे में लिखने वाली महाराष्ट्र की दो महिलाओं के नाम लिखिए। 1
उत्तर – ताराबाई शिंदे और पंडिता रमाबाई ।
(ii) “प्रथम विश्व युद्ध पहला आधुनिक औद्योगिक युद्ध था।” कोई एक कारण लिखिए। 1
उत्तर – क्योंकि इस युद्ध में संसार के सबसे अग्रणी औद्योगिक राष्ट्र एक-दूसरे के खिलाफ संघर्ष कर रहे थे ।
(iii) आदि-औद्योगीकरण से आप क्या समझते हैं? 1
उत्तर – फैक्ट्रियों की स्थापना से पहले की औद्योगिक अवस्था को आदि-औद्योगीकरण कहा जाता है।
(iv) जूट का क्या उपयोग है? 1
उत्तर – जूट का उपयोग बोरियाँ, चटाई, रस्सी, तन्तु, धागे व गलीचे आदि के निर्माण में होता है।
(v) आपके अनुसार बाढ़ रोकने का एक उपाय बताएँ। 1
उत्तर – बाँध बनाकर बाढ़ को रोका जा सकता है।
(vi) व्यापार किसे कहते हैं ? 1
उत्तर – राज्यों व देशों में व्यक्तियों के मध्य वस्तुओं का आदान-प्रदान व्यापार कहलाता है।
(vii) क्षेत्रीय दल क्या है ? 1
उत्तर – संघीय इकाइयों में से सिर्फ एक इकाई में अस्तित्व रखने वाले राजनैतिक दल को क्षेत्रीय राजनैतिक दल कहा जाता है। इसे राज्यीय या प्रान्तीय दल भी कहते हैं।
(viii) लोकतंत्र के कोई दो लाभ बताइए। 1
उत्तर – 1. प्रभावी और उपयोगी फैसले लेना ।
2. व्यक्ति की गरिमा और स्वतंत्रता की रक्षा।
(ix) लोकतंत्र की दो चुनौतियाँ लिखिए। 1
उत्तर – 1. लोकतंत्र की पहली चुनौती उन देशों में लोकतांत्रिक शासन व्यवस्थाएँ स्थापित करने की है, जहाँ लोकतंत्र नहीं है। 2. लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती।
(x) सकल घरेलू उत्पाद किसे कहते है ? 1
उत्तर – तीनों क्षेत्रकों के उत्पादनों के योगफल को देश का सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं। यह किसी देश के अंदर किसी विशेष वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य होता है।
(xi) तृतीयक क्षेत्र से आप क्या समझते हैं ? 1
उत्तर – तृतीयक क्षेत्रक में उन गतिविधियों को शामिल किया जाता है जो स्वतः वस्तुओं का उत्पादन नहीं करती हैं बल्कि उत्पादन प्रक्रिया में सहयोग करती हैं।
(xii) मानव विकास रिपोर्ट किसके द्वारा प्रकाशित की जाती है ? 1
उत्तर – संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) द्वारा।
खण्ड – ब
लघुत्तरात्मक प्रश्न – प्रश्न सं. 4 से 16 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 50 शब्द)
(प्रत्येक प्रश्न 2 अंक)
प्र.4 रूमानिवाद क्या है ?
उत्तर – रूमानिवाद एक ऐसा सांस्कृतिक आन्दोलन था, जो एक विशेष प्रकार की राष्ट्रीय भावना का विकास करना चाहता था। रूमानिवाद भावनाओं, अंतर्दृष्टि और रहस्यवादी भावनाओं पर जोर देता था। इसने एक साझा सामूहिक विरासत की अनुभूति और साझा सांस्कृतिक अतीत को राष्ट्र का आधार बनाने पर बल दिया।
प्र.5 ब्रेटन वुड्स समझौता क्या है ?
