सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है ? What is Central Processing Unit? in hindi
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आज हम जानेंगे कि सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट क्या है? इसके अलावा इसके विभिन्न भागों को विस्तार से इस लेख में समझेंगे।
CPU (सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट) कम्प्यूटर का मस्तिष्क माना जाता है। इसका मुख्य कार्य प्रोग्रामों (Praograms) को क्रियान्वित (Execute) करना है।
इसके अलावा CPU कम्प्यूटर के सभी भागों, जैसे – मेमोरी, इनपुट और आउटपुट डिवाइसेज के कार्यों को भी नियंत्रित करता है।
प्रोग्राम और डाटा, इसके मेमोरी में संगृहीत होते हैं। इसी के नियंत्रण में आउटपुट स्क्रीन (Screen) पर दिखाई देता है या प्रिंटर के द्वारा कागज पर छपता है।
सेन्ट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (CPU) के कितने भाग होते हैं ?
CPU के तीन भाग होते हैं। जो इस प्रकार हैं –
- एरिथ्मेटिक व लॉजिक यूनिट (Arithmetic and Logic Unit)
- मुख्य मेमोरी यूनिट (Main Memory Unit)
- कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
एरिथ्मेटिक व लॉजिक यूनिट (Arithmetic and Logic Unit)
इसको संक्षेप में ए.एल.यू. (ALU) यूनिट कहते हैं।
यह यूनिट डाटा पर अंकगणितीय क्रियाएँ (जोड़, बाकी, गुणा, भाग) और तार्किक क्रियाएँ (Logical Operations) करती है।
इसमें ऐसा इलेक्ट्रोनिक परिपथ होता है जो बाइनरी अंकगणित (Binary Arithmetic) की गणनाएँ करने में सक्षम होता है।
ALU सभी गणनाओं को पहले सरल अंकगणितीय क्रियाओं में बाँट लेता है, जैसे – गुणा (Multiplication) को बार-बार जोड़ने की क्रिया में बदलना।
तार्किक क्रियाओं में ALU दो संख्याओं या डाटा की तुलना करता है और प्रक्रिया (Processing) में निर्णय लेने का कार्य करता है।
ALU, कंट्रोल यूनिट से निर्देश या मार्गदर्शन लेता है।
यह मेमोरी से डाटा प्राप्त करता है और मेमोरी में ही सूचना (Information) को लौटा देता है।
ALU के कार्य करने की गति अति तीव्र होती है।
इसमें कई रजिस्टर और एक्यमुलेटर होते हैं जो गणनाओं के दौरान क्षणिक संग्रह हेतु क्षणिक मेमोरी का कार्य करते हैं।
ALU, प्रोग्राम के आधार पर कंट्रोल यूनिट के बताए अनुसार सभी डाटा मेमोरी से प्राप्त करके एक्यमुलेटर में रख लेता है।
मुख्य मेमोरी यूनिट (Main Memory Unit)
मेमोरी कम्प्यूटर की विभिन्न प्रतिभाओं में से एक है।
यह इस प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
यह कम्प्यूटर में प्रविष्ट किए डाटा एवं निर्देशों को स्थाई एवं अस्थाई रूप से सुरक्षित रखता है।
मेमोरी दो प्रकार की होती हैं –
- प्रारंभिक मेमोरी – इसे प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस कहा जाता है एवं यह कम्प्यूटर के CPU से सीधी जुड़ी होती है।
- द्वितीयक मेमोरी – यह CPU का अतिरिक्त एवं बाह्य भाग है।
एक कम्प्यूटर सिस्टम प्रभावशाली रूप से तभी कार्य कर करता है जबकि इसके तीनों भाग सुचारू रूप से क्रियाशील हो।
किसी भी एक भाग के क्रियाशील न होने की स्थिति में सम्पूर्ण कम्प्यूटर सिस्टम काम नहीं कर सकेगा।
कन्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
यह भाग कम्प्यूटर की आतंरिक क्रियाओं का संचालन करता है।
यह इनपुट/आउटपुट क्रियाओं को नियंत्रित करता है, साथ ही मेमोरी और ALU के मध्य डाटा के आदान-प्रदान को निर्देशित करता है।
कंट्रोल यूनिट प्रोग्राम को क्रियान्वित करने के लिए प्रोग्राम के निर्देशों को मेमोरी में से प्राप्त करता है।
निर्देशों को विद्युत-संकेतों (Electric Signals) में परिवर्तित करके यह उचित डिवाइसेज तक पहुँचाता है,
जिससे डाटा प्रक्रिया हेतु डाटा, मेमोरी में कहाँ उपस्थित है?,
क्या क्रिया करनी है तथा प्रक्रिया के पश्चात् परिणाम मेमोरी में कहाँ संगृहीत होना है?,
इन सभी निर्देशों के विद्युत-संकेत, सिस्टम बस (System Bus) की नियंत्रक बस (Control Bus) के माध्यम से कम्प्यूटर के विभिन्न भागों (Components) तक संचरित होते हैं।
CPU में रजिस्टर (Registers) क्या होते हैं?
