Computer Input Devices | कम्प्यूटर इनपुट डिवाइसेज
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कम्प्यूटर में इनपुट डिवाइस क्या हैं?
इनपुट डिवाइसेज (Input Devices) डाटा और सूचना को कम्प्यूटर (Computer) के समझने योग्य संकेतों में परिवर्तित करके कम्प्यूटर में इनपुट करते हैं।
आज विभिन्न प्रकार की इनपुट डिवाइसेज बाजार में उपलब्ध हैं।
इन डिवाइसेस को दो श्रेणियों में बाँटा जा सकता हैं –
ऑन लाइन इनपुट डिवाइसेज (On Line Input Devices) – वे उपकरण हैं जो कम्प्यूटर से सीधे सम्पर्क में रहते हैं। ये डिवाइसेज कम्प्यूटर के साथ सक्रिय होकर इनपुट का कार्य सम्पन्न करते हैं।
ऑफ लाइन इनपुट डिवाइसेज (Off Line Input Devices) – वे उपकरण हैं जो कम्प्यूटर से सीधे सम्पर्क में नहीं रहते हैं और स्वयं अपने नियंत्रण में कार्य करते हैं।
इनपुट डिवाइसेज के प्रकार | Types of Input Devices
की-बोर्ड | key-Board –
की-बोर्ड कम्प्यूटर के साथ प्रयोग किए जाने वाले सर्वप्रथम पेरीफेरल में से एक है।
आज भी की-बोर्ड इनपुट डिवाइस के रूप में प्राथमिक डिवाइस है जो डाटा प्रविष्ट करने में प्रयोग किया जाता है।
की-बोर्ड की रचना | Anatomy of key-Board –
की-बोर्ड एक टाइपराइटर के समान कुंजियों वाला उपकरण होता है, लेकिन इसमें कुंजियों की संख्या टाइपराइटर से अधिक होती है।
डाटा को 1 और 0 के बिट (Bit) में बदलकर की-बोर्ड दो प्रकार से CPU में इनपुट कर सकता है –श्रेणीक्रम में या समान्तर क्रम में।
पॉइंटिंग डिवाइस | Pointing Device –
ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (GUIs), जो कि बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किए जाते हैं।
इनमें स्क्रीन पर कर्सर (Cursor) की स्थिति बताने के लिए पॉइंटिंग डिवाइस की आवश्यकता होती है।
पॉइंटिंग डिवाइसेज इस प्रकार से हैं – माउस (Mouse), ट्रैकबॉल (Trackball), टच पैड (Touch Pad), ट्रैक बिंदु (Track Point), ग्राफ़िक्स टेबलेट (Graphics Tablet), जोयस्टिक (Joystick) एवं टच स्क्रीन (Touch स्क्रीन) ।
माउस | Mouse –
माउस सबसे लोकप्रिय पॉइंटिंग डिवाइस (Computer Input Devices) है जो यूजर एक हाथ के साथ कार्य करता है।
पुराने माउस में उसके तल में एक बॉल होती थी जो की माउस के निचले भाग की सतह पर होती थी।
उसमें आतंरिक रोलर्स बॉल के मूवमेंट को सेंस करके माउस कोर्ड के माध्यम से कम्प्यूटर को संचारित करते थे।
आजकल ऑप्टिकल माउस का प्रचलन है जिसमें रोलिंग बॉल का उपयोग नहीं किया जाता है बल्कि इसके स्थान पर एक प्रकाश और छोटे सेंसर का उपयोग किया जाता है, जो मेज की सतह के एक बहुत छोटे से भाग से माउस की मूवमेंट का पता लगाने के लिए इस्तेमाल होता है।
यह तार रहित या वायरलेस माउस रेडियो तरंगों के माध्यम से कम्प्यूटर के साथ संचार बनाए रखता है।
पारंपरिक PC माउस में दो बटन होते है।
टच-पैड | Touch Pad –
आजकल अधिकांश लैपटॉप कम्प्यूटर्स में एक टच-पैड पॉइंटिंग डिवाइस होती है।
यूजर टच-पैड की सतह पर उंगली को फिराकर या फिसला कर स्क्रीन पर कर्सर को एक जगह से दूसरी जगह मूव करते हैं।