उत्तर – दोनों विश्व युद्धों के मध्य अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था को सुनिश्चित करने, औद्योगिक विश्व में आर्थिक स्थिरता एवं पूर्ण रोजगार को बनाए रखने हेतु जुलाई 1944 में अमेरिका स्थित न्यू हैम्पशायर के ब्रेटन वुड्स नामक स्थान पर संयुक्त राष्ट्र मौद्रिक एवं वित्तीय सम्मलेन में सहमति बनी थी। इसे ही ब्रेटन वुड्स समझौता कहा जाता है।
प्र.6 सुभेद्य जातियां क्या होती है? कोई दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर – सुभेद्य जातियां – ये वे जातियाँ हैं जिनकी संख्या घट रही है। यदि इनकी संख्या पर विपरीत प्रभाव डालने वाली परिस्थितियाँ नहीं बदली जाती और इनकी संख्या घटती रहती है तो यह संकटग्रस्त जातियों की श्रेणी में शामिल हो जाएँगी। नीली भेड़, एशियाई हाथी, गंगा नदी की डॉल्फिन इत्यादि इस प्रकार की जातियों के उदाहरण हैं।
प्र.7 बहुउद्देशीय परियोजनाओं के दो लाभ बताइए।
उत्तर – 1. इन परियोजनाओं पर बने बाँधों के पीछे बनी झीलों में भारी मात्रा में वर्षा का पानी एकत्रित किया जाता है, जिससे बाढ़ों पर नियंत्रण तथा मृदा का संरक्षण होता है।
2. इन बाँधों के जलग्रहण क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण कर वन्य भूमि का विस्तार किया जाता है, जिससे परितंत्र के संरक्षण में सहायता मिलती है।
प्र.8 रबी और खरीफ फसल किसे कहते हैं?
उत्तर – रबी की फसल – वे फसलें जो शीत ऋतू में अक्टूबर से दिसंबर के मध्य बोई जाती है और ग्रीष्म ऋतू में अप्रैल से जून के मध्य काटी जाती हैं, रबी की फसल कहलाती है। गेहूँ, जौ, मटर, चना, सरसों आदि रबी की प्रमुख फसलें हैं।
खरीफ की फसल – वे फसलें जो मानसून के आगमन के साथ बोई जाती हैं और सितम्बर-अक्टूबर में काट ली जाती हैं, खरीफ की फसल कहलाती है। चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन आदि खरीफ की प्रमुख फसलें हैं।
प्र.9 स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर – स्थानीय व अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अंतर – जब व्यापारिक क्रियाएँ भौगोलिक सीमाओं की परिधि में होती हैं तो इसे स्थानीय व्यापार या घरेलू व्यापार कहते हैं। जबकि कोई देश अपनी सीमाओं से बाहर दूसरे देशों से व्यापार करता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं।
प्र.10 लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी क्यों आवश्यक हैं ?
उत्तर – सत्ता की साझेदारी दरअसल लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन-व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे से रहें। इसलिए, वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।
प्र.11 किस प्रकार सामाजिक अन्तरों से लोकतंत्र सुदृढ़ होता है ?
उत्तर – लोकतंत्र में सामाजिक विभाजन की राजनीतिक अभिव्यक्ति एक सामान्य बात है। इसी से विभिन्न छोटे सामाजिक समूह, अपनी जरूरतों और परेशानियों के बीच संतुलन पैदा कर लोकतंत्र मजबूत करती है।
प्र.12 दबाव समूह और आंदोलन में अंतर समझाइए।
