पर्यायवाची शब्द
पर्यायवाची शब्द– भाषा में शब्द और अर्थ दोनों का अपना विशिष्ट स्थान एवं महत्त्व है। एक अर्थ के द्योतक हेतु एक शब्द विशेष होता है, परंतु भाषा-प्रयोग की दृष्टि से उस एक ही शब्द का अनेक बार प्रयोग उचित प्रतीत नहीं होता। ऐसी परिस्थिति में निहितार्थ की अभिव्यक्ति हेतु उसी के समान अर्थ प्रतीति कराने वाले अन्य शब्द का प्रयोग किया जाता है।
ऐसे समानार्थी शब्द ही पर्यायवाची शब्द कहलाते हैं। अपनी भाषा-शैली को प्रभावी बनाने एवं एक ही शब्द की अनेक बार आवृत्ति को रोकने हेतु पर्यायवाची शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
अंग- अंश, अवयव, हिस्सा, भाग।
अन्धकार- तम, तमिस्र, तिमिर, ध्वांत, अंधेरा, अंधियारा।
अग्नि- आग, अनल, पावक, दहन, कृशानु, ज्वाला, वैश्वानर, धूम्रकेतु, जातदेव।
अनुपम- अनुण, अपूर्व, अद्वितीय, अद्भुत, अतुल, अनोखा।
अन्वेषण- अनुसंधान, खोज, गवेषण, जाँच, छानबीन, पूछताछ, शोध।
अभिमान- अस्मिता, अहं, अहंकार, अहंभाव, अहम्मन्यता, आत्मश्लाघा, गर्व, घमंड, दर्प, दंभ, मद, मान, मिथ्याभिमान।
अमृत- सोम, सुधा, अमिय, पियूष, मधु, अमी, सुरभोग, देवभोग।
अरण्य- जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन।
अश्व- घोड़ा, हाय, तुरंग, घोटक, बाजि, सैन्धव, हरि।
असुर- राक्षस, दानव, दनुज, दैत्य, तमीचर, निशाचर, निशिचर, सुरारि, रजनीचर, यातुधान, इन्द्रारि।
अपमान- अनादर, अवज्ञा, अवहेलना, अवमान, तिरस्कार।
अलंकार- आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर।
आँख- नयन, नेत्र, चक्षु, लोचन, दृग, अक्षि।
आँगन- अँगना, अजिरा, प्रांगण।
आकाश- गगन, नभ, अम्बर, व्योम, अंतरिक्ष, अनन्त, आसमान, शून्य, पुष्कर, अभ्र, द्यौ, तारापथ।
आनन्द- सुख, हर्ष, प्रसन्नता, प्रमोद, उल्लास, आह्लाद।
आम- आम्र, रसाल, पिकबंधु, सहकार, अतिसौरभ, अमृतफल।
इच्छा- आकांक्षा, वांछा, अभिलाषा, मनोरथ, स्पृहा, चाह, कामना, ईहा, वासना।
इंद्र- सुरपति, देवराज, महेंद्र, मधवा, शचीपति, पुरन्दर, सुरेश, देवेन्द्र, मेघवाहन, पुरुहूत, यासव।
ईश्वर- परमात्मा, परमेश्वर, भगवान, ब्रह्मा, जगदीश, अगोचर, अनन्त, जगन्नाथ, परमेश, जगतप्रभु।
उक्ति- कथन, वचन, सूक्ति।
उग्र- प्रचंड, उत्कट, तेज, महादेव, तीव्र, विकट।
उपवन- बाग, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन।
कच- बाल, केश, कुन्तल, चिकुर, अलक, रोम, शिरोरुह।
कंठ- ग्रीवा, गर्दन, गला, शिरोधरा।
कपड़ा- पट, चीर, वसन, अम्बर, वस्र, दुकूल, परिधान।
कबूतर- कपोत, रक्तलोचन, पारावत, कलरव, हारिल।
कमल- जलज, पंकज, सरोज, अरविन्द, राजीव, शतदल, पुण्डरीक, इन्दीवर।
कान- कर्ण, श्रवण, श्रोत, श्रुतिपुट।
कामदेव- मदन, मनोज, अनंग, काम, रतिपति, पुष्पधन्वा, मन्मथ।
किनारा- तीर, कूल, कगार, तट।