लेफ्ट एवं राईट क्लिक बटन पैड के नीचे स्थित होते हैं।
टच-पैड को इस्तेमाल करने के लिए माउस की अपेक्षा बहुत कम जगह की आवश्यकता होती है।
ट्रेक पॉइंट | Track Point –
आईबीएम थिंक पैड (IBM think Pad) जिसमें टच पैड के लिए भी जगह नहीं होती है, के अंदर प्रायः एक ट्रैक पॉइंट होता है जो कि एक छोटी रबर प्रोजेक्शन कीबोर्ड की keys के बीच एम्बेडेड होता है।
ट्रेक पॉइंट एक छोटे जोयस्टिक की तरह कार्य करता है।
इसे कर्सर की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
ट्रैकबॉल | Track Ball –
यह भी एक माउस की तरह ही होता है, जिसमें बॉल शीर्ष पर स्थित होती है।
हम ट्रैकबॉल को रोल करने के लिए उंगलियों का उपयोग करते हैं और आंतरिक रोलर्स इस मूवमेंट को सेंस करके निर्देशों को कम्प्यूटर तक पहुंचाते हैं।
आजकल ऐसे ऑप्टिकल ट्रैकबॉल उपलब्ध हैं जिनमें रोलर्स की जरुरत नहीं होती है और व्हील्स के गंदे होने की भी कोई समस्या नहीं होती है।
जॉयस्टिक | Joystick –
जॉयस्टिक और दूसरे गेम नियंत्रक भी पॉइंटिंग डिवाइस के रूप में कम्प्यूटर से जोड़े जा सकते हैं।
वे आमतौर पर कम्प्यूटर आधारित गेम्स खेलने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
ग्राफिक्स टेबलेट | Graphics Tablet –
ग्राफिक्स टेबलेट में इलेक्ट्रोनिक लेखन क्षेत्र होता है जिसमें विशेष पेन का उपयोग किया जाता है।
इसके द्वारा आर्टिस्ट ग्राफिकल इमेजेज बना सकता है जैसा की परंपरागत ड्राइंग में किया जाता है।
इसका पेन दबाव के प्रति संवेदनशील होता है, जिसके परिणाम स्वरूप ज्यादा या कम दबाव पड़ने पर वो अलग-अलग चौड़ाई के ब्रश स्ट्रोक प्रदान करता है।
स्कैनर | Scanner –
एक स्कैनर मुद्रित पृष्ठ या ग्राफिक का डिजिटलीकरण करता है, उसको छोटे-छोटे पिक्सल्स वाली इमेज में परिवर्तित करके कम्प्यूटर को संचारित (Transmit) करता है।
यह लेजर तकनीक का उपयोग करके प्रिंटेड इनफार्मेशन को इलेक्ट्रोनिक फ़ॉर्मेट में परिवर्तित करता है।
स्कैनर किसी भी तरह की इनफार्मेशन को स्कैन कर सकता है
जैसे हाथ से लिखा हुआ टेक्ट्स, इमेज, चित्र, प्रिंटेड पेज आदि।
एक बार स्कैन होने के बाद स्कैन्ड इनफार्मेशन को कम्प्यूटर में स्टोर किया जा सकता है या
फिर प्रिंटर के द्वारा प्रिंट किया जा सकता है।
मिडी (Musical Instrument Digital Interface) डिवाइस –
MIDI एक प्रणाली है जो इलेक्ट्रोनिक संगीत वाद्य यंत्र के बीच सूचना प्रसारित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
इसके द्वारा MIDI किबोर्ड को कम्प्यूटर से जोड़ा जा सकता है और
एक कलाकार कम्प्यूटर सिस्टम द्वारा कैप्चर किए गए संगीत को प्ले कर सकता है।
MICR | मैग्नेटिक इंक करैक्टर रेकोग्निशन –
मैग्नेटिक इंक करैक्टर रेकोग्निशन को (MICR Code) एक करैक्टर पहचानने की तकनीक है
जो मुख्य रूप से बैंकिंग उद्योग द्वारा प्रोसेसिंग को कम करने तथा चेक और अन्य दस्तावेजों की क्लीयरिंग में काम आता है।
यह MICR Code करैक्टर को डिजिटल डाटा में बदल देता है जो कम्प्यूटर समझ सकता है।
