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सामाजिक विज्ञान कक्षा 8 मॉडल पेपर

सामाजिक विज्ञान कक्षा 8 मॉडल पेपर | RSCERT नमूना प्रश्न पत्र

इस लेख में हम राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, उदयपुर द्वारा जारी सामाजिक विज्ञान कक्षा 8 मॉडल पेपर हल करेंगे।

प्रारम्भिक शिक्षा पूर्णता प्रमाण पत्र परीक्षा – 2026

कक्षा – 8

नमूना प्रश्न पत्र

समय : 2:30 घंटे                                                                         पूर्णांक – 80

खण्ड  – अ

वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्र.क्र. 1 से 8)

नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए – 8

Table of Contents

(अ) औपनिवेशीकरण                          (ब) औद्योगिकीकरण

(स) व्यवसायीकरण                            (द) वैश्वीकरण                                   (   )

उत्तर – (अ) औपनिवेशीकरण

(अ) मध्य प्रदेश          (ब) राजस्थान             (स) कर्नाटक              (द) उड़ीसा (   )

उत्तर – (अ) मध्य प्रदेश

(अ) वनोन्मुलन                                            (ब) अतिचरण 

(स) कीटनाशकों का अत्यधिक उपयोग           (द) उपर्युक्त सभी                      (   )

उत्तर – (द) उपर्युक्त सभी

(अ) वेदिका फार्म     (ब) मलचिंग    (स) रक्षक मेखला    (द) चट्टान बांध         (   )

उत्तर – (अ) वेदिका फार्म

(अ) विधायिका    (ब) कार्यपालिका   (स) नगरपालिका   (द) न्यायपालिका    (   )

उत्तर – (द) न्यायपालिका

(अ) उपभोग करने वाला               (ब) व्यापार करने वाला

(स) मजदूरी करने वाला               (द) निवेश करने वाला                               (   )

उत्तर – (अ) उपभोग करने वाला

(अ) मुगलों की      (ब) अंग्रेजों की      (स) मराठों की       (द) निजाम की       (   )

उत्तर – (स) मराठों की

(अ) कृषि                               (ब) ग्रामीण विकास     

(स) सामुदायिक सहयोग         (द) गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं    (   )

उत्तर – (द) गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं

उत्तर – (क) 1765 में कम्पनी को बंगाल प्रांत की दीवानी मिलने से भारत में चीजों के खरीदने के लिए कम्पनी को अब ब्रिटेन से सोना-चाँदी नहीं मंगवाना पड़ा।

(ख) बंगाल प्रांत से प्राप्त राजस्व से कम्पनी अब भारत में सूती और रेशमी कपड़ा खरीद सकती थी, अपनी सेना को संभाल सकती थी और कलकत्ता में किले और दफ्तरों के निर्माण की लागत उठा सकती थी।

(i) लोग अपनी आवश्यकताओं और योग्यताओं से प्राकृतिक देन को ………. में परिवर्तित कर देते हैं।

(ii) विश्व में जनसंख्या का वितरण अत्यंत ……… हैं।

(iii) प्रवास से तात्पर्य किसी क्षेत्र विशेष में लोगों के ……. से है।

(iv) ……. एक देश में आश्रित लोगों की संख्या भी बताता है।

उत्तर – (i) संसाधन (ii) असमान (iii) आने-जाने (iv) जनसंख्या पिरामिड

खण्ड (अ)खण्ड (ब)
(i) 2011 की जनगणना अनुसार राजस्थान का सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला(क) चितौड़गढ़
(ii) जनगणना(ख) वन्य जीवों का उन्मुक्त आवास क्षेत्र
(iii) अभ्यारण्य(ग) जनसंख्या संबंधी सूचनाएँ एवं आँकड़े प्राप्त करने की प्रक्रिया
(iv) विजय स्तम्भ स्थित है(घ) कोटा

उत्तर – (i) – (घ), (ii) – (ग), (iii) – (ख), (iv) – (क) ।

(i) संविधान के अनुच्छेद 17 के अनुसार अस्पृश्यता अथवा छुआछूत का उन्मूलन कर दिया गया है। (          )

(ii) जो व्यक्ति या समूह पुरजोर तरीके से अपनी बात रखता हैं उसे बहिष्कृत कहा जाता है।  (         )

(iii) भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अंतर्गत पानी का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा है।  (            )