कम्प्यूटर निर्देश CPU के द्वारा क्रियान्वित किए जाते हैं।
निर्देशों को क्रियान्वित करने के लिए सूचनाओं का आदान-प्रदान होता है।
सूचनाओं को संतोषजनक व तेजी से आदान-प्रदान के लिए कम्प्यूटर का CPU मैमोरी यूनिट का प्रयोग करता है।
इन मेमोरी यूनिट को रजिस्टर (Registers) कहते है।
रजिस्टर मुख्य मेमोरी के भाग नहीं होते हैं।
इसमें सूचनाएं अस्थाई रूप से संगृहीत रहती हैं।
किसी भी रजिस्टर का आकार उसकी बिट संगृहीत करने की क्षमता के बराबर होता है।
वर्तमान में ज्यादातर प्रोसेसर 32-बिट तथा 64-बिट के प्रोसेसर भी उपलब्ध हैं।
रजिस्टर जितने अधिक बिट की होगी उतनी ही अधिक तेजी से कम्प्यूटर में डाटा प्रोसेसिंग का कार्य संपन्न होगा।
कम्प्यूटर में प्रायः निम्न प्रकार के रजिस्टर होते हैं –
- मेमोरी एड्रेस रजिस्टर – यह कम्प्यूटर निर्देश की सक्रीय मेमोरी स्थान (location) को संगृहीत रखता है।
- मेमोरी बफर रजिस्टर – यह रजिस्टर मेमोरी से पढ़े गए या लिखे गए किसी शब्द के तथ्यों (Contents) को संगृहीत रखता है।
- प्रोग्राम कंट्रोल रजिस्टर – यह रजिस्टर क्रियान्वित होने वाली अगले निर्देश का पता (Address) संगृहीत रखता है।
- एक्यूमुलेटर रजिस्टर – यह रजिस्टर क्रियान्वित होते हुए डाटा को, उसके माध्यमिक रिजल्ट व अंतिम रिजल्ट को संगृहीत रखता है। प्रायः ये रजिस्टर सूचनाओं के क्रियान्वयन के समय प्रयोग होता है।
- इंस्ट्रक्शन रजिस्टर – यह रजिस्टर क्रियान्वित होने वाली सूचना को संगृहीत रखता है।
- इनपुट/आउटपुट रजिस्टर – ये रजिस्टर विभिन्न इनपुट/आउटपुट डिवाइस के मध्य सूचनाओं के आवागमन के लिए प्रयोग होता है।
इंस्ट्रक्शन सेट (Instructions Set) –
CPU के निर्देश, जो कमाण्ड्स को क्रियान्वित करने हेतु हैं, कंट्रोल यूनिट में तैयार किए जाते हैं।
निर्देशों या निर्देश समूह वैसे सभी क्रियाओं की सूची तैयार करता है जो CPU कर सकता है।
इंस्ट्रक्शन सेट का प्रत्येक निर्देश माइक्रो कोड (Micro codes) में व्यक्त किए जाते हैं जोकि बुनियादी निर्देशों जो CPU को यह बताता है कि जटिल क्रियाओं को कैसे क्रियान्वित करे।
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