सुरक्षित ब्राउज़िंग की आदतें | Secure Browsing Habits
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आपको अपनी ऑनलाइन की जाने वाली एक्टिविटीज (ब्राउज़िंग) को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए कुछ अच्छी आदतें विकसित करनी चाहिए।
निम्नलिखित अनुशंसाएं इसमें आपकी सहायता कर सकती हैं –
अपने सॉफ्टवेयर को अप-टू-डेट रखें –
ब्राउज़र सॉफ्टवेयर में मौजूदा कमजोरियों को ठीक करने के लिए नए पैच को जारी किया जाता है।
ब्राउज़र के अलावा, आपको हमेशा ऑपरेटिंग सिस्टम सॉफ्टवेयर और किसी भी अन्य सॉफ्टवेयर को हर समय अप-टू-डेट रखना चाहिए।
एंटी वायरस रन करें –
एंटी वायरस सॉफ्टवेयर आपके सिस्टम में दुर्भावनापूर्ण फाइलों को स्कैन करके हटाता है, वायरस को क्लीन करता है।
बाजार में एंटी वायरस सॉफ्टवेयर (भुगतान और मुफ्त दोनों) के कई विकल्प उपलब्ध हैं, आप अपनी आवश्यताओं के अनुसार किसी भी एक को चुन सकते है।
एक बार एंटी वायरस सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करने के बाद ये जाँच ले की वो सही काम कर रहा है और आपके द्वारा डाउनलोड की जाने वाली कोई भी फाइल को संभावित इन्फेक्शन के लिए चेक कर रहा है।
फ़िशिंग हमलों से बचें | Phishing Attacks –
फ़िशिंग हमले में आपको ईमेल के माध्यम से एक लिंक भेजा जाता है जिसमे क्लिक करने पर आपके संवेदनशील एवं व्यक्तिगत जानकारी मांगी जाती है।
अक्सर ये संदेश बैंकों, सोशल मीडिया साइट्स और शोपिंग साइट्स द्वारा भेजे हुए प्रतीत होते है।
फ़िशिंग संदेशों में अक्सर ऐसे लिंक होते हैं जो आपको लोकप्रिय साइटों के नकली संस्करणों पर ले जाते है।
आप अवांछित/अनचाहे संदेशों को अनदेखा करके और इस तरह से अज्ञात स्रोतों से आने वाली ईमेल को न खोले, न ही ईमेल के अंदर दिए हुए लिंक्स पर क्लिक करे।
इस तरह आप फ़िशिंग से बच सकते है। आपको अगर वेबसाइट का एड्रेस पता है तो आप सीधे ही वेब ब्राउज़र में जा कर टाइप कर ले।
पासवर्ड का पुनः उपयोग न करें | Don’t reuse Passwords –
आप अपनी सभी साइटों के लिए एक ही पासवर्ड का उपयोग ना करे, इससे साइबर हमलावर को आपका पासवर्ड ज्ञात होने की स्थिति में आपको बहुत नुकसान हो सकता है।
इसके बजाय, आप अलग अलग पासवर्ड रखें, इन्हें आप हस्तलिखित बना किसी सुरक्षित स्थान पर रख सकते हैं।
हर साईट के लिए एक अलग पासवर्ड बनाने के लिए आप स्वयं का एक एल्गोरिथम बना सकते है जिसके बारे में सिर्फ आप ही जानते हों।
इसके अलावा आपको अपने पासवर्ड 90 दिन में बदल देने चाहिए।
एचटीटीपीएस जांचे | Check HTTPS –
“HTTPS” में ‘S’ का अर्थ सिक्योर (सुरक्षित- Secure) है, जिसका अर्थ है कि वेबसाइट SSL (एसएसएल) एनक्रिप्शन का इस्तेमाल कर रही है।
कोई भी निजी और संवेदनशील जानकारी दर्ज करने से पहले साईट सुरक्षित है,
यह पता करने के लिए अपने ब्राउज़र के एड्रेस बार में “https” या एक पेडलॉक (padlock) आइकन की जाँच करें।
गोपनीयता नीति | Privacy Policies –
वेबसाइट की गोपनीयता नीतियाँ और उपयोगकर्त्ता समझौते (यूजर अग्रीमेंट) में यह जानकारी देनी चाहिए की आपकी जानकारियाँ कैसे एकत्रित और संरक्षित की जा रही है,
साथ ही साथ यह भी बताया जाना चाहिए कि यह साईट आपके ऑनलाइन गतिविधि को कैसे ट्रैक करती है।
ऐसी वेबसाइट जी उनकी नीतियों में यह जानकारी नहीं देते हैं, उनसे आम तौर पर बचा जाना चाहिए।
अपने वित्तीय लेनदेन की निगरानी करें | Monitor Your Financial Transactions –
आपको किसी भी दुर्भावनापूर्ण लेनदेन की जाँच के लिए अपने बैंक स्टेटमेंट/वित्तीय विवरणों को लगातार जांचते रहना चाहिए
ताकि किसी भी प्रकार के वित्तीय खतरे से समय रहते बचा जा सके।
सार्वजनिक या मुक्त वाई-फाई से बचें | Avoid public or free Wi-Fi –
आम तौर पर हमलावर उपयोगकर्त्ता की जानकारी चोरी करने के लिए असुरक्षित सार्वजनिक नेटवर्क का उपयोग करते हैं,
इसलिए आपको इन नेटवर्कों का उपयोग करने से बचना चाहिए।
संग्रहित पासवर्ड को अक्षम करें | Disable stored passwords –
लगभग सभी ब्राउज़र और वेबसाइट आपके पासवर्ड याद रखने की पेशकश करते हैं।
इस सुविधा को सक्षम करने से आपके पासवर्ड को आपके कम्प्यूटर पर एक स्थान पर संग्रहीत किया जाता है,
जिससे साइबर आक्रमणकर्त्ता के लिए आपके पासवर्ड के बारे में पता करना आसान हो जाता है।
आपको अपने ब्राउज़र का ये फीचर अक्षम करके अपने सरे पासवर्ड मिटा देने चाहिए।
अपने ब्राउज़र के पॉपअप ब्लॉकर को चालू करें –
पॉपअप ब्लॉकर एक ब्राउज़र फीचर है जो जब आप वेब सर्फिंग कर रहे हैं तब सक्षम होना चाहिए।
अगर किसी विशेष कारण की वजह से इसे अक्षम किया गया है तो वो कारण पूर्ण होते ही इसे वापस इनेबल करें।
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