उत्तर – दबाव समूह और आंदोलन में प्रमुख अंतर निम्नलिखित हैं –
1. दबाव समूहों का संगठन मजबूत होता है, जबकि आन्दोलनों में संगठन ढीला-ढाला होता है।
2. आंदोलन में फैसले अनौपचारिक ढंग से लिए जाते हैं जबकि दबाव-समूह में फैसले औपचारिक ढंग से लिए जाते हैं।
3. दबाव-समूहों के फैसले आंदोलनों के फैसलों की तुलना में कम लचीले होते हैं।
4. आन्दोलन जनता की स्वतःस्पूर्त भागीदारी पर निर्भर होते हैं, जबकि दबाव-समूह नहीं।
प्र.13 आर्थिक विकास क्या है? प्रति व्यक्ति आय और राष्ट्रीय आय की परिभाषा लिखो।
उत्तर – आर्थिक विकास – आर्थिक विकास से आशय उस प्रक्रिया से है जिसके परिणामस्वरूप देश के समस्त उत्पादन साधनों का कुशलतापूर्वक दोहन होता है। साथ ही साथ राष्ट्रीय आय और प्रतिव्यक्ति आय में निरंतर एवं दीर्घकालीन वृद्धि होती है तथा जीवन स्तर एवं मानव विकास सूचकांक में सुधार की स्थिति उत्पन्न होती है।
प्रति व्यक्ति आय – देश की कुल आय को जब कुल जनसंख्या से भाग देने पर जो आय प्राप्त होती है, वह औसत आय प्रतिव्यक्ति आय कहलाती है।
राष्ट्रीय आय – किसी देश की उत्पादन व्यवस्था से अंतिम उपभोक्ता के हाथों में जाने वाली वस्तुओं या देश के पूँजीगत साधनों के विशुद्ध जोड़ को ही राष्ट्रीय आय कहते हैं
प्र.14 खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी में विभेद कीजिए।
उत्तर – खुली बेरोजगारी और प्रच्छन्न बेरोजगारी के मध्य निम्नलिखित अंतर हैं –
1.खुली बेरोजगारी का तात्पर्य उस स्थिति से है जिसमें योग्य व्यक्ति प्रचलित मजदूरी पर कार्य करना चाहते हैं किन्तु उन्हें रोजगार अथवा काम नहीं मिल पाता है अर्थात् वे पूरी तरह बेरोजगार रहते हैं। इसके विपरीत प्रच्छन्न बेरोजगारी में लोगों को उनकी योग्यता के अनुरूप पूरा काम नहीं मिल पाता है तथा वे रोजगार पर तो लगे होते हैं किन्तु उत्पादन में उनका कोई योगदान नहीं होता है।
2. खुली बेरोजगारी स्थायी प्रकृति की होती है जबकि प्रच्छन्न बेरोजगारी अस्थायी प्रकृति की होती है।
प्र.15 “मुद्रा आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की आवश्यकता को समाप्त कर देती है।” व्याख्या कीजिए।
उत्तर – आवश्यकताओं का दोहरा संयोग वस्तु विनिमय प्रणाली में देखने को मिलता है। वस्तु विनिमय प्रणाली में मुद्रा का उपयोग किए बिना वस्तुओं का विनिमय होता है। वस्तु विनिमय प्रणाली में मनुष्य ऐसे व्यक्ति को ढूंढता है जो उसकी अतिरिक्त वस्तु लेकर उसे इच्छित वस्तु दे देंगे। उदाहरण के लिए, किसान गेहूँ बेचकर जूते खरीदना चाहता है तो उसे ऐसा व्यक्ति ढूंढना पड़ेगा जो उससे गेहूँ लेकर जूते दे दें। यह एक कठिन कार्य है। इसकी तुलना में ऐसी अर्थव्यवस्था में जहाँ मुद्रा का प्रयोग होता है मुद्रा महत्त्वपूर्ण मध्यवर्ती भूमिका प्रदान करके आवश्यकताओं के दोहरे संयोग की जरूरत को समाप्त कर देती है। अब किसान के लिए जरूरी नहीं रह जाता कि वह ऐसे जूता निर्माता को ढूंढे जो न केवल उसका गेंहूँ खरीदे बल्कि साथ-साथ उसको जूते भी बेचे।
प्र.16 उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कैसे कर सकते हैं?
