You are currently viewing तत्सम तद्भव देशज विदेशी शब्द
तत्सम तद्भव देशज विदेशी शब्द

तत्सम तद्भव देशज विदेशी शब्द

यहाँ पर हम तत्सम तद्भव देशज विदेशी शब्द की परिभाषा को जानने के साथ ही इनके महत्वपूर्ण उदाहरण से इनको समझने का प्रयास करेंगे। तो सबसे पहले हम शब्द विचार पर चर्चा करते है –

शब्द-विचार

शब्द विचार – भाषा विज्ञान के अंतर्गत रूप विज्ञान में शब्दों का अध्ययन किया जाता है। शब्दों के अध्ययन में उनके भेद, रुपांतर तथा व्युत्पत्ति का अध्ययन आवश्यक है।

शब्द किसे कहते हैं ?

एक या एकाधिक अक्षरों से बने हुई स्वतंत्र सार्थक ध्वनि को शब्द कहते हैं। संरचना की दृष्टि से शब्द भाषा की सबसे छोटी इकाई है। अर्थ की दृष्टि से भी भाषा की सबसे छोटी इकाई शब्द ही है।

शब्द भाषा के प्रमुख तत्त्व हैं।

हिंदी भाषा की उत्पत्ति मूलतः संस्कृत भाषा से हुई है। संस्कृत से हिंदी का विकास निम्न रूप में हुआ –

  • प्राकृत प्रथम – पालि
  • प्राकृत द्वितीय – प्राकृत
  • प्राकृत तृतीय – अपभ्रंश

हिन्दी का विकास अपभ्रंश की सौरसैनी शाखा से हुआ।

अतः हिन्दी में स्रोत या उत्पत्ति के दृष्टि से इन भाषाओं के शब्द मिलते हैं।

तत्सम तद्भव, देशज, विदेशी शब्द किसे कहा जाता हैं?

स्रोत या उत्पत्ति के आधार पर हिन्दी शब्दों को निम्न 4 भागों में विभक्त किया जा सकता है –

  • तत्सम
  • तद्भव
  • देशज
  • विदेशी

तत्सम शब्द –

तत्सम शब्द का अर्थ है – तद्+सम = उसके समान अर्थात् संस्कृत के समान।

संस्कृत के जो शब्द हिन्दी में ज्यों की त्यों प्रचलित हैं उन्हें तत्सम शब्द कहा जाता है।

जैसे – कर्म, अग्नि, कक्ष, सत्य, माता, ग्राम, भक्त, कर्ण, गृह, ग्रह, बधू आदि।

हिन्दी में राशि, ग्रह, नक्षत्र, धार्मिक संस्कार और पशु-पक्षी आदि के नाम वर्तमान में भी तत्सम रूप में प्रचलित हैं।

तद्भव शब्द –

तद्भव शब्द का अर्थ है तत्+भव, अर्थात् उससे उत्पन्न। ऐसे शब्द जो संस्कृत से अपने मूल रूप से पृथक रूप में हिन्दी में प्रचलित हैं, तद्भव शब्द कहलाते हैं।

इन्हीं शब्दों को हिन्दी के अपने शब्दों के रूप में भी जाना जाता है।

जैसे – काम, आग, कमरा, सांच, माँ, गाँव, भगत कान आदि इसी प्रकार के शब्द हैं।

हिन्दी में कहीं-कहीं इनके तत्सम् रूप भी प्रचलित हैं।

अतः हमें विभिन्न शब्दों के तत्सम व तद्भव रूपों को जानना आवश्यक है।

तत्सम व तद्भव शब्दों के प्रमुख उदाहरण –

तत्सम

तद्भवतत्समतद्भव

अंक

आँकअंगरक्षकअंगरखा
अमृतअमियआश्चर्यअचरज
अर्पणअरपनअक्षिआँख
अमूल्यअमोलआलस्यआलस
अग्निआगआश्विनआसोज
अश्रुआँसूअमावस्याअमावस
आभीरअहीरआखेटअहेर
अकार्यअकाजअन्यत्रअनत
अर्कअरकअस्थिहड्डी
अक्षवाटअखाड़ाआमलकआँवला
अम्लिकाइमलीआशीषअसीस
आश्रयआसराअनार्यअनाड़ी
अगम्यअगमअन्नअनाज
अष्टादशअठारहअर्धआधा

