You are currently viewing राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग
राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग

राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग

राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग

राजस्थान राज्य निर्वाचन आयोग- 73वें व 74वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के अनुसार राज्य में पंचायती राज संस्थाओं एवं शहरी निकायों के चुनाव निष्पक्ष एवं समय पर करवाने के लिए अलग से राज्य निर्वाचन आयोग की व्यवस्था की गई है।

राज्य की पंचायतों के सभी निर्वाचनों और नगरपालिकाओं के सभी चुनावों का अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण, मतदाता सूचियाँ तैयार करना व चुनाव करवाना आदि कार्य भारतीय संविधान के अनुच्छेद 243 K और अनुच्छेद 243 ZA के द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग में निहित है।

निर्वाचन आयुक्त-

राज्य निर्वाचन आयोग का प्रमुख राज्य निर्वाचन आयुक्त होता है। जिसकी नियुक्ति राज्यपाल द्वारा की जाती है।

राज्य निर्वाचन आयुक्त की  सेवा की शर्तों में उसकी नियुक्ति के बाद उसके लिए अलाभकारी परिवर्तन नहीं किया जाएगा।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 K के अनुसार राज्य निर्वाचन आयोग का गठन जुलाई, 1994 में किया गया।

यह एक सदस्य आयोग है। इस आयोग में एक सचिव भी होता है।

राज्य निर्वाचन आयोग एक सांविधिक निकाय है। राजस्थान के प्रथम निर्वाचन आयुक्त श्री अमरसिंह राठौड़ को बनाया गया।

कार्यकाल-

राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पद ग्रहण करने की तिथि से 5 वर्ष या 65 वर्ष की आयु (जो भी पहले हो) होता है।

राजस्थान राज्य में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव पहली बार 1960 में करवाए गए।

इन प्रथम चुनावों को पंचायतराज विभाग ने आयोजित करवाया।

वर्तमान में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव राज्य निर्वाचन आयोग संपन्न करवाता है।

भारतीय संविधान के 74वें संशोधन के अनुसार राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 1959 में महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए गए

तथा राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) नियम, 1994 बनाए गए जिनके फलस्वरूप नगरपालिका संस्थाओं की चुनाव प्रक्रिया में महत्त्वपूर्ण संशोधन हुए।

राज्य में नगर निकायों के चुनाव सबसे पहले 1960 में स्वायत्त शासन विभाग द्वारा करवाए गए।

राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा नवम्बर, 1994 एवं इसके पश्चात् समय-समय पर भिन्न-भिन्न नगरपालिकाओं के आम चुनाव और उपचुनाव सम्पादित कराए गए हैं।

प्रातिक्रिया दे

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.