उत्तर – उपभोक्ता अपनी एकजुटता का प्रदर्शन कई प्रकार से कर सकते हैं। वे किसी उपभोक्ता संगठन या दल का निर्माण करके अपने अधिकारों के लिए लड़ सकते हैं तथा अन्य उपभोक्ताओं को भी जागरुक बना सकते हैं। उपभोक्ता किसी उत्पाद या कम्पनी के खिलाफ भी एकजुट होकर प्रदर्शन कर सकते हैं। उपभोक्ता पहले से चल रहे उपभोक्ता संगठनों से भी जुड़ सकते है।
खण्ड – स
दीर्घ उत्तरीय प्रश्न –
प्रश्न 17 से 20 के उत्तर लिखिए। (शब्द सीमा 100 शब्द) (प्रत्येक प्रश्न 3 अंक)
प्र. 17 उदारवादी राष्ट्रवाद की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – उदारवादी राष्ट्रवाद का अभिप्राय था – व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता तथा कानून के सामने सबकी बराबरी। इसकी प्रमुख राजनैतिक व आर्थिक विशेषताएँ निम्नलिखित थीं –
(अ) 19वीं शताब्दी में राजनीतिक क्षेत्र में उदारवादी राष्ट्रवादी स्वरूप की विशेषताएँ –
1. राजनीतिक रूप से उदारवाद एक ऐसी सरकार पर जोर देता था जो सहमति से बनी हो।
2. यह निरंकुश शासन और पादरी वर्ग के विशेषाधिकारों की समाप्ति, संविधान तथा संसदीय प्रतिनिधि सरकार का पक्षधर था।
3. यह उदारवाद वोट देने और चूने जाने का अधिकार केवल संपत्तिवान पुरुषों को ही देता था।
(ब) आर्थिक क्षेत्रों में व्याप्त उदारवादी राष्ट्रवादी स्वरूप की विशेषताएँ –
1. उदारवादी निजी सम्पत्ति के स्वामित्त्व को अनिवार्य बना देना चाहते थे।
2. वस्तुओं और पूँजी के आयत-निर्यात पर राज्य द्वारा लगाए गए नियंत्रणों को समाप्त करने पर बल।
प्र.18 “संसाधन किसी भी विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते है।” कोई तीन तर्क बताइए।
उत्तर – संसाधन किसी भी विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संसाधन राष्ट्र की अर्थव्यवस्था के आधार का निर्माण करते हैं। भूमि, जल, वन, वायु, खनिज के बिना कोई भी कृषि व उद्योग का विकास नहीं कर सकता।
संसाधन किसी भी विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने है, इसके पक्ष में तीन तर्क निम्नलिखित हैं –
1. जल संसाधन का विकास में योगदान – अगर किसी भी क्षेत्र में जल संसाधन की उपलब्धता प्रयाप्त है उस क्षेत्र के विकास में यह संसाधन विशेष भूमिका निभाता है क्योंकि कोई भी व्यवसाय या कृषि कार्य करना हो तो उसके जल की उपलब्धता आवश्यक है।
2. खनिज संसाधन का महत्त्व – अगर किसी भी देश में खनिज संसाधनों की उपलब्धता प्रयाप्त हो तो उस देश के विकास में खनिज संसाधनों का विशेष योगदान रहता है। इसकी सहायता से वहाँ पर उपलब्ध खनिजों से उद्योगों का विकास किया जा सकता है।
3. मानव संसाधन – मनुष्य भी एक संसाधन के रूप कार्य करता है। अगर किसी देश में योग्य व तकनीकी कोशल युक्त नागरिक है तो वह देश विकास करने में हमेशा रहता है। क्योंकि प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग के लिए कुशल मानव संसाधन का होना आवश्यक होता है।
प्र.19 भारत में “राजनीति में जाति” और “जाति के अन्दर राजनीति” है। क्या आप इस कथन से सहमत है?