अक्षय तृतीय

आखातीजअद्यआज
आशाआसअंगुष्ठअंगूठा
आदित्यवारइतवारअंगप्रोक्षअंगोछा
अक्षरआखरआम्रआम
अंचलआँचलअट्टालिकाअटारी
ओष्ठओठइक्षुईख
इष्टिकाईंटईर्ष्याईर्षा
ईप्साइच्छाउपाध्यायओझा
उच्चऊँचाउज्ज्वलउजला
उत्साहउछाहउलूखलओखली
उपरिऊपरउलूकउल्लू
उपालम्भउलाहनाउद्धर्तनउबटन
उन्मनाअनमनाउष्ट्रऊँट
उत्तिष्ठउठऊर्णऊन

एकल पुत्र

एकलौताएलाइलायची
एकत्रइकट्ठाकुष्ठकोढ़
किंचितकुछकर्पूरकपूर
कच्छपकछुआकुपुत्रकपूत
कृत्यगृहकचहरीकर्णकान
कपाटकिवाड़कीर्तिकीरत
कर्म/कृतकामकपर्दिकाकौड़ी
काककाग/कौआकोकिलकोयल
कुंचिकाकुंजीकृषककिसान
कंकणकंगनकज्जलकाजल
कर्पटकपड़ाकदाकब
कदलीकेलाकूपकूआँ
कटुकड़वाकासखाँसी
कुमारकुँवरकंटककाँटा
कार्यकाजकुक्कुरकुत्ता
कोटिकरोड़कपोतकबूतर
कंदुकगेंदक्रूरकूर
कर्कटकेकड़ाकथानिकाकहानी
कीटककीड़ाकूटकूड़ा
कुक्षिकोखकर्तरिकैंची
कोणकौनाकेशरीकेहरी
गायकगवैयागोधूमगेहूँ
गणनागिननाग्रामगाँव
गुहागुफागोपालकग्वाला
गणेशगनेशगोत्रगोत
गोस्वामीगुसाईगृहघर
गर्तगड्ढाग्रंथिगाँठ
गहनघनागोमयगोबर
गोगायगम्भीरगहरा
ग्रीवागर्दनघोटकघोड़ा
घृतघीघटघड़ा/शरीर
घटिकाघड़ीचर्मचाम
चंचुचोंचचंद्रचन्द्रमा
चणकचनाचैत्रचेत
छत्रछाताछिद्रछेद
जन्मजनमजामाताजमाई
जुष्ठझूठाजीर्णझीना
तीर्थतीरथतिलकटीका
तुंदतौंदताम्रताँबा
त्वरिततुरंततड़ागतालाब
तिथिवारत्योहारतीक्ष्णतीखा
तृणतिनकादीपकदीया
दंशडंकदुर्लभदूल्हा/दुल्हन
दधिदहीदीपावलीदिवाली
दूर्वादूबदुग्धदूध
धैर्यधीरजनारिकेलनारियल
नासिकानाकनापितनाई
नकुलनेवलानयननैन
प्रस्तरपत्थरप्रतिवेशीपड़ौसी
पश्चात्पीछेबर्करबकरा
बुभुक्षाभूखबकबगुला
भ्रूभोंहभगिनीबहिन
भ्रमरभौंरामर्कटीमकड़ी
मातुलमामामिष्टानमिठाई
मुष्ठिकामुठ्ठीमत्सरमिठाई
मस्तकमाथामरीचमिर्च
मत्स्यमछलीमंडूकमेंढ़क
महिषिभैंसयूथजथा
योगजोगयमुनाजमुना
रात्रिरातलवंगलौंग
लवनलूणवाटिकाबाड़ी
वार्ताबातवृक्षरूख
वारिदबादलशर्कराशक्कर
श्मश्रुमूँछश्वसुरससुर
क्षीरखीरसर्वदासदा
स्कन्धकंधाहस्तिहाथी
हरिद्राहल्दीहस्तहाथ
हरिणहिरणहीरकहीरा

