बहमनी साम्राज्य (Bahamani Samrajy)
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बहमनी साम्राज्य की स्थापना 1347 ई. में हसन गंगू द्वारा की गई थी। वह अबुल हसन मुजफ्फर अलाउद्दीन बहमनशाह के नाम से सिंहासन पर बैठा। उसने गुलबर्गा बनाया और उसका नाम अहमदाबाद रखा। उसने हिन्दुओं से जजिया न लेने का आदेश दिया।
उसने अपने राज्य को चार सूबों में (तर्फों) में बाँटा। गुलबर्गा, दौलताबाद, बरार एवं बीदर उसकी प्रांतीय राजधानियाँ थी।
बहमन शाह के बाद उसका पुत्र मुहम्मद शाह प्रथम (1358-1375 ई.) गद्दी पर बैठा। उसने वारंगल और विजयनगर के हिन्दू राजा से युद्ध किया। इसके काल में बारूद का प्रयोग पहली बार हुआ।
प्रमुख बहमनी शासक –
मुहम्मद शाह (1358-1375 ई.)
अलाउद्दीन मुजाहिद (1375-1378 ई.)
मुहम्मद द्वितीय (1378-1397 ई.)
ताजुद्दीन फिरोजशाह (1397-1422 ई.)
अहमदशाह (1422-1436 ई.)
अलाउद्दीन अहमद शाह (1436-1458 ई.)
मुहम्मद शाह तृतीय (1463-1482 ई.)
ताजुद्दीन फिरोज शाह ने फिरोज शाह नामक एक शहर बसाया और चोल और दभौल बंदरगाहों की उन्नति की।
अहमद शाह ने 1425 ई. में बीदर को अपनी राजधानी बनाया, जिसे मुहम्मदाबाद का नाम दिया।
अलाउद्दीन अहमदशाह के शासनकाल में महमूद गवां को राज्य की सेवा में लिया गया। हुमायूँ ने तीन वर्ष का शासन किया। वह बहुत क्रूर था। उसे दक्कन का नीरो भी कहा गया।
मुहम्मद तृतीय के शासनकाल में रुसी यात्री निकितिन ने बहमनी राज्य की यात्रा की थी। इसी काल में महमूद गवां प्रधानमंत्री (वजीर) बना और उसे ख्वाजा जहाँ की उपाधि प्रदान की गई।
इसी प्रकार बहमनी साम्राज्य में कुल 18 शासक हुए, जिन्होंने 175 वर्षों तक शासन किया।
बहमनी राज्य का शासन –
बहमनी साम्राज्य चार अरतफों (प्रांत) में बाँटा गया था- दौलताबाद, बरार, बीदर और गुलबर्गा। प्रत्येक अरतफ का प्रमुख तर्फदार होता था। महमुद गवां के मंत्रित्व में प्रान्तों की संख्या चार से बढ़कर आठ कर दी गई।
सुलतान की सहायता के लिए मंत्री एवं अधिकारी होते थे। सुलतान के अंगरक्षक खास-खेल कहलाते थे। शिहाबुद्दीन अहमद ने मनसबदारी प्रथा का आरंभ किया, जिसमें सैनिक अधिकारियों को उनके मनसब के अनुसार जागीरें दी गई।
बहमन राज्य का पतन –
क्र.सं. | राज्य | वर्ष (ई.) | संस्थापक | वंश |
1. | बीजापुर | 1489 | युसुफ आदिलशाही | आदिल शाह |
2. | अहमदनगर | 1490 | मलिक अहमद | निजामशाही |
3. | बरार | 1490 | इमादशाह | इमादशाही |
4. | गोलकुंडा | 1512 | कुल कुतुब शाह | कुतुबशाही |
5. | बीदर | 1526 | अमीर अली बरिद | बरिदशाही |
1547 ई. में अहमदनगर ने बरार को अपने साम्राज्य में मिला लिया। बीजापुर ने बीदर को 1618-19 में अपने साम्राज्य में मिलाया।
शाहजहाँ ने 1636 ई. में अहमदनगर को मुग़ल साम्राज्य में मिला लिया। औरंगजेब ने 1686 ई. में बीजापुर और 1687 ई. में गोलकुंडा का अपने साम्राज्य में मिलाया।