किरण- कर, अंशु, रश्मि, मरीचि, मयूख, प्रभा।
कीर्त्ति- यश, प्रसिद्धि।
खग- पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अंडज, शकुनि, पखेरू।
गणेश- विनायक, गजानन, लम्बोदर, गणपति, एकदन्त।
गुरु- शिक्षक, आचार्य, उपाध्याय।
गृह- घर, गेह, सदन, निकेतन, भवन, आलय, मंदिर।
चन्द्रमा- इन्दु, सोम, शशि, विधु, सुधांशु, हिमांशु।
चरण- पैर, पाद, पग, पद, पाँव।
चाँदनी- चन्द्रिका, कौमुदी, ज्योत्स्ना, चंद्रमरीचि, उजियारी, चंद्रप्रभा, जुन्हाई।
जगत्– संसार, विश्व, जग, जगती, भव, दुनिया, लोक, भुवन।
जल- वारि, अम्बु, तोय, नीर, सलिल, जीवन, पय।
जीभ- रसना, रसज्ञा, जिह्वा, रसिका, वाणी, वाचा, जबान।
ज्योति- आभा, छवि, द्युति, दीप्ती, प्रभा, भा, रुचि, रोचि।
तरुवर- वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, विटप, रूंख, पादप।
तलवार- असि, कृपाण, करवाल, खड्ग, चंद्रहास।
तालाब- जलाशय, सर, तड़ाग, सरोवर, पुष्कर।
तीर- शर, बाण, विशिख, शिलीमुख, अनी, सायक।
दधि- दही, गोरस, मट्ठा, तक्र।
दांत- दशन, रदन, रद, द्विज, दन्त, मुखाखुर।
दास- सेवक, अनुचर, चाकर, भृत्य, किंकर, परिचारक।
दिन- दिवस, वार, वासर, अह्न, दिवा।
दीन- गरीब, दरिद्र, रंक, अकिंचन, निर्धन, कंकाल।
दीपक- दीप, दिया, प्रदीप।
दुर्गा- चंडी, चामुण्डा, कल्याणी, कालिका, भवानी।
दूध- दुग्ध, पय, क्षीर, गौरस, स्तन्य।
देवता- देव, अजर, अमर, सुर, विबुध।
देश – वतन, राष्ट्र, राज्य, मुल्क।
देह- काया, तन, शरीर, वपु, गात।
द्रव्य- धन, अर्थ, वित्त, सम्पदा, दौलत, वस्तु, पदार्थ।
धन- द्रव्य, वित्त, अर्थ, सम्पति, पूंजी, राशि, मुद्रा।
धनुष- चाप, कमान, कोदण्ड, सरासन, पिनाक, सारंग।
नदी- सरिता, तटिनी, तरंगिनी, आपगा, शौलजा, निर्झरिणी।
नाव- नौका, तरणी, वनवाहन, जलयान, पोत, नैया, तरी।
पत्थर- पाषाण, प्रस्तर, उपल, पाहन, शिलाखण्ड।
पत्ता- दल, पल्लव, पर्ण, द्रुमदल, किसलय, पान, पत्र।
पति– कांत, ईश, स्वामी, भरतार, वल्लभ, प्राणेश, नाथ।
पथ- बाट, मार्ग, राह, पंथ, रास्ता, मग।
पर्वत- पहाड़, अचल, गिरि, भूधर, नग, महीधर, शैल, मेरु।
पशु- चतुष्पद, जानवर, चौपाया, मृग।
पाताल- रसातल, नागलोक, अधोभुवन, उरगस्थान।
पार्वती- शिवा, गौरी, उमा, भवानी, गिरिजा, शौलसुता, अम्बिका।
पास- आसन्न, निकट, समीप, सामीप्य, सन्निकट, उपकंठ, सानिध्य।
पुत्र- सुत, तनय, आत्मज, पूत, बेटा, तनुज, तात, नन्दन, लाल।
पुत्री- सुता, तनया, आत्मजा, तनुजा, नन्दिनी, दुहिता, बेटी।
पुष्प- कुसुम, सुमन, प्रसून, फूल, पुहुप, गुल।
प्रातः – प्रभात, उषा, अरुणोदय, सुबह, अहर्मुख, सवेरा।
प्रवाल- मूँगा, विद्रुम, रक्तांग, लतामणी, रक्तमणि।
पृथ्वी- भू, भूमि, अवनि, अचला, धरा, मही, इला, मेदिनी।
फल- परिणाम, नतीजा, लाभ, प्रभाव।
बन्दर- कपि, हरि, मर्कट, वानर, शाखामृग।