देशज शब्द –

देशज का अर्थ  है – देश या क्षेत्र में जन्म लेने वाले। वे शब्द जिनकी उत्पत्ति का कोई भाषा वैज्ञानिक आधार नहीं होता, बल्कि स्थानीय स्तर पर अनुकरण, मुख-सूख, अज्ञानता, प्रतिध्वनि आदि के कारण लोक भाषा में प्रचलन में आ जाते हैं देशज कहलाते हैं।

जैसे – टनाटन, ठसाठस, टन्न, लोटा, झंझट, झक-झक आदि।

इन शब्दों का उल्लेख शब्द कोष में नहीं होता तथा स्थानीय स्तर पर इनके अर्थ में भी थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।

विदेशी शब्द –

भारत में अनेक विदेशी जातियों के आगमन तथा बसने से उनके अनेक शब्द हिन्दी में समाहित हो गए। पुर्तगाली, अरबी, फारसी, तुर्की, पश्तो, अंग्रेजी, यूनानी, डच, आदि भाषाओं के शब्द हिंदी में प्रचलित हैं।

निम्न तालिका में हिन्दी के विदेशी शब्दों के उदाहरण दिए गए हैं –

भाषा स्रोतशब्द
पुर्तगालीस्री, अलमारी, चाबी, गोदान, कनस्तर, कॉफी, तम्बाकू, पलटन, पिस्तौल, पादरी, तौलिया, बाल्टी, बोतल, प्याला, आलू, काजू, पपीता, आलपिन, अनन्नास, कमरा, संतरा, पगार, मिस्री, पीपा, परात, इस्पात, कमीज, कमरा, गमला, गोभी, नीलाभ, मेज आदि।
अंग्रेजीहोटल, हॉस्पीटल, स्टेशन, रेल, टिकट, कमीशन, कोट, बटन, कमैटी, बेंच, बल्ब, टेलीवीजन, सिनेमा, कम्पनी, अफसर, लेडी, कलक्टर, कोर्ट, फीस, अपील, पुलिस, रिपोर्ट, पेन, पेपर, स्कूल, डॉक्टर, नर्स, वोट, ईस्टर, चर्च, पोप, मिशनरी, फाइल, बिल, सिटी, कॉलेज, रीडर, पोस्ट, ऑफिस, जर्सी, केक, शर्ट, केक, यूरिया, टायर, रबर, कैमरा, प्लेग, गजट, जेल, प्रेस, प्लेट, पार्टी आदि।
फ्रांसीसी (फ्रेंच)रिपोर्ताज, अंग्रेज, डीलक्स, मशीन, मास्टर, एडवोकेट, जज, चश्मा, कूपन, कप, पिकनिक, रेस्तरां, लैम्प, मैम, कारतूस, टेबुल आदि।
अरबीहिन्दी, गरीब, आदमी, अमीर, औरत, अदालत, मुकदमा, दौलत, फैसला, मालिक, कसूर, हुक्म, तामील, जिला, तहसील, नकद, ईमानदार, इरादा, दुनिया, मानसून, अजब, अदा, गुस्सा, किताब, दौलत, खत्म, उम्र, आखिर, उम्दा, अक्ल, खराब, कसम, कीमत, बहस, फायदा, वकील, नकल, तारीख, सुबह, हलवाई, नहर, ख़त, कसरत, तमाशा, दावत, पाजामा, बुखार, जुखाम, अखबार, सरदार, आराम, किनारा आदि।
तुर्कीउर्दू, बहादुर, बेगम, कुर्ता, गनीमत, सुराग, कालीन, आका, कुली, ताश, सराय, चेचक, काबू, चमचा, तलाश आदि।
पश्तोडेरा, गुण्डा, गड़बड़, नगाड़ा, अचार, पठान, हमजोली आदि।
यूनानीएटम, दाम, दमड़ी, सुरंग, डेल्टा।
जापानीजुलूस, रिक्शा, सुनामी, हायकू।
चीनीचाय, चीनी, लीची, सिन्दूर, तूफान, पटाखा चाउमीन।
जर्मनट्रेन, सेमिनार, नाजी, mark, डॉक।

हम उमीद करते है की तत्सम तद्भव देशज विदेशी शब्द से संबंधित जानकारी से आपको कुछ फायदा हुआ होगा। इस लेख के बारे में अगर आपका कोई सुझाव है तो कमेंट बोक्स में कमेंट जरूर करें।

ये भी पढ़ें –

प्रातिक्रिया दे

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.