उत्तर – भारत में ‘राजनीति में जाति’ है अर्थात् भारतीय राजनीति में जातिवाद का अत्यधिक प्रभाव है। यथा –
1. उम्मीदवारों का चुनाव जातियों की संख्या से हिसाब से – भारत में जब राजनीतिक दल चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नाम तय करते हैं तो चुनाव क्षेत्र के मतदाताओं की जातियों का हिसाब ध्यान में रखते हैं ताकि उन्हें चुनाव जीतने के लिए उस जाति के वोट पड़ जाएँ।
2. सरकार के गठन में जातियों को प्रतिनिधित्व देना – जब सरकार का गठन किया जाता है तो राजनीतिक दल इस बात का ध्यान रखते हैं कि उसमें विभिन्न जातियों के लोगों को उचित स्थान मिले। RBSE 10th Class Social Science
भारत में ‘जाति के अन्दर राजनीति’ है – भारत में जाती के अन्दर भी राजनीति पाई जाती है। यथा –
1. देश के किसी भी संसदीय चुनाव क्षेत्र में किसी एक जाति के लोगों का बहुमत नहीं है। इसलिए हर पार्टी और उम्मीदवार को चुनाव जीतने के लिए एक जाति और एक समुदाय से ज्यादा लोगों का भरोसा हासिल करना पड़ता है।
2. कोई भी पार्टी किसी एक जाति के सभी लोगों का वोट हासिल नहीं कर सकती।
3. अगर किसी चुनाव क्षेत्र में एक जाति के लोगों का प्रभुत्व माना जा रहा हो तो अनेक पार्टियों को उसी जाति का उम्मीदवार खड़ा करने से कोई रोक नहीं सकता।
4. अगर जातियों और समुदायों की राजनीतिक पसंद एक ही होती तो सत्तारूढ़ दल के वर्तमान सांसदों और विधायकों को हार का सामना नहीं करना पड़ता, जबकि उन्हें अक्सर हार का सामना करना पड़ता है।
5. एक ही जाति या समुदाय के अमीर और गरीब गोग अक्सर अलग-अलग पार्टियों को वोट देते हैं।
स्पष्ट है कि चुनाव में जाति की भूमिका के साथ-साथ अन्य कारक भी अत्यधिक असरकारक होते हैं।
प्र.20 वैश्वीकरण से आप क्या समझते है ? इसे संभव बनाने वाले कारक बताइए।
उत्तर – वैश्वीकरण का अर्थ – विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। इसमें विश्व के विभिन्न देशों के बाजार एक बाजार के समान कार्य करते हैं।
वैश्वीकरण को सम्भव बनाने वाले दो प्रमुख कारक निम्नलिखित हैं –
1. सूचना प्रौद्योगिकी का विकास – सूचना प्रौद्योगिकी के तहत दूरसंचार, कम्प्यूटर, इंटरनेट आदि की सहायता से सम्पूर्ण विश्व में सरलता से सम्पर्क किया जा सकता है एवं व्यापार किया जा सकता है जिससे वैश्वीकरण की गति तीव्र हुई है। अनेक बहुराष्ट्रीय कम्पनियाँ विकासशील देशों में काल सेंटर स्थापित करके विश्व में फैले ग्राहकों की जानकारी प्रदान कर रही हैं। सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभाई है।
2. परिवहन प्रौद्योगिकी में तेज उन्नति – परिवहन प्रौद्योगिकी में उन्नति से लम्बी दूरियों तक वस्तुओं को कम लागत पर शीघ्र पहुँचाया जा सकता है, जिसके फलस्वरूप तीव्र वैश्वीकरण सम्भव हो पाया है।
RBSE 10th Class Social Science Model Paper
खण्ड – द
निबंधात्मक प्रश्न –
प्रश्न सं. 21 से 22 के उत्तर लिखिए (शब्द सीमा 250 शब्द) (प्रत्येक प्रश्न 4 अंक)
प्र.21 विभिन्न राजनीतिक नेता पृथक् निर्वाचिका के सवाल पर क्यों बँटे हुए थे? RBSE 10th Class Social Science
अथवा
शहरों से चलकर असहयोग आंदोलन किस प्रकार देहात में भी फैल गया?