बसन्त- ऋतुराज, मधु, पिकानन्द, मधुमास, कुसुमाकर, मदनमीत।
ब्रह्म- विधि, विधाता, विरंचि, चतुरानन, स्वयंभू, प्रजापति।
बादल- मेघ, घन, जलद, पयोधर, धाराधर, नीरद।
बालक- शिशु, बच्चा, बाल, कुमार, किशोर, लड़का, शावक।
ब्राह्मण- द्विज, विप्र, भूसुर, भूदेव, महिदेव, अग्रजन्मा।
बिजली- विद्युत, चपला, चंचला, तडित, सौदामिनी, दामिनी।
बुद्धि- धी, मेधा, मति, प्रज्ञा, मनीषा।
भाई- बन्धु, सहोदर, भ्राता, भैया, तात, सगर्भा, सजाता।
भौंरा- भ्रमर, मधुकर, मधुप, अलि, षट्पद, भृंग।
मक्खन- नवनीत, माखन, दधिसार, लौनी।
मनुष्य- नर, मानव, जन, मनुज, मानुष, मर्त्य, आदमी।
महादेव- शिव, शंभु, शंकर, पशुपति, त्रिनेत्र, हर, नीलकंठ।
माता- माँ, अम्बा, जननी, प्रसू, मात, जन्मदायिनी अम्ब।
मुख- आनन, वदन, वक्र, मुँह, चेहरा।
मूर्ख- अज्ञ, मूढ़, जड़, अज्ञानी, निर्बुद्धि।
मेंढ़क- मंडूक, दादुर, हरि, भेक, शालूर, वर्षाभू।
मृग- कुरंग, सारंग, कस्तूरी, चमरी, कृष्णसार, हरिण।
मृत्यु- निधन, मरण, देहावसान, देहान्त, मौत, स्वर्गवास।
युद्ध- रण, समर, संग्राम, जंग, विग्रह, लड़ाई।
युवक- युवा, तरुण, जवान, नवयुवक, नौजवान।
युवती- तरुणी, श्यामा, किशोरी, नवयौवना, नवांगना।
रमा- लक्ष्मी, कमला, पद्मा, इन्दिरा, श्री, सिन्धुजा, विष्णुप्रिया।
रवि- भानु, सूर्य, आदित्य, दिनकर, दिनेश, मार्तण्ड।
राजा- नृप, भूप, नृपति, नरेश, महीप, नरेन्द्र, महिन्द्र, महिपाल।
रात- रात्रि, निशा, शर्वरी, रजनी, यामिनी, राका, विभावरी।
रानी- राजवधू, राज्ञी, महारानी, महाराज्ञी, राजपत्नी।
लहर- तरंग, हिलोर, ऊर्मी, वीचि, लहरी।
वज्र- कुलिश, पवि, अशनि, भेदी, भिदुर, दंभोलि।
विद्वान्- कोविद, पण्डित, प्राज्ञ, विदुष।
विष- जहर, गरल, हलाहल, कालकूट, गर।
विवाह- पाणिग्रहण, ब्याह, शादी, परिणय, प्रणय, सुत्रबन्धन।
विष्णु- जनार्दन, चक्रपाणि, रमेश, चतुर्भुज, गदाधर, दामोदर।
शत्रु- अरि, दुश्मन, बैरी, विपक्षी, अमित्र, द्वेषी।
शुक- तोता, कीर, सुग्गा, दाड़िम-प्रिय, रक्ततुंड, सुआ।
सखी- सहचरी, आली, सजनी, सहेली, सौरंध्री।
संध्या- साँझ, शाम, सायं, दिनांत, गोधूलि, प्रदोषकाल।
सर्प- अहि, भुजंग, विषधर, व्याल, फणी, नाग, उरग।
समुद्र- सागर, सिंधु, रत्नाकर, उदधि, पयोधि, पारावार।
सरस्वती- भारती, गिरा, शारदा, विणापाणि, हंसवाहिनी।
सिंह- शार्दूल, केसरी, हरि, मृगेन्द्र, वनराज, मृगराज।
सेना- कटक, अनी, चमू, दल, वाहिनी, सैन्य, फौज।
स्वर्ग- सुरलोक, देवलोक, नाग, इन्द्रपुरी, द्यौ, परमधाम।
स्री- नारी, कामिनी, महिला, अबला, ललना, रमणी, तिय।
हृदय- उर, हिय, वक्ष, वक्षस्थल, हृद।
हनुमान- पवनसुत, महावीर, वज्रांग, मारुती, अंजनिसुत, मारुतनन्दन।
हाथ- हस्त, कर, पाणि, बाहु, भुजा।
हाथी- गज, हस्ती, कुंजर, मातंग, द्विरद, द्विप, नाग, करि।
हंस- मराल, चक्रांग, कलहंस, कारंडव, सरस्वतीवाहन।