(iv) शुद्ध जल एवं स्वच्छता सतत विकास लक्ष्य है।

उत्तर – (i) सत्य, (ii) असत्य, (iii) सत्य, (iv) सत्य ।

उत्तर – विश्व बाजार में भारतीय नील की माँग निम्नलिखित कारणों से थी –

  • भारतीय नील की किस्म अच्छी थी। इससे चमकदार नीला रंग मिलता था।
  • उस दौरान वेस्टइंडीज तथा अमेरिका से नील की आपूर्ति अनेक कारणों से बंद हो गई थी। इससे कपड़े को रंगने के लिए रंगों की माँग में अप्रत्याशित वृद्धि हुई।

उत्तर – विलियम जोन्स ईस्ट इंडिया कम्पनी द्वारा स्थापित सुप्रीम कोर्ट में जूनियर जज थे। कानून विशेषज्ञ होने के साथ-साथ वह एक भाषाविद भी थे। वे ग्रीक, लैटिन, फ्रैंच, अंग्रेजी, अरबी, फारसी आदि भाषाएँ जानते थे। कलकत्ता आने के बाद उन्होंने संस्कृत विद्वानों के साथ संस्कृत व्याकरण तथा संस्कृत काव्यों का अध्ययन किया।

उत्तर – स्वामी विवेकानंद ने 1853 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में दिए उद्बोधन में कहा कि मानवजाति को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, उन पर तभी काबू पाया जा सकता है, जब विश्व के सभी राष्ट्र एक समान धरातल पर एक साथ आएँ। अतः उन्होंने सामान्य आध्यात्मिक विरासत के आधार पर युवाओं को एक होने का उपदेश दिया। इस उद्बोधन में वे वास्तव में एक नई विचारधारा के प्रतीक और भविष्य के लिए एक महान शक्ति का स्रोत बन गए।

उत्तर – प्राकृतिक संसाधन – ये वे संसाधन होते है जिन्हें हम प्रकृति से प्राप्त करते हैं तथा बिना अधिक संसोधन के उपयोग में लेते हैं।

प्राकृतिक संसाधनों को निम्न वर्गों में बाँटा जा सकता है –

(i) नवीकरणीय संसाधन – नवीकरणीय संसाधन वे प्राकृतिक संसाधन हैं जो शीघ्रता से नवीकृत अथवा पुनः पूरित हो जाते हैं, प्रायः इनकी मात्रा असीमित होती है।

उदाहरण – सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा।

(ii) अनवीकरणीय संसाधन – अनवीकरणीय संसाधन वे संसाधन हैं जिनका भण्डार सीमित है तथा उनके पुनः पूरित अथवा नवीकृत होने में हजारों वर्ष लग जाते हैं।

उदाहरण – कोयला, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस।

उत्तर – भारत एवं संयुक्त राज्य अमेरिका की कृषि पद्धति में चार मूलभूत अन्तर –

(1) भारत में कृषि फार्म क्षेत्र छोटे आकार (जैसे – 1.5 हैक्टेयर भूमि) के होते हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका में कृषि फार्म आकार में बहुत बड़े (जैसे – 250 हैक्टेयर तक भूमि) होते हैं।

(2) भारत में किसान एक खेतिहर किसान की तरह कृषि करते हैं, जबकि अमेरिका में किसान एक व्यवसायी की तरह कृषि करते हैं।

(3) भारत में ज्यादातर किसान किराये पर ट्रेक्टर, मशीन आदि काम में लेते है, जबकि अमेरिका में किसान के पास अपनी स्वयं की मशीने होती हैं।

(4) भारत का किसान मृदा का परिक्षण नहीं करवाता है, जबकि अमेरिका का किसान समय-समय पर मृदा का भी परिक्षण करवाता हैं।

उत्तर – सरकार की कार्यवाहियों पर अपनी सहमति एवं असहमति व्यक्त करने के लिए चुनाव के अतिरिक्त हम निम्नलिखित तरीकों का उपयोग करेंगे –

(1) हम शांतिपूर्वक ढंग से आंदोलन अथवा प्रदर्शन के माध्यम से अपनी राज्य सरकार तक पहुँचा सकते हैं।

(2) सरकार की कार्यवाहियों पर अपनी असहमति व्यक्त करने के लिए हम जनसभाओं, अखबारों के माध्यम से उसकी आलोचना कर सकते हैं।

(3) हम टीवी चैनलों में रिपोर्ट भी भेज सकते हैं।

(4) अपने हितों की रक्षा हेतु जनसंगठन बनाकर या जनमत संग्रह के माध्यम से भी अपनी सहमति या असहमति व्यक्त कर सकते हैं।