OMR | ऑप्टिकल मार्क रीडर –
यह एक विशेष स्कैनर है जो पेंसिल या पेन से किए किए चिह्न को एक पूर्व निर्धारित प्रकार की पहचान करने के लिए उपयोग होता है।
सबसे आम उदाहरण परीक्षाओं में प्रयोग किए जाने वाली उत्तर पुस्तिका, OMR उत्तर पुस्तिका को स्कैन कर आउटपुट के रूप में परिणाम प्राप्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
इस प्रकार की Computer Input Devices का इस्तेमाल सर्वेक्षण, चुनाव और परीक्षणों में भी प्रयोग किया जाता है।
OCR | ऑप्टिकल करैक्टर रेकोग्निशन –
ओसीआर मशीन एनकोडेड फॉर्म में इमेजेज, प्रिंटेड या हस्तलिखित टेक्स्ट का इलेक्ट्रोनिक रूपांतरण करता है।
यह व्यापक रूप से स्वचालित डाटा एंट्री के लिए उपयोग किया जाता है।
जैसे OCR यूज करके प्रिंटेड पेपर डाटा रिकार्ड्स, पासपोर्ट दस्तावेजों, बैंक स्टेटमेंट, कम्प्यूटरीकृत रसीदें, बिजनस कार्ड, मेल आदि के डाटा को स्कैन करके डिजिटल फॉर्म में परिवर्तित कर सकते है।
यह प्रिंटेड टेक्ट्स को डिजिटाइज़ करने का सबसे आम तरीका है जिससे यह डाटा इलेक्ट्रोनिक रूप से एडिट, सर्च, ऑनलाइन डिस्प्ले किया जा सकता है और इसके बाद इसको मशीन प्रक्रियाओं जैसे मशीन अनुवाद, टेक्स्ट का स्पीच में परिवर्तन और टेक्स्ट माइनिंग में इस्तेमाल कर सकते है।
बार कोड रीडर –
Bar Code एक वस्तु (Object) को मशीन की सहायता से विशिष्ट रूप से पहचानने का एक तरीका है।
हर एक ऑब्जेक्ट को विशिष्ट रूप से पहचानने के लिए एक कोड किया जाता है जिसे एक मशीन के द्वारा पढ़ा जा सकता है।
मूल रूप से बार कोड को समानांतर लाइनों के बीच की दूरी एवं उनकी चौड़ाई में अंतर कर के विशिष्टता दी जाती थी लेकिन बाद में दो आयामों (2D) में आयत, डॉट्स, षट्कोण और अन्य ज्यामितीय आकारों में विकसित हुआ।
ये विशेष रूप से शॉपिंग मॉल एवं डिपार्टमेंटल स्टोर में क्विक बिलिंग और सूची प्रबंधन के लिए उपयोग किया जाता है।
एक विशेष हैंडहेल्ड डिवाइस जो की एक कम्प्यूटर/टर्मिनल से जुड़ा होता,
को बार कोड पढ़ने और आइटम की पहचान करने के लिए उपयोग किया जाता है।
स्पीच रिकग्निशन डिवाइस –
माइक्रोफोन एक इनपुट डिवाइस है ।
जिसका उपयोग ऑडियो डेटा को कम्प्यूटर में इनपुट के लिए किया जाता है।
यह एक वायर के द्वारा कम्प्यूटर से जुड़ा होता है ।
जिसमें एक माउथपीस जैसी डिवाइस को ऑडियो कैप्चर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
वेबकैम | Webcam –
वेबकैम कम्प्यूटर से जुड़ा डिजिटल कैमरा है और
कम्प्यूटर के माध्यम से कम्प्यूटर नेटवर्क में इमेजेज/वीडियो को कैप्चर करके कम्प्यूटर में फीड करने में काम आता है।
डिजिटल कैमरा इनपुट वस्तु पर फोकस कर के पिक्चर लेता है और
उसको डिजिटल रूप में परिवर्तित करता है जिससे उसे कम्प्यूटर में स्टोर किया जा सके।
ये भी पढ़े –
Computer Input Devices FAQ’s
उत्तर – कम्प्यूटर में इनपुट डिवाइस का मुख्य कार्य सूचना और डाटा को कंप्यटर में निर्गत करना होता है.
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