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पृथ्वी पर स्थानों की स्थिति

पृथ्वी पर स्थानों की स्थिति | कक्षा 6 | अध्याय 1

इस लेख में हम NCERT की कक्षा 6 की सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तक के अध्याय 1 “पृथ्वी पर स्थानों की स्थिति” के सभी महत्वपूर्ण अभ्यास प्रश्नों को हल किया गया है।

उम्मीद करते है कि ये प्रश्नोत्तर आपके लिए उपयोगी साबित होंगे।

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उत्तर – मानचित्र पृथ्वी के किसी भी क्षेत्र, चाहे वह छोटा हो या बड़ा, का एक प्रतीकात्मक चित्रण होता है।

मानचित्र स्थानों का पता लगाने के लिए एक मार्गदर्शन की तरह है जो यह दर्शाता है कि किसी स्थान की स्थिति कहाँ है और वहाँ तक कैसे पहुँचा जा सकता है।

मानचित्र के तीन मुख्य घटक हैं – (1) दूरी, (2) दिशा और (3) प्रतीक चिह्न।

उत्तर – निर्देशांक वह प्रणाली है जिसके माध्यम से पृथ्वी की सतह पर किसी भी स्थान की सटीक स्थिति बताई जा सकती है। निर्देशांक प्रणाली दो मुख्य रेखाओं अक्षांश व देशांतर पर आधारित होती है। इनके द्वारा हम पृथ्वी पर किसी स्थान का पता लगाने में सक्षम होते हैं।

पृथ्वी के प्रत्येक स्थान की एक स्थिति है जिसको अक्षांशों और देशांतरों के एक ग्रिड-पूर्व से पश्चिम की ओर जाने वाली (भूमध्य रेखा के समानांतर) और उत्तर से दक्षिण की ओर जाने वाली (एक ध्रुव से दूसरे ध्रुव तक) काल्पनिक रेखाओं की सहायता से सही-सही परिभाषित किया जा सकता है।

इस प्रकार हम पृथ्वी पर किसी स्थान का पता लगाने में सक्षम होते हैं।

उत्तर – किसी स्थान विशेष के समय को स्थानीय समय कहते हैं। मानक समय प्रमुख याम्योत्तर, जिसे ग्रिनिच याम्योत्तर भी कहा जाता है। यह इंग्लैण्ड के लंदन के एक क्षेत्र ग्रिनिच से गुजरने वाली याम्योत्तर है। प्रमुख याम्योत्तर के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मानक मानी जाती है।

इसे 00 देशांतर के रूप में अंकित किया जाता है।

इस प्रकार 00 देशांतर मानक समय से संबंधित है।

स्थानीय समय देशांतर प्रमुख याम्योत्तर से दूरी को मापता है। ग्रिनिच पर स्थित प्रमुख याम्योत्तर पर सूर्य जिस समय आकाश के सबसे ऊँचे बिंदु पर होता है, उस समय याम्योत्तर पर स्थित सभी स्थानों पर दोपहर होती है। वे स्थान जो ग्रिनिच के पूर्व में स्थित है, उनका समय ग्रिनिच के समय से आगे होगा और जो स्थान ग्रिनिच के पश्चिम में स्थित हैं, उनका समय पीछे होगा। इसका कारण यह है कि पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगती है।

पृथ्वी 1 घंटे में 150 घूमती है। इस प्रकार जब ग्रिनिच में दोपहर के 12 बजे हैं, उस समय ग्रिनिच से 150 पूर्व में समय 1 घंटा आगे होगा अर्थात् दोपहर के 1 बजे होंगे। इसी प्रकार ग्रिनिच से 150 पश्चिम का समय मानक समय से 1 घंटा पीछे अर्थात् उस स्थान पर सुबह के 11 बजे होंगे।

इस प्रकार स्पष्ट होता है कि देशांतर से स्थानीय समय और मानक समय दोनों संबंधित हैं।

उत्तर – अध्याय 5 में दिए गए चित्र 5.2 के अनुसार नर्मदा नदी के मुहाने से गंगानदी के मुहाने की दूरी 10 से.मी. है।

इस संदर्भ में पैमाना 2.5 से.मी. = 500 किमी. है। अतः दोनों के मुहाने की वास्तविक दूरी होगी

=  500×10/2.5 किमी. अर्थात् 500 x 4 = 2000 किमी.

