रीड ऑनली मेमोरी (RAM) क्या है? और इसके प्रकार
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कम्प्यूटर में दो प्रकार की मेमोरी होती हैं जो प्राइमरी और सेकेंडरी हैं। प्राइमरी मेमोरी दो प्रकार की होती है- (1) RAM (रीड ऑनली मेमोरी) व (2) ROM.
रीड ऑनली मेमोरी क्या है?
ROM का पूरा नाम Read Only Memory (रीड ऑनली मेमोरी) होता है।
यह एक स्थाई मेमोरी होती है।
जिसमें कम्प्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम संगृहीत कर दिए जाते है। इस मेमोरी में संगृहीत प्रोग्राम परिवर्तित और नष्ट नहीं किए जा सकते हैं, उन्हें केवल पढ़ा जा सकता है।
इसलिए यह मेमोरी, रीड ऑनली मेमोरी (Read Only Memory) कहलाती है।
कम्प्यूटर का स्विच ऑफ (off) करने के बाद भी रोम (ROM) में संगृहीत अवयव नष्ट नहीं होते हैं।
अतः नॉन-वोलेटाइल (Non-Volatile) या स्थाई संग्रह माध्यम कहलाता है।
इसमें कम्प्यूटर की बनावट के अनुसार प्रोग्राम या सॉफ्टवेयर संगृहीत रहते हैं।
RAM (रीड ऑनली मेमोरी) क्यों आवश्यक होती हैं ?
जब तक सॉफ्टवेयर स्टार्ट होता है और काम करता है तब तक RAM की आवश्यकता होती है।
क्योंकि हमारा कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर से तेजी से काम करवाना चाहता है और ROM की स्पीड बहुत कम होती है और RAM की स्पीड बहुत अधिक।
इसलिए हमारा कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर या एप को RAM पर शुरू करता है ताकि वह सॉफ्टवेयर जल्दी काम करे और जब तक हमारा सॉफ्टवेयर काम करता है तब तक RAM का प्रयोग होता है।
जैसे ही आप प्रोग्राम बंद कर देते हैं तो आपकी RAM से वो डिलीट हो जाता है लेकिन ROM में सेव रहता है।
रोम (ROM) के विभिन्न प्रकार निम्नानुसार हैं –
- PROM
- EPROM
- EEPROM
- MROM
- EAROM
PROM (Programmble Read Only Memory) –
प्रोग्रामैबल रीड ऑनली मेमोरी एक ऐसी रिक्त रोम होती है जिसमें आवश्यकता होने पर विशेष उपकरणों द्वारा प्रोग्राम संगृहीत किए जा सकते हैं और एक बार संगृहीत होने के बाद उन्हें मिटाया नहीं जा सकता।
EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory) –
इरेजेबल प्रोग्रामैबल रीड ऑनली मेमोरी भी प्रोम के समान ही होती हैं, लेकिन इसमें संगृहीत प्रोग्राम पराबैगनी प्रकाश (Ultraviolet rays) की उपस्थिति में मिटाए जा सकते हैं और नए प्रोग्राम संगृहीत किए जा सकते हैं।
EEPROM (Electrical Erasable Programmable Read Only Memory) –
इलेक्ट्रिकल इरेजेबल प्रोग्रामैबल रीड ऑनली मेमोरी में प्रोग्राम को मेमोरी से विद्युतीय विधि से मिटाई जा सकती है।
MROM (Masked Read Only Memory) –
मास्क्ड रीड ऑनली मेमोरी का पहले बहुत उपयोग होता था। यह Read Only Memory Hard Wired Devices है जिसमें से पहले से Pre-Programmed Data और Instruction Store किया जाता है।
उस समय में इस प्रकार के मेमोरी बहुत महंगे हुआ करते थे।
EAROM (Electric Aterable Read Only Memory) –
EAROM एक सेमी कंडक्टर के समान दिखाई देती है जिसमें हम कुछ इलेक्ट्रिक सिग्नल देकर जो बदलाव करना चाहते हैं वो कर सकते हैं।
यह RAM के साथ मिलकर कम्प्यूटर को ऑन करने और डिसप्ले को लाने में मदद करती है।
यह भी एक IC के समान दिखाई देती है।
ROM (रीड ऑनली मेमोरी) के लाभ –
- यह RAM से काफी सस्ती होती है।
- ROM का डाटा अपने आप नहीं बदलता है लेकिन हम इसमें कुछ बदलाव करते है तभी बदलाव होता है।
- यह एक Non-Volalite प्रकार की है जो प्रोग्राम को स्थाई बनाए रखता है।
- इसको Refresh करने की जरूरत नहीं होती है।
- इसमें प्रोग्राम को बहुत ही सोच समझ कर डाला जाता है जिसको हम बार-बार बदल नहीं सकते हैं।
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उत्तर – रोम का पूरा नाम रीड ओनली मेमोरी होता है.