उत्तर – शहरों से बढ़कर असहयोग आन्दोलन देहात में भी फैल गया था। युद्ध के बाद देश के विभिन्न भागों में चले किसानों व आदिवासियों के संघर्ष भी इस आंदोलन में समा गए। अवध में संन्यासी बाबा रामचंद्र किसानों का नेतृत्व कर रहे थे। बाबा रामचंद्र इससे पहले फिजी में गिरमिटिया मजदूर के तौर पर काम कर चुके थे। उनका आंदोलन तालुकदारों और जमीदारों के खिलाफ था जो किसानों से भारी-भरकम लगान और तरह-तरह के कर वसूल कर रहे थे। किसानों को बेगार करनी पड़ती थी। पट्टेदार के तौर पर उनके पट्टे निश्चित नहीं होते थे। उन्हें बार-बार पट्टे की जमीन से हटा दिया जाता था ताकि जमीन पर उनका कोई अधिकार स्थापित न हो सके। किसानों की माँग थी कि लगान कम किया जाए, बेगार खत्म हो और दमनकारी जमीदारों को नाई-धोबी बंद का फैसला लिया।
जून 1920 में जवाहर लाल नेहरू ने अवध के गाँवो का दौरा किया, गाँववालों से बातचीत की और उनकी व्यथा समझने का प्रयास किया। अक्टूबर तक जवाहर लाल नेहरू, बाबा रामचंद्र तथा कुछ अन्य लोगों के नेतृत्व में अवध किसान सभा का गठन कर लिया गया। महीने भर में इस पूरे इलाके के गाँवों में संगठन की 300 से ज्यादा शाखाएँ बन चुकी थीं।
1921 में जब आंदोलन फैला तो तालुकदारों और व्यापारियों के मकानों पर हमले होने लगे, बाजारों में लूटपाट होने लगी और अनाज के गोदामों पर कब्जा कर लिया गया। महात्मा का नाम लेकर लोग अपनी सारी कार्यवाही और आकांक्षाओं को सही ठहरा रहे थे।
प्र.22 संघवाद क्या है ? इसकी मुख्य विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर – संघवाद – शासन के विभिन्न स्तरों के बीच सत्ता का उर्ध्वाधर बँटवारा आधुनिक लोकतंत्रों में सत्ता की साझेदारी का एक आम रूप है। सत्ता के बँटवारे के इसी स्वरूप को आमतौर पर संघवाद कहा जाता है।
संघीय शासन व्यवस्था में सर्वोच्च सत्ता केन्द्रीय प्राधिकार और उसकी विभिन्न आनुषंगिक इकाइयों के बीच बँट जाती है। सत्ता के इन दोनों स्तर की सरकारें अपने-अपने स्तर पर स्वतंत्र होकर अपना काम करती हैं।
संघवाद की विशेषताएँ निम्नलिखित है –
1. यहाँ सरकार दो या अधिक स्तरों वाली होती है।
2. अलग-अलग स्तर की सरकारें एक ही नागरिक समूह पर शासन करती हैं पर कानून बनाने, कर वसूलने और प्रशासन का उनका अपना-अपना अधिकार-क्षेत्र होता है।
3. विब्भिन्न स्तरों की सरकारों के अधिकार-क्षेत्र संविधान सरकार के हर स्तर के अस्तित्व और प्राधिकार की गारंटी और सुरक्षा देता है।
4. संविधान के मौलिक प्रावधानों को किसी एक स्तर की सरकार अकेले नहीं बदल सकती। ऐसे बदलाव दोनों स्तर की सरकारों की सहमति से ही हो सकते हैं।
5. अदालतों को संविधान और विभिन्न स्तर की सरकारों के अधिकारों की व्याख्या करने का अधिकार है। विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों के विवाद की स्थिति में सर्वोच्च न्यायालय निर्णायक की भूमिका है।
6. वित्तीय स्वायत्तता निश्चित करने के लिए विभिन्न स्तर की सरकारों के लिए राजस्व के अलग-अलग स्रोत निर्धारित हैं।
7. इस प्रकार संघीय शासन व्यवस्था के दोहरे उद्देश्य हैं : देश की एकता की सुरक्षा करना और उसे बढ़ावा देना तथा इसके साथ ही क्षेत्रीय विविधताओं का पूरा सम्मान करना।
अथवा
स्थानीय शासन व्यवस्था के विभिन्न स्तर कौन-कौन से है ? इसके गठन की प्रक्रिया बताइए।
प्र.23 प्रश्न का उत्तर दिए गए मानचित्र में दीजिए।
दिए गए भारत के रेखा मानचित्र में निम्नलिखित को अंकित कीजिए। RBSE 10th Class Social Science
(अ) वडोदरा (ब) रावतभाटा (स) तूतीकोरिन (द) गाँधीनगर
उत्तर –
अथवा
(अ) ब्यावर (ब) अमरकंटक (स) सुंदरगढ़ (द) तुमकूरू
ये भी पढ़ें –
RBSE 10th Class Social Science FAQ’s
उत्तर – हाँ, राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर द्वारा मॉडल पेपर के अनुसार पूरे पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाएंगे.
उत्तर – ये मॉडल पेपर राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर Model Paper के लिंक से PDF में डाउनलोड किए जा सकते है.