उत्तर – चूँकि भारतीय मानक समय ग्रिनिच (GMT) समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है। यही कारण है कि जब लंदन में 12 बजे का समय होता है तो भारत में शाम के 5:30 बजे होते हैं।

लंदन जो इंग्लैण्ड में स्थित है। इंग्लैण्ड की मुख्य याम्योत्तर ग्रिनिच से निकलती है जो 00 है। भारत इस ग्रिनिच से 82030’ पू. में स्थित हैं तथा यहाँ का समय ग्रिनिच समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

उत्तर – मानचित्र में प्रतीक चिह्नों और रंगों के उपयोग से मानचित्र को आसानी से खींचा जा सकता है इसके अलावा इनकी सहायता से मानचित्र का अध्ययन करना आसान होता है। इसलिए हमें मानचित्र में प्रतीक चिह्नों और रंगों की आवश्यकता होती है।

प्रश्न 4. आपके घर या विद्यालय की आठ दिशाओं में क्या-क्या स्थित है? पता लगाइए।

उत्तर –

इन आठ दिशाओं को ध्यान में रखते हुए आपको अपने घर या विद्यालय की स्थिति पता लगाकर उत्तर स्वयं लिखना है।

उत्तर – किसी स्थान विशेष के समय को स्थानीय समय कहते हैं जबकि मानक समय का निर्धारण ग्रिनिच से गुजरने वाली प्रमुख याम्योत्तर को माना गया है। इसका नाम 00 देशांतर है। उदाहरण के लिए भारत ग्रिनिच के 82030’ पू. में स्थित है तथा यहाँ का स्थानीय समय ग्रिनिच समय से 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

उत्तर – दोनों नगरों के बीच स्थानीय समय में कोई अन्तर नहीं है क्योंकि इन दोनों शहरों का देशांतर लगभग 770 पू. एक समान ही है और देशांतर रेखाओं से ही समय का निर्धारण होता है। एक ही देशांतर पर स्थित स्थानों का समय समान होता है।

  1. अक्षांशों के सभी समानान्तरों की लम्बाई समान होती है।
  2. देशांतर के एक याम्योत्तर की लम्बाई भूमध्य रेखा की आधी होती है।
  3. दक्षिण ध्रुव का अक्षांश 900 द. है।
  4. असम में स्थानीय समय और आई.एस.टी. (भारतीय मानक समय) एक ही है।
  5. समय क्षेत्र को पृथक करने वाली रेखाएँ देशांतर के याम्योत्तर के समान होती हैं।
  6. भूमध्य रेखा एक अक्षांश वृत्त भी है।

उत्तर – (1) गलत।

अक्षांशों के समानान्तरों की लम्बाई समान नहीं होती है।

सबसे बड़ा वृत्त विषुवत वृत्त है, जबकि हम जैसे ही उत्तर की ओर या दक्षिण की ओर जाते हैं तो अक्षांश द्वारा अंकित किए गए वृत्त छोटे होते जाते हैं।

(2) सत्य।

देशांतर रेखाएँ उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव को मिलाती हुई उत्तर – दक्षिण दिशा में खींची जाती है।

इसलिए सभी देशांतर अर्धवृत्त होते हैं।

इनकी लम्बाई भूमध्य रेखा से आधी होती है क्योंकि भूमध्य रेखा पूर्ण वृत्त होती है।

(3) सत्य।

परम्परागत रूप से विषुवत वृत्त अक्षांश 00 है जबकि दोनों ध्रुवों के अक्षांश 900 उत्तर और 900 दक्षिण है।

इसे 900 उ. और 900 द. के रूप में लिखा जाता है।

(4) सत्य।

भारत का मानक समय ग्रिनिच मीन टाइम (GMT) पर 5 घंटे 30 मिनट आगे है।

असम के स्थानीय समय की गणना भी भारतीय मानक समय के अनुसार की जाएगी।

(5) सत्य।

मुख्य याम्योत्तर ग्रिनिच पर दोपहर के 12 बजे मध्याह्न है,

तो प्रत्येक 150 पू. याम्योत्तर पर स्थानीय समय का एक घंटा जुड़ जाता है।

इसी क्रम में समय आगे बढ़ता है लेकिन पश्चिम की ओर जाने पर इसके विपरीत होता है।

(6) सत्य।

भूमध्य रेखा 00 अक्षांश वृत्त भी है।

Q. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा क्या है?

उत्तर – 180 डिग्री याम्योत्तर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते है.

Q. अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार करने पर क्या होता है?

उत्तर – इसे पार करने पर एक दिन का परिवर्तन होता है.

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