उत्तर – कानून को कायम रखने और मौलिक अधिकारों को लागू करने के लिए लोकतंत्र में न्यायपालिका का स्वतंत्र होना जरूरी है, क्योंकि – (i) स्वतंत्र न्यायपालिका विधायिका और कार्यपालिका द्वारा शक्तियों के दुरूपयोग को रोककर कानून के शासक को कायम रखती है। (ii) स्वतंत्र न्यायपालिका देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में भी अहम भूमिका निभाती है। अगर किसी को लगता है की उसके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो वह अदालत में जा सकता है।

उत्तर – राजस्थान में सबसे ज्यादा सुनियोजित एवं सुनियंत्रित 1857 की क्रांति आउवा में हुई। आउवा में क्रांति का नेतृत्व ठाकुर कुशाल सिंह चम्पावत के द्वारा किया गया।

(ii) सुव्यवस्थित मतदान शिक्षा और निर्वाचन सहभागिता (स्वीप) कार्यक्रम के दो मुख्य उद्देश्य लिखिए –

उत्तर – सुव्यवस्थित मतदान शिक्षा और निर्वाचन सहभागिता (स्वीप) के दो मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

  1. शुचित मतदान (निष्पक्ष व नीतिपरक मतदान) कराना।
  2. सूचित मतदान (जागरूकता के साथ मतदान) कराना।

उत्तर – अपनी ग्राम पंचायत में स्वच्छता अभियान को सफल बनाने के लिए हम अग्र प्रकार सहयोग करेंगे –

(1) मैं व्यक्तिगत रूप से स्वच्छता बनाए रखने, जागरूकता फ़ैलाने तथा सामुदायिक कार्यों में भाग लेने में सहयोग करूँगा।

(2) मैं लोगों को खुले में शौच से बचने, अपने घर और आस-पास के क्षेत्रों को साफ रखने तथा कूड़ा-कचरा नियत स्थान पर फेंकने की आदतों को अपनाने के लिए प्रेरित करूँगा।

उत्तर – कुम्भलगढ़ दुर्ग राजस्थान का सर्वाधिक सुरक्षित दुर्ग हैं, क्योंकि – (1) यह दुर्ग छोटी-बड़ी पहाड़ियों से मिलकर बना है तथा घाटियों एवं बीहड़ जंगलों से घिरा होने के कारण एकाएक नजर नहीं आता। (2) नौ पोलों (दरवाजों) से युक्त दुर्ग के चारों ओर घुमावदार सुदृढ़ एवं चौड़ी दीवार बनी हुई है और दीवारों के नीचे गहरी खाइयाँ व खड्डे बने हुए हैं, जो इसे और दुर्गम बनाते हैं।

उत्तर – राजस्थान में हथकरघा उद्योग – हथकरघा उद्योग में ज्यादातर कार्य हाथों से या छोटी-छोटी मशीनों एवं उपकरणों द्वारा किया जाता है। ये उद्योग बहुत ही कम पूँजी के निवेश पर भी रोजगार प्रदान करते हैं। राजस्थान के अनेक जिलों में प्रायः बुनकर इस कार्य को करते है। राज्य में ऊनी शॉल, कोटा डोरियाँ, दरियाँ, निवार आदि का निर्माण हथकरघा से किया जाता है।

(अ) श्री गंगानगर   (ब) चुरू    (स) राजसमंद  (द) जैसलमेर

उत्तर –

उत्तर – डलहौजी ब्रिटिश साम्राज्य का ज्यादा से ज्यादा विस्तार करना चाहता था। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु डलहौजी ने कई नीतियाँ भारतीय राजाओं पर थोपी।

  • डलहौजी ने स्थानीय शासकों के राज्यों को कम्पनी के अधिकार क्षेत्र में मिलाने हेतु विलय नीति जैसी नीति अपनाई।
  • अवध जैसी रियासतों पर जबरन सहायक संधि थोपकर उन पर कम्पनी का प्रभुत्व स्थापित किया गया।
  • डलहौजी की इन असंगत नीतियों के कारण 18वीं सदी के मध्य से राजा तथा नवाबों की ताकत कम होने लगी। स्थानीय शासकों की स्वतंत्रता घटती गई।
  • स्थानीय शासकों से राजस्व वसूली के अधिकार तथा इलाके छीने जा रहे थे।

इस प्रकार डलहौजी की नीतियों के कारण भारतीय राजाओं में असंतोष व्याप्त हुआ।

उत्तर –

ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स वसूला जाता था, जिसके विरोधस्वरूप गाँधीजी और उनके अनुयायियों ने मिलकर वर्ष 1930 से 240 किमी. की पैदल यात्रा कर दांडी में नमक कानून को तोड़ा। इस आंदोलन में किसानों, आदिवासियों और महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। सरकार ने शांतिपूर्ण सत्याग्रहियों के निर्मम दमन के जरिए आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया और हजारों आंदोलनकारियों को जेल में डाल दिया।

1920 में अंग्रेजों द्वारा तुर्की के सुलतान के अपमान से भारतीय मुसलमान अंग्रेजी सरकार के खिलाफ थे और जलियांवाला हत्याकांड से भारतीय नेता व्यथित थे। खिलाफत आंदोलन के प्रमुख नेता मोहम्मद अली और शौकत अली थे, जो एक सर्वव्यापी असहयोग आंदोलन शुरू करना चाहते थे। गाँधीजी ने मुसलमानों के खिलाफत आंदोलन का समर्थन करते हुए असहयोग आंदोलन चलाया।

गाँधीजी ने अंग्रेजों द्वारा 1919 में पारित किए गए रॉलट कानून के विरुद्ध सत्याग्रह का आह्वान किया, क्योंकि यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगाता था। गाँधीजी ने लोगों से इस कानून का अहिंसक विरोध करने तथा हड़ताले करने का आह्वान किया। फलस्वरूप अप्रेल, 1919 में देश में जगह-जगह जुलूस निकाले गए तथा हड़तालें की गई। सरकार ने इसके विरोध में दमन चक्र चलाया और इसी के तहत 13 अप्रैल को ‘जलियांवाला हत्याकांड’ घटित हुआ।

(i) वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों का वर्णन कीजिए।

उत्तर – वन्यजीव संरक्षण के लिए सरकार द्वारा किए गए उपाय – (1) प्राकृतिक वनस्पति तथा वन्य जीवों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभयारण्यों की स्थापना की गई है।

(2) वन्यजीवों के शिकार पर प्रतिबंध लगाया गया है।

(3) वनों में मानवीय गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के प्रयास किए गए हैं।

(4) प्रादेशिक और सामुदायिक स्तर पर वन एवं वन्य जीवों के प्रति जागरूकता हेतु अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

(5) वन्य वनस्पति तथा वन्य जीवों की सुरक्षा हेतु अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों की स्थापना की गई है।

उत्तर – भोपाल गैस त्रासदी जैसी औद्योगिक विपदाओं को कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं –

(1) घने बसे आवासीय क्षेत्रों को औद्योगिक क्षेत्रों से अलग दूर रखा जाना चाहिए।

(2) उद्योगों के समीप बसने वाले लोगों को दुर्घटना होने की स्थिति में विषैले एवं खतरनाक पदार्थों के संग्रहण और उनके संभव प्रभावों का ज्ञान होना चाहिए।

(3) आग की चेतावनी और अग्निशमन की व्यवस्था को उन्नत किया जाना चाहिए।

(4) विषैले पदार्थों के भण्डारण क्षमता की सीमा निर्धारित होनी चाहिए।

(5) उद्योगों में प्रदुषण नियंत्रण के उपायों को उन्नत किया जाना चाहिए।

उत्तर – भूमि संरक्षण के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं –

(1) मल्च बनाना – इस विधि के अंतर्गत पौधों के बीच अनावरित भूमि जैव पदार्थ जैसे प्रवाल से ढक दी जाती है। इस विधि से मृदा की आर्द्रता रुकी रहती है।

(2) वेदिका फार्म – इस विधि में चौड़े, समतल सोपान अथवा वेदिका तीव्र ढालों पर बनाए जाते हैं ताकि सपाट सतह फसल उगाने के लिए उपलब्ध हो जाए। इनसे पृष्ठीय प्रवाह और मृदा अपरदन कम होता है।

(3) समोच्चरेखीय जुताई – मृदा अपरदन रोकने की इस विधि में तटीय प्रदेशों और शुष्क प्रदेशों में पवन गति रोकने के लिए वृक्ष कतारों में लगाए जाते हैं ताकि मृदा आवरण को बचाया जा सके।

उत्तर – उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक – उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारकों में संचार, परिवहन, भूमि, विद्युत, कच्चा माल, श्रम, पूँजी, बाजार, जल आदि को शामिल किया जाता है। उद्योग उन्हीं स्थानों पर केन्द्रित होते हैं, जहाँ इनमें से कुछ या ये सभी कारक आसानी से उपलब्ध होते हैं। कभी-कभी सरकार कम दाम पर विद्युत उपलब्धता, कम परिवहन लागत तथा अन्य अवसंरचना जैसे प्रोत्साहन प्रदान करती है, ताकि पिछड़े क्षेत्रों में भी उद्योग स्थापित किया जा सकें।

उत्तर – 13 साल के बच्चे से कारखाने में मजदूरी करवाना संविधान द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार ‘शोषण के विरुद्ध अधिकार’ का उल्लंघन है। इसमें कहा गया है कि ‘मानव व्यापार, जबरिया श्रम और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को मजदूरी पर रखना अपराध है।’

उत्तर – मौलिक अधिकारों वाला खण्ड भारतीय संविधान की अंतरात्मा भी है क्योंकि –

(1) मौलिक अधिकार देश के सभी नागरिकों को राज्य की सत्ता के मनमाने और निरंकुश इस्तेमाल से बचाते हैं। इस तरह संविधान राज्य और अन्य व्यक्तियों के समक्ष व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करता है।

(2) बहुसंख्यकों से अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा का आश्वासन भी संविधान के इस खण्ड में दिया गया है।

(3) मौलिक अधिकारों के बारे में डॉ. अम्बेडकर ने इनका दोहरा उद्देश्य बताया है। पहला, प्रत्येक नागरिक ऐसी स्थिति में हो कि वह उन अधिकारों के लिए दावेदारी कर सकें। दूसरा, ये अधिकार हर उस सत्ता और संस्था के लिए बाध्यकारी हो जिसे कानून बनाने का अधिकार दिया गया है।

उत्तर – धर्म निरपेक्षता से आशय – धर्म निरपेक्षता से आशय है कि धर्म और आस्था के आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। धर्म से संबंधित किसी भी तरह का वर्चस्व खत्म होना चाहिए।

किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता

किसी भी लोकतांत्रिक देश के लिए धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से है –

(1) बहुमत की निरंकुशता को रोकने हेतु – अगर बहुमत वाले धर्म के लोग राज्य सत्ता में पहुँच जाते हैं, तो बहुमत की निरंकुशता के चलते धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो सकता है। लिहाजा बहुमत की निरंकुशता और उसके कारण मौलिक अधिकारों का हनन वह अहम कारण है जिसके चलते लोकतांत्रिक समाजों में धर्मनिरपेक्षता की आवश्यकता होती है।

(2) धार्मिक चुनाव के अधिकार की रक्षा हेतु – लोकतांत्रिक समाजों में धर्म निरपेक्षता की आवश्यकता का एक अन्य महत्त्वपूर्ण कारण लोगों के धार्मिक चुनाव अर्थात् धर्म को चुनने के अधिकार की रक्षा करना है। देश के किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से निकलने और दूसरे धर्म को अपनाने या धार्मिक उपदेशों की अलग ढंग से व्याख्या करने की स्वतंत्रता की रक्षा धर्म निरपेक्षता के माध्यम से ही हो सकती है।

उत्तर – धर्मनिरपेक्षता का सबसे महत्त्वपूर्ण पहलू है – धर्म को राजसत्ता से अलग करना। एक लोकतांत्रिक देश में यह बहुत आवश्यक है। यथा –

(1) बहुमत की निरंकुशता और उसके कारण मौलिक अधिकारों के हनन को रोकने के लिए लोकतांत्रिक समाजों में राज्य और धर्म को अलग-अलग रखना अति आवश्यक है क्योंकि बहुमत की निरंकुशता के चलते धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव हो सकता है।

(2) लोगों के धार्मिक चुनाव के अधिकार की रक्षा करने अर्थात् देश के किसी भी व्यक्ति को एक धर्म से निकलने और दूसरे धर्म को अपनाने या धार्मिक उपदेशों की अलग ढंग से व्याख्या करने की स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए भी धर्म को राज्य से अलग रखना महत्त्वपूर्ण है।

प्रश्न. क्या यही प्रश्न बोर्ड परीक्षा में आएँगे?

उत्तर – कोई जरूरी नहीं है कि यही प्रश्न आएँगे लेकिन प्रश्नों के प्रकार, उनके अंकभार व तरीका यही